जिले के अनूपगढ़ क्षेत्र में एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने झारखंड निवासी पौलुस बारजो को गिरफ्तार किया है, जिसने पूछताछ में 11 वर्षों में 454 लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित कराने की बात कबूली है। पुलिस ने नेटवर्क के अन्य सदस्यों को भी राउंडअप किया है और जांच जारी है।
पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने लोगों को लालच देकर उनका ब्रेनवॉश करके धर्म परिवर्तन करवाया। अनूपगढ़ थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 14 निवासी संदीप (23) ने शिकायत में कहा कि उसे शादी का झांसा देकर पौलुस बारजो से मिलवाया गया। पौलुस और उसके साथियों ने प्रेम नगर की नहर पर उसे पानी में डुबकी लगवाकर ईसाई धर्म में दीक्षा दिलाई और बाद में अन्य लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने का दबाव बनाया। संदीप ने प्रताड़ना से परेशान होकर पुलिस और विश्व हिंदू परिषद से मदद ली।
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पूछताछ में पौलुस ने पुलिस को बताया कि वह झारखंड के कटिंगगेल का रहने वाला है। उसने कहा कि 1995 में उसने ईसाई धर्म अपनाया और 2003 में चेन्नई स्थित फ्रेंड्स मिशनरी प्रेयर बैंड नामक मिशनरी संगठन से जुड़ा। एफएमपीबी हर वर्ष पौलुस को 20 लोगों का धर्मांतरण कराने का लक्ष्य देता था। इसके बदले उसे मासिक वेतन के रूप में नौ हजार रुपये के अलावा किराया, भोजन, यात्रा खर्च, सत्संग व्यवस्था और बच्चों की स्कूल फीस जैसी सुविधाएं दी जाती थीं।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को आरोपी के कब्जे से रजिस्टर मिले हैं, जिनमें 454 लोगों के नाम दर्ज हैं। पुलिस का कहना है कि ये सभी मूल रूप से हिंदू थे और इनके धर्म परिवर्तन का ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज है। प्रारंभिक जांच में यह भी पाया गया है कि कुछ मामलों में गरीब, बीमार या असहाय लोगों को चुना गया और उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार कर धर्मांतरण कराया गया।
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पुलिस ने बताया कि इस नेटवर्क में पौलुस के अलावा श्यामलाल, सुरजीत और कई स्थानीय लोग भी शामिल थे, जिनमें कुछ महिलाएं भी थीं जो पहले स्वयं धर्म बदल चुकी थीं। मामले में यह भी जानकारी मिली कि संगठन की गतिविधियों को स्थायी रूप देने के मकसद से चर्च निर्माण के लिए जमीन खरीदी जा चुकी थी जिसमें स्थानीय व्यक्ति विनोद कुमार ने साढ़े तीन लाख रुपये का योगदान दिया।
विश्व हिंदू परिषद के जिलामंत्री कृष्ण राव ने घटनाक्रम पर कड़ी आपत्ति जताई और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
अनूपगढ़ थाना प्रभारी ईश्वर जांगिड़ ने कहा कि मामले की गहन जांच चल रही है। मुख्य आरोपी और उसके सहयोगियों को राउंडअप कर उनसे पूछताछ की जा रही है और जिन लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया, उनसे भी संपर्क कर के विस्तृत जांच की जा रही है। संभावित और गिरोह सदस्यों की पहचान कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।