टोंक जिले की कृषि उपज मंडी में राष्ट्रीय किसान महापंचायत के बैनर तले किसानों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान किसान सीताराम खादवाल की तबियत बिगड़ गई। इसकी सूचना पर सआदत अस्पताल से डॉक्टरों की टीम ने कृषि मंडी पहुंच किसान सीताराम खादवाल के स्वास्थ्य का परीक्षण कर दवा दी। डॉक्टर योगेश अग्रवाल ने बताया, हीट वेव की चपेट में आने से किसान की तबियत बिगड़ी है। अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए कहा है। लेकिन किसान मौके पर ही उपचार करवाना चाहते हैं, जो कि सम्भव नहीं है। फिर भी प्राथमिक उपचार के लिए उन्हें दवाइयां दी हैं।
बता दें कि क़ृषि उपज मंडी समिति टोंक में किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकाल धरना प्रदर्शन शुरू किया है। इसको लेकर बिती देर रात टोंक डीवाईएसपी राजेश विधार्थी भी सुलह समझाइश करने पहुंचे थे। लेकिन कोई सफल वार्ता नहीं हो पाई। वहीं बुधवार सुबह आठ बजे व्यापार मंडल अध्यक्ष भागचंद फुलेता, राजस्थान विकलांग मंच संरक्षक गोवर्धन खारोल भी धरना प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे।
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यह है किसानों की मांग
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निवाई, पीपलू में वर्ष 2024-25 खरीफ फसलों अतिवृष्टि से फसलों 75-100 प्रतिशत होने के उपरांत भी खराबा नहीं दिखाया गया। इसको वर्षा रिकॉर्ड तहसील को मिलाकर आधार बनाकर खराबा की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजें।
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सुअरों, उराई के उपरांत एवं खड़ी फ़सल मूंगफली, गेहूं जैसी फ़सलों को समाप्त किया जा रहा है। इन्हें रोकने के उपाय के लिए उपखंड अधिकारी निवाई टोंक से सहमति होने के उपरांत भी कार्य योजना तैयार नहीं हो रही है। बे-सहारा पशुओं के लिए बनेठा से ककोड़ 10 हजार बीघा जमीन को गौअभ्यारण्य बनाया जाए।
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निवाई कृषि उपज मंडी समिति सचिव द्वारा नियमों के विरुद्ध एवं पद का दुरुपयोग 400-500 ग्राम वज़न अधिक लेने वाले व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर किसान नेताओं के खिलाफ ही षड्यंत्र रचना आरम्भ कर दिया।
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न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नये बनेठा, जोधपूरिया, डारडा हिन्द, सोड़ा, बरोल, निवारिया, पोल्याडा, नगर फोर्ट, गोठड़ा, जामडोली, गुन्सी, डागरथल, सुरेली और मेहंदवास आदि केंद्र खोले जाएं।
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गलवा बांध उनियारा का निर्माण 1960 में सिंचाई सुविधा के लिए बना, उसके उपरांत भी किसानों को अनदेखा कर कल्पतरु पावर प्लांट को दिया जाता है, जिससे बांध निर्माण उद्देश्यों का पालना करने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजें।
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पानी बंटवारे के अनुसार बीसलपुर बांध की भराव क्षमता 38.77 टीएमसी होने से किसान का हिस्सा 9.15 टीएमसी बनता है। बंटवारे में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जाने से आठ टीएमसी सिंचाई किया गया है।
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साल 2024-25 में बांध छोड़ने के समय नौ टीएमसी के प्रस्ताव को राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने की सहमति व्यक्त हुई।
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धरना प्रदर्शन में युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी, लोकसभा प्रभारी भरतराज मीना, प्रदेश मंत्री रतन खोखर, जिलाध्यक्ष गोपीलाल जाट, संयोजक बद्रीलाल गुर्जर, बाबूलाल नागर, महामंत्री हरिशंकर धाकड़, उपाध्यक्ष सीताराम खादवाल राजेश गुर्जर, निवाई तहसील अध्यक्ष दशरथ सिंह चौहान, टोंक अध्यक्ष सीताराम मीना, पीपलू अध्यक्ष दुल्लालाल प्रजापत, देवली तहसील अध्यक्ष आत्माराम चौधरी, प्रचार मंत्री राधेश्याम जाट, कालूलाल गुर्जर आदि सैकड़ों किसान मौजूद रहे।