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VIDEO : In Dalgaon Bhunda Maha Yagya, for the ninth time after four decades, Beda Surat Ram crossed the ditch sitting on a rope
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VIDEO : दलगांव भूंडा महायज्ञ में चार दशक बाद नौवीं बार बेड़ा सूरत राम ने रस्सी पर बैठकर पार की खाई
शिमला ब्यूरो
Updated Sat, 04 Jan 2025 08:00 PM IST
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रोहड़ू के दलगांव में चालीस साल बाद बेड़ा सूरत राम ने सफेद कफन बांधकर पवित्र घास से बने रस्सी पर बैठकर खाई को देवता बकरालू के आशीर्वाद से एक से दूसरे छोर तक सकुशल पार किया। जैसे-जैसे उनके रस्से पर डालने की प्रक्रिया पूरी हुई, वाद्य यंत्रों में बज रही पारंपरिक संगीत की धुने शोक में परिवर्तित हो गई । आयोजन स्थल पर चारों ओर देवता के जयकारे लगने लगे। शनिवार को इस महायज्ञ में हजारों लोगों के सामने बेड़ा आरोहण सकुशल संपन्न हो गया। प्रशासन की ओर से जैड़ी की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए थे। इस मौके पर अरोहण स्थल के आसपास तिल धरने की जगह नहीं थी। बेड़ा आरोहण की रस्म शाम 5:42 बजे शुरू हुई। करीब तीन मिनट के भीतर सूरत राम सकुशल दूसरे छोर पर पहुंच गए। पहले शनिवार दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे इस रस्म को निभाने की तैयारी थी। लेकिन रस्सी के टूटने क बाद दोबारा पूरी तैयारी करना पड़ी । पौराणिक देव परंपराके अनुसार बेड़ा सूरत राम को देवता की पालकी पर बैठा कर आयोजन स्थल तक पहुंचाया गया। इससे पहले आरोहण के लिए पालकी से उतारकर जैसे ही उन्हें लकड़ी की काठी पर बिठाया गया तो वाद्य यंत्रों में शोक की धुने बजने लगीं। ऊपर वाले छोर पर सूरत राम और नीचे दूसरे छोर में उसका पूरा परिवार था। काफी देर तक पूजा-अर्चना हुई। ठीक शाम पौने छह बजे सूरत राम को सकुशल रस्से के सहारे नीचे उतारा गया। नीचे पहुंचते ही उसके माथे पर बंधे पंचरत्न को लेने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मच गई। लोगों ने नीचे पंहुचने पर बेड़ा को देवता की पालकी पर बिठाकर नाचते हुए मंदिर परिसर तक पहुंचाया।। इस तरह हजारों लोगों की मौजूदगी में सूरत राम ने चंद पलों में कई सालों से तैयार की गई आस्था की खाई को सकुशल पार किया। हालांकि, प्रशासन की ओर से उसकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
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