किस्से प्यार के: मोनिका की हड़बड़ाहट पर फिदा हो गए थे बिल क्लिंटन
यह प्रेम कहानी दो ऐसे लोगों की है जो कभी भी अपने प्रेम को समाज में नाम नहीं दे पाए। इस कहानी का नायक 49 वर्षीय एक ऐसा व्यक्ति है जिसे कभी दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान कहा जाता है। वहीं नायिका 22 साल की एक महिला प्रशिक्षु। इस प्रेम कहानी को कभी सार्वजनिक रूप से मान्यता नहीं मिली और इसे एक स्कैंडल का नाम दे दिया गया। तो आइए जानते हैं आखिर ये प्रेम कहानी (स्कैंडल) किसकी है और कब शुरू हुई?
दरअसल यह प्रेम कहानी है अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और उनके सरकारी आवास व्हाइट हाउस में काम करने वाली एक महिला प्रशिक्षु (इंटर्न) मोनिका लेविंस्की की। 1995 में लेविस एंड क्लार्क कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद मोनिका को अपने एक पारिवारिक दोस्त की बदौलत व्हाइट हाउस में एक प्रशिक्षु के तौर पर काम करने का मौका मिल गया। उस वक्त मोनिका की उम्र महज 22 वर्ष थी।
इसके बाद जब उनका प्रशिक्षण खत्म हो गया तो उन्हें बतौर पेड इंटर्न नियुक्ति कर दी गई। जिस वक्त मोनिका ने व्हाइट हाउस में कदम रखा था उस वक्त पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन सत्ता में थे। वह उनका पहला कार्यकाल था। इसी दौरान लेविंस्की का क्लिंटन से आमना-सामना हुआ।
दिल की बात बता दी सहकर्मी से
कुछ समय बाद मोनिका को व्हाइट हाउस की विधायी कार्यों के कार्यालय में बतौर कर्मचारी नियुक्त कर दिया गया। इसी दौरान वह पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के संपर्क में आई और उनके व्यक्तित्व से प्रभावित हो गई।
मोनिका क्लिंटन के प्रभावशाली व्यक्तित्व पर इस कदर मोहित हुई कि वो काफी देर देर तक क्लिंटन को निहारा करती थी। मोनिका काफी चुलबुली थी और अक्सर क्लिंटन के सामने हड़बड़ाया करती थी। मोनिका की यही अदा क्लिंटन को भा जाती थी। बकौल मोनिका क्लिंटन मेरी छोटी छोटी गलतियों को गंभीरता से लेते और उनका लुत्फ उठाते।
सरकारी कामकाज में मसरूफ रहते हुए भी क्लिंटन मोनिका के साथ कुछ हल्के फुल्के पल बिताया करते थे जिससे वो ऊर्जा महसूस करते थे। मोनिका का आकर्षण उन्हें अपनी ओर खींचता और मोनिका खुद उनके करीब रहने के प्रयास करती।
बकौल मोनिका वो जानती थी कि व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति के लिए उसके मन में जागा आकर्षण हालांकि गलत था लेकिन वो इसे रोक नहीं पा रही थी। इन दोनों का प्यार कई साल तक परवान चढ़ा और इस बीच दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बने। लेकिन इस बात को किसी को खबर तक नहीं लगी।
इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब मोनिका ने अपने दिल के छिपे राज रक्षा विभाग की एक सहकर्मी लिंडा ट्रिप के साथ साझा किए। उस दौरान लिंडा ने चुपके से मोनिका की सारी बातें रिकॉर्ड कर ली। लिंडा ने काफी दिनों तक इस बात को छिपा कर रखा। लेकिन जब 1998 में मोनिका ने पाउला जोन्स केस में यह शपथपत्र दाखिल किया कि उसका क्लिंटन के साथ कोई संबंध नहीं है तो लिंडा ने वह रिकॉर्डिंग पाउला मामले की जांच कर रहे अधिकारी किनिथ स्टार को सौंप दी। उस वक्त किनिथ क्लिंटन के खिलाफ कई मामलों की जांच कर रहे थे।
जब क्लिंटन को अदालत के सामने पेश किया गया तो उन्होंने ज्यूरी के सामने अपना पक्ष रखते हुए इस बात को सिरे से नकार दिया कि उन दोनों (क्लिंटन-लेविंस्की) के बीच 'यौन संबंध' थे। इस मुद्दे को अमेरिकी मीडिया समेत पूरी दुनिया में काफी गर्म जोशी के साथ उछाला गया और इसे कई नाम भी दिए गए। जैसे की मोनिकागेट, लेविंस्कीगेट और सेक्सगेट आदि।
बटलर बने प्रेम संबंधों के गवाह
ये वो दौर था जब बिल क्लिंटन 1994 में पाउला द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे थे। ऐसे में मोनिका की वो रिकार्डिंग ने मामले को और सनसनी बना दिया। दरअसल इसी मामले के दौरान लिंडा ने लेविंस्की के साथ हुए बातचीत की रिकॉर्डिंग चांज अधिकारी को सौंपी थी।
रिकार्डिंग सार्वजनिक होने के बाद लेविंस्की ने भी एक बयान जारी कर बिल क्लिंटन के साथ संबंधों पर चुप्पी खोल दी। उसने बताया कि क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन के व्हाइट हाउस में मौजूद होने के बावजूद ये एक दूसरे के प्रेम में गिरफ्त हो गए।
व्हाइट हाउस के दो बटलरों का भी यह मानना था कि मोनिका और क्लिंटन के प्रेम संबंध थे। कई बार तो उन्होंने अपने आंखों से इन दोनों को देखा। उनमें से एक ने तो यह भी बताया कि वे दोनों व्हाइट हाउस के पारिवारिक सिनेमा घर में अकेले दिखाई दिए थे। इस दावों से इस बात की पुष्टि तो हो ही जाती है कि इन दोनों के बीच कुछ न कुछ तो जरूर था।
अधिकारियों ने लेविंस्की भेज दिया पेंटागन
इस दौरान व्हाइट हाउस के अधिकारियों को भी लगने लगा था कि क्लिंटन और लेविंस्की के बीच प्रेम संबंध है। इसलिए उन्होंने 1996 में क्लिंटन के साथ ज्यादा वक्त बिताने की वजह से लेविंस्की का तबादला पेंटागन में कर दिया। कई लोगों का मानना था कि संयुक्त राष्ट्र के पूर्व राजदूत रहे बिल रिचर्डसन शायद क्लिंटन और लेविंस्की के संबंधों के बारे में बहुत कुछ जानते थे।
उनका यह भी मानना था कि रिचर्डसन ने अदालत में पेशी के दौरान ज्यूरी के सामने कभी इन बातों का खुलासा नहीं किया। उन्होंने केवल वो ही बातें बताई जो वो बताना चाहते थे। रिचर्डसन ने एक साक्षात्कार में बताया कि 1997 में उन्हें व्हाइट हाउस की ओर से एक प्रस्ताव आया था कि वह लेविंस्की का इंटरव्यू लेकर उसे संयुक्त राष्ट्र में किसी पद पर नौकरी दे दें। उन्होंने ऐसा ही किया लेकिन लेविंस्की ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
हालांकि, लेविंस्की और क्लिंटन का प्यार परवान तो न चढ़ सका लेकिन यह इतना विवादित जरूर हो गया जिसे करीब 16 साल बीत जाने के बाद भी लोग उसी इस प्रेम कहानी की चर्चा करते हैं जैसे 1998 के समय किया करते थे। इस प्रेम संबंध की वजह अमेरिकी राजनीति में क्लिंटन की छवि दागदार हुई थी।