Bihar News: आरपीएफ का ऑपरेशन 'विलेप' सफल, नेताजी एक्सप्रेस से 76 जीवित कछुए किए बरामद; जानें कहां छुपाए थे?
गयाजी जंक्शन पर आरपीएफ ने ऑपरेशन विलेप के तहत नेताजी एक्सप्रेस के जनरल कोच से 76 जीवित संरक्षित कछुए बरामद किए। लेकिन क्या आप जानते हैं? इन्हें कैसे छुपाकर ले जा रहे थे तस्कर, चलिए बता रहे हैं।
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बिहार के गयाजी जंक्शन पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने ऑपरेशन 'विलेप' के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए 76 जीवित कछुओं को बरामद किया है। यह कार्रवाई सोमवार को गयाजी रेलवे स्टेशन पर की गई।
आरपीएफ अधिकारियों के निर्देश पर आरपीएफ पोस्ट गयाजी के निरीक्षक प्रभारी बनारसी यादव के नेतृत्व में स्टेशन परिसर में अपराध रोकथाम और निगरानी के लिए गश्त की जा रही थी। इसी दौरान प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर खड़ी गाड़ी संख्या 12312 डाउन नेताजी एक्सप्रेस के जनरल कोच की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान चार पिट्ठू बैग और एक झोला संदिग्ध अवस्था में पाए गए।
सभी कछुओं को सुरक्षित रूप से कब्जे में ले लिया गया
जब बैग और झोले की जांच की गई तो उनमें से कुल 76 जीवित कछुए बरामद हुए। आसपास मौजूद यात्रियों से पूछताछ की गई, लेकिन किसी ने भी इन बैगों पर अपना दावा नहीं किया। कछुए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित प्रजाति में आते हैं, इसलिए आरपीएफ ने सभी कछुओं को सुरक्षित रूप से कब्जे में ले लिया।
वन विभाग को सौंप दिया गया
इसके बाद बरामद कछुओं को बैग सहित आरपीएफ पोस्ट गया लाया गया और इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। सूचना मिलने पर गया वन विभाग की रेंज अधिकारी के प्रतिनिधि सहायक उप निरीक्षक वशिष्ठ नारायण अपनी टीम के साथ आरपीएफ पोस्ट पहुंचे, जहां सभी कछुओं को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए सुरक्षित अवस्था में वन विभाग को सौंप दिया गया।
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अनुमानित कीमत करीब 38 लाख रुपये आंकी गई
आरपीएफ अधिकारियों के अनुसार, बरामद किए गए संरक्षित कछुओं की अनुमानित कीमत करीब 38 लाख रुपये आंकी गई है। इस कार्रवाई में आरपीएफ गया के सहायक उप निरीक्षक पवन कुमार, सहायक उप निरीक्षक मृत्युंजय कुमार अकेला, आरक्षी राकेश कुमार सिंह, शशि शेखर, देवेंद्र प्रसाद, अनिल प्रसाद समेत अन्य जवानों और सीपीडीएस टीम गया की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
आरपीएफ ने बताया कि वह रेल यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ वन्यजीव संरक्षण के प्रति भी पूरी तरह प्रतिबद्ध है और अवैध तस्करी के खिलाफ इस तरह के अभियान आगे भी जारी रहेंगे।