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Bihar News: एंबुलेंस गायब और डॉक्टर फरार… परिजन सड़कों पर स्ट्रेचर घसीटते रहे, सोता रहा सिस्टम!
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नवादा
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Mon, 08 Dec 2025 10:39 PM IST
सार
नवादा के अकबरपुर PHC में एंबुलेंस न मिलने और डॉक्टर की गैरमौजूदगी के कारण एक 75 वर्षीय महिला के शव को परिजन स्ट्रेचर पर घसीटकर घर ले जाने को मजबूर हो गए।
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मृतका का शव स्ट्रेचर पर घसीट कर लेते जाते परिजन
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
नवादा जिले के अकबरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) से रविवार की रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया। 75 साल की महिला केशरी देवी, पति रामचंद्र साह, की मौत के बाद परिजन एंबुलेंस न मिलने पर मजबूरी में स्ट्रेचर पर शव को घसीटते हुए पूरे बाजार से अपने घर ले गए। यह दृश्य देख हर कोई व्यथित हो उठा।
एंबुलेंस नहीं मिली, परिजन स्ट्रेचर लेकर घर निकले
परिजनों का कहना है कि उन्होंने अस्पताल प्रशासन से कई बार एंबुलेंस की मांग की, लेकिन उन्हें एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई। आखिर में कर्मचारियों ने केवल स्ट्रेचर थमा दिया। इसके बाद परिजन रोते-बिलखते अस्पताल से अकबरपुर बाजार की सड़कों पर स्ट्रेचर घसीटते हुए घर पहुंच गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों में गुस्सा और दुख दोनों बढ़ गया है। घटना के समय ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अस्पताल में मौजूद ही नहीं थे। मौके पर मौजूद जेएनएम ने बताया कि डॉक्टर के नहीं होने पर वे ही मरीजों को देख रहे थे। यह स्थिति स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही का बड़ा उदाहरण है।
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स्वास्थ्य व्यवस्था पर फिर उठे बड़े सवाल
यह घटना दिखाती है कि ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में आज भी बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। एंबुलेंस सेवा की अनुपलब्धता, डॉक्टरों की गैरमौजूदगी और आपातकालीन सेवाओं में लापरवाही के कारण लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसी घटनाएँ लगातार सामने आने से स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
लोगों ने कार्रवाई और जवाबदेही की मांग की
स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर एंबुलेंस और डॉक्टर समय पर उपलब्ध होते, तो परिजनों को ऐसी अपमानजनक और दर्दनाक स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता। चिकित्सा प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि महिला को रात 11 बजे अस्पताल लाया गया था और तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि परिजनों को एंबुलेंस सेवा पर कॉल करने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने कॉल नहीं किया और खुद ही शव ले जाने लगे।
चूंकि परिजन परिचित थे और उनका घर अस्पताल से सिर्फ 500 मीटर दूर था, इसलिए उन्होंने अस्पताल का स्ट्रेचर मांगकर शव ले जाने का निर्णय लिया।
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एंबुलेंस नहीं मिली, परिजन स्ट्रेचर लेकर घर निकले
परिजनों का कहना है कि उन्होंने अस्पताल प्रशासन से कई बार एंबुलेंस की मांग की, लेकिन उन्हें एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई। आखिर में कर्मचारियों ने केवल स्ट्रेचर थमा दिया। इसके बाद परिजन रोते-बिलखते अस्पताल से अकबरपुर बाजार की सड़कों पर स्ट्रेचर घसीटते हुए घर पहुंच गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों में गुस्सा और दुख दोनों बढ़ गया है। घटना के समय ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर अस्पताल में मौजूद ही नहीं थे। मौके पर मौजूद जेएनएम ने बताया कि डॉक्टर के नहीं होने पर वे ही मरीजों को देख रहे थे। यह स्थिति स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही का बड़ा उदाहरण है।
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ऐसी घटनाएँ लगातार सामने आने से स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
लोगों ने कार्रवाई और जवाबदेही की मांग की
स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर एंबुलेंस और डॉक्टर समय पर उपलब्ध होते, तो परिजनों को ऐसी अपमानजनक और दर्दनाक स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता। चिकित्सा प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि महिला को रात 11 बजे अस्पताल लाया गया था और तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि परिजनों को एंबुलेंस सेवा पर कॉल करने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने कॉल नहीं किया और खुद ही शव ले जाने लगे।
चूंकि परिजन परिचित थे और उनका घर अस्पताल से सिर्फ 500 मीटर दूर था, इसलिए उन्होंने अस्पताल का स्ट्रेचर मांगकर शव ले जाने का निर्णय लिया।