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Bihar: दलाई लामा के 3 दिवसीय प्रवचन कार्यक्रम का समापन, अंतिम दिन कड़ाके की ठंड के बावजूद जुटे रहे श्रद्धालु
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बोधगया
Published by: हिमांशु प्रियदर्शी
Updated Sun, 31 Dec 2023 04:11 PM IST
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सार
Dalai Lama: गया में आयोजित बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा का तीन दिवसीय प्रवचन कार्यक्रम रविवार को समाप्त हो गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन कड़कड़ाती ठंड में भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु और अनुयायी शामिल हुए। इस दौरान धर्म गुरु दलाई लामा ने बोधिसत्व की प्राप्ति की शिक्षा दी।

कार्यक्रम में प्रवचन देने पहुंचे दलाई लामा
- फोटो : अमर उजाला

विस्तार
बिहार के गया में अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया में शीर्ष बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के चल रहे तीन दिवसीय प्रवचन कार्यक्रम का आज रविवार को समापन हो गया। हालांकि कड़ाके की ठंड के बावजूद विभिन्न देशों के बौद्ध धर्मगुरु और श्रद्धालु कालचक्र मैदान में जुटे रहे। निर्धारित समय के अनुसार धर्मगुरु कालचक्र मैदान पहुंचे, जहां बने विशाल पंडाल के मंच से उन्होंने धार्मिक मंत्रोच्चारण के साथ कार्यक्रम का शुरुआत की।
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प्रवचन को रेडियो के माध्यम से किया गया प्रसारित
दलाई लामा ने अंतिम दिन तिब्बती भाषा में प्रवचन कार्यक्रम शुरू किया। कालचक्र मैदान में इसे लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। उनके प्रवचन के अनुवाद को विश्व की कई भाषाओं में रेडियो के माध्यम से प्रसारित किया गया। वहीं, कार्यक्रम के अंतिम दिन श्रीलंका, तिब्बत, भूटान, म्यांमार, थाईलैंड, वियतनाम, कंबोडिया सहित कई देशों के लगभग 60 हजार श्रद्धालु शामिल हुए। जहां उन्होंने परम पावन दलाई लामा के प्रवचन को शांतिपूर्वक सुना।
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‘बोधिसत्व की प्राप्ति के लिए जरूरी है मानसिक एकाग्रता’
अपने प्रवचन के दौरान धर्मगुरु दलाईलामा ने लोगों से कहा कि आपको खुद को पहचानने की जरूरत है। भगवान बुद्ध के संदेशों को आत्मसात करना चाहिए, तभी विश्व में शांति आएगी। बोधिसत्त्व की प्राप्ति के लिए मानसिक एकाग्रता जरूरी है। आपसी भाईचारा और मैत्री से ही मानवता का कल्याण होगा। कभी भी ईर्ष्या का भाव न रखें। आधुनिकता के इस दौर में खुद को पहचानते हुए मानसिक रूप से एकाग्र रखने की जरूरत है, तभी शांति आएगी।