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देर से ही सही पर फेसबुक के विभाजन पर निर्णय का समय आया
न्यूयॉर्क टाइम्स न्यूज सर्विस, वाशिंगटन।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sun, 13 Dec 2020 05:51 AM IST
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- फोटो : social media
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22 साल बाद ही समय आ चुका है। 1998 में माइक्रोसॉफ्ट पर अमेरिकी अधिवक्तओं ने स्पर्धारोधी कानून के तहत मुकदमा दायर किए थे। आरोप था कि इस बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी ने बाजार में हासिल शक्ति का दुरुपयोग कर सामने आई हर प्रतियोगिता को कुचल दिया।
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लेकिन इसके बाद फेसबुक, गूगल और अमेजन जैसी बड़ी टेक कंपनियों को सरकार ने नाजुक फूल की तरह सहेजा। उनसे गलतियां हुई तो मामूली जुर्माने लगाए कि हंसी आ जाए।
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लेकिन अमेरिका के संघीय वाणिज्य आयोग 46 राज्यों और दो जिलों द्वारा फेसबुक के खिलाफ स्पर्धारोधी कानून में बुधवार को दायर मुकदमों ने करीब एक दशक से फेसबुक को मिले सरकारी प्रश्रय के खात्मे का संकेत है।
हास्यास्पद और कपट भरे तर्क
फेसबुक अब यह भी दावा कर रहा है कि वर्षों पहले जिन कारोबारी समझौतों को खुद एफटीसी हरी झंडी दिखा चुका है. अब उनके मूल्यांकन का कोई औचित्य नहीं है। यह तर्क हास्यास्पद और कपट भरे हैं। क्योंकि एफटीसी ने कभी इंस्टाग्राम और वाट्सअप के फेसबुक में विलय को सहमति नहीं दी।