सिरोही के पिंडवाड़ा क्षेत्र में प्रस्तावित चूना पत्थर खनन परियोजना के खिलाफ स्थानीय लोगों का विरोध तेज हो गया है। बुधवार को भारजा गांव में ग्रामीणों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए कंपनी का पुतला दहन किया और क्षेत्रीय विधायक समाराम गरासिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना है कि यह परियोजना न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगी, बल्कि क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक संरचना पर भी गहरा असर डालेगी।
ग्रामीणों ने जताया पर्यावरणीय खतरे का डर
भारजा में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि प्रस्तावित खनन परियोजना से वन क्षेत्र, जलस्तर और खेती-किसानी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे इस परियोजना को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे। उनका कहना है कि वे पिछले कई महीनों से अधिकारियों और नेताओं का ध्यान इस ओर आकर्षित कर रहे हैं, लेकिन अब तक किसी ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
विधायक और प्रधान के रवैए पर नाराजगी
ग्रामीणों ने बताया कि वे क्षेत्रीय विधायक समाराम गरासिया और प्रधान नितिन बंसल के रवैए से खासे नाराज हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों जनप्रतिनिधियों ने अब तक जनता की भावनाओं को समझने और समर्थन देने की कोई कोशिश नहीं की है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि जल्द परियोजना निरस्त नहीं की गई, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
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जनप्रतिनिधियों से की जा चुकी है मुलाकातें
इससे पहले ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल सांसद लुंबाराम चौधरी, पंचायतीराज मंत्री ओटाराम देवासी, जिला प्रमुख अर्जुनराम पुरोहित, राज्यसभा सांसद नीरज डांगी और पूर्व मुख्यमंत्री सलाहकार संयम लोढ़ा से मुलाकात कर चुका है। उन्होंने सभी से खनन परियोजना को रोकने में सहयोग करने की अपील की, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर कोई राहत नहीं मिली है।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया, तो वे आने वाले दिनों में बड़े आंदोलन की राह पर चलेंगे। उनका कहना है कि यह केवल पर्यावरण की नहीं, बल्कि क्षेत्र के अस्तित्व की लड़ाई है।
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