न्यूयॉर्क शहर के मेयर चुनाव में भारतीय मूल के जोहरान ममदानी ने जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है। उन्होंने अमेरिका के पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्यूओमो और रिपब्लिकन कैंडिडेट कर्टिस स्लाइवा को हराकर न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम मेयर बनने का इतिहास रच दिया। यह जीत इसलिए भी खास रही क्योंकि खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस चुनाव को लेकर राजनीतिक बयानबाजी करते हुए यह तक कह दिया था कि ममदानी अगर जीते तो न्यूयॉर्क को फेडरल फंड देना ट्रंप बंद कर देंगे, जिसका खामियाजा न्यूयॉर्क की जनता को भरना पड़ेगा, लेकिन इसके बावजूद ममदानी ने शानदार जीत दर्ज की।
जोहरान ममदानी, युगांडा में जन्मे और भारतीय मूल के हैं, जो न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में पहले मुस्लिम हैं जो इस पद पर पहुंचे। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी एंड्रयू क्यूओमो को लगभग 2.5 लाख वोटों से हराया, जिससे उनकी जीत का अंतर लगभग 56.4% रहा, यह जीत न्यूयॉर्क शहर के इतिहास में सबसे बड़ी जीतों में से एक है। जहां ममदानी को लगभग 11 लाख वोट मिले, वहीं क्यूओमो को लगभग 8.5 लाख वोट ही हासिल हुए। इस तरह ममदानी की जीत का अंतर 2.5 लाख वोट रहा और उनका वोट प्रतिशत 56.4% रहा।
ममदानी की जीत के पीछे जो कारण माने जा रहे हैं, उनमें महंगाई, किराया और रहने की समस्या जैसे मुद्दे शामिल रहे। इसके अलावा सस्ते सार्वजनिक परिवहन और यूनिवर्सल चाइल्ड केयर जैसे रोजमर्रा के आर्थिक मुद्दों पर भी उन्होंने जोर दिया. इन मुद्दों ने मध्यम और निम्न आय वर्ग के मतदाताओं को लुभाया।
इसके अलावा ममदानी की जीत में सोशल मीडिया पर उनकी लोकप्रियता भी एक वजह मानी जा रही है। खासकर जनरेशन Z और मिलेनियल वोटरों ने उन्हें मजबूत समर्थन दिया, जिसकी वजह से ममदानी को रिकॉर्ड जीत हासिल हुई। इसके साथ ही कुछ प्रमुख यूनियनों और प्रोग्रेसिव संगठनों ने भी ममदानी को अपना समर्थन दिया।
ममदानी की जीत का राज उनकी ग्राउंड लेवल कैंपेनिंग और युवा वोटर्स को जोड़ने में था। उन्होंने सोशल मीडिया का बहुत अच्छा इस्तेमाल किया, खासकर इंस्टाग्राम और टिकटॉक पर अपने विचार और नीतियां बताईं। उनकी टीम ने घर-घर जाकर लोगों से बात की, उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें जोड़ा. उनका फोकस रेंट, बस सर्विस, चाइल्ड केयर और आम आदमी की समस्याओं पर था, जिससे उन्हें युवा, इमिग्रेंट्स और वर्किंग क्लास लोगों का बहुत समर्थन मिला।
दरअसल, न्यूयॉर्क के मेयर चुनाव की इस बार चर्चा पूरी दुनिया में हुई क्योंकि इसे ट्रंप की हार के तौर पर देखा जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ममदानी को लगातार निशाना बनाया। उन्होंने ममदानी को ‘कम्युनिस्ट’ और ‘डिजास्टर वेटिंग टू हैपन’ कहा था। यहां तक कि ट्रंप ने चुनाव से पहले लोगों से क्यूओमो को वोट देने के लिए कहा और धमकी दी कि अगर ममदानी जीते तो न्यूयॉर्क को फेडरल फंडिंग बंद कर देंगे।
यहां तक कि ट्रंप ने ममदानी के मुस्लिम होने को लेकर भी इशारों में हमला बोला था। उन्होंने न्यूयॉर्क के यहूदी समुदाय को सलाह दी कि वे ममदानी को वोट न दें और उन्हें ‘ज्यू हेटर’ बताया था।
लेकिन न्यूयॉर्क के लोगों ने इस तरह की बयानबाजी को नकार दिया और ममदानी को जीत दिलाई।