Bihar: खगड़िया में माताओं के दूध में यूरेनियम की मात्रा खतरनाक स्तर पर, विशेषज्ञों ने खतरनाक बताया; जानें
Bihar: खगड़िया में माताओं के दूध में यूरेनियम की मात्रा 250 माइक्रोग्राम से अधिक पाई गई, जो सुरक्षित सीमा से कई गुना ज्यादा है। विशेषज्ञों ने इसे प्रदूषित पानी, उर्वरकों और खराब खानपान का परिणाम बताया है। स्थिति गंभीर स्वास्थ्य खतरे का संकेत देती है।
विस्तार
बिहार के आठ जिलों में माताओं के दूध के सैंपल की जांच कर रही अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थाओं ने खगड़िया जिले को लेकर बेहद चिंताजनक रिपोर्ट जारी की है। जांच में सामने आया है कि खगड़िया की माताओं के दूध में यूरेनियम का स्तर 250 माइक्रोग्राम से अधिक पाया गया है, जबकि स्वास्थ्य मानकों के अनुसार इसकी अधिकतम सीमा 30 माइक्रोग्राम मानी जाती है। यह अंतर न केवल जिले के स्वास्थ्य ढांचे पर सवाल खड़े करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए भी गंभीर खतरा बन गया है।
श्यामलाल चंद्रशेखर मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. विवेकानंद ने स्थिति को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा कि इसका मुख्य कारण प्रदूषित जल स्रोत, खेतों में रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग, दूषित अनाज और फास्ट फूड का बढ़ता सेवन है। डॉ. विवेकानंद के अनुसार, शरीर में यूरेनियम का असर सबसे पहले किडनी पर पड़ता है। इसके अलावा यह हड्डियों के विकास, मस्तिष्क की ग्रोथ और बच्चों की हाइट पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।
पढे़ं: शादी में दूल्हा निकला ‘फ्री फायर’ का दीवाना, मंत्रों के बीच खेलता रहा मोबाइल गेम; दुल्हन मुस्कुराती रही
उन्होंने बताया कि समस्या की जड़ तक पहुंचने के लिए जल्द ही खगड़िया में एक आधुनिक जांच लैब स्थापित की जाएगी, जहां जल स्रोतों और मातृ-दूध में यूरेनियम की मात्रा की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी। इससे समय रहते उपचार और रोकथाम के उपाय किए जा सकेंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार, स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं को इस दिशा में तत्काल पहल करनी चाहिए। सामूहिक प्रयासों से ही इस गंभीर समस्या से निपटा जा सकता है और आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित रखा जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों का भी आभार व्यक्त किया गया है, जिन्होंने समय रहते जांच कर इस गंभीर खतरे की ओर ध्यान आकर्षित किया।