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Bihar: पूर्व रेलवे जीएम का जमालपुर में व्यापक निरीक्षण, 140 टन क्षमता वाला क्रेन टूंडला रेलवे को हस्तांतरित
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंगेर
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Sat, 06 Dec 2025 03:56 PM IST
सार
पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक मिलिंद दाऊद दो दिवसीय निरीक्षण पर जमालपुर पहुंचे, जहां उन्होंने स्टेशन, कोचिंग डिपो, यार्ड, डीज़ल शेड, रेल अस्पताल और कॉलोनी सहित कई महत्वपूर्ण इकाइयों का विस्तृत निरीक्षण किया।
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पूर्व रेलवे जीएम का मेगा निरीक्षण
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक मिलिंद दाऊद शनिवार को दो दिवसीय निरीक्षण यात्रा पर सैलून स्पेशल ट्रेन से जमालपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। स्टेशन पर उतरने के बाद उन्होंने प्लेटफॉर्मों, यात्रियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं और समग्र व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया। इसके बाद उनका काफिला कोचिंग डिपो, यार्ड, डीज़ल शेड, रेल कारखाना, रेल अस्पताल और रेलवे कॉलोनी सहित कई महत्वपूर्ण स्थलों की ओर रवाना हुआ।
जमालपुर रेल कारखाने में महाप्रबंधक ने क्रेन शॉप, वीएलसी, वीएससी, सीआरबी और बीएससी बैगन शॉप सहित कई यूनिटों का बारीकी से जायजा लिया। उन्होंने निर्माण कार्यों की तकनीकी प्रक्रिया को समझा और महिला कर्मियों समेत कामगारों से सीधे संवाद कर उत्पादन से जुड़ी जानकारी हासिल की।
निरीक्षण के दौरान कारखाना परिसर में कर्मियों द्वारा मात्र 75 दिनों में तैयार किए गए 140 टन क्षमता वाले 88वें क्रेन को औपचारिक रूप से नॉर्थ सेंट्रल रेलवे, टूंडला से आए 6 सदस्यीय दल को सौंपा गया। करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह क्रेन उच्च गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का बेहतरीन उदाहरण माना जा रहा है। चाबी प्राप्त करने आए टूंडला के अधिकारियों ने जमालपुर कारखाना की तकनीकी दक्षता और गुणवत्ता की जमकर सराहना की।
पढे़ं: जमालपुर पहुंचे पूर्व रेलवे के जीएम, वर्कशॉप विकास योजनाओं में तेजी लाने के दिए दिशा-निर्देश
हालांकि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार क्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाना था और ‘जमालपुर जैक’ नामक नई मशीन का उद्घाटन भी होना था, लेकिन समय के अभाव में दोनों कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया। इससे मशीन निर्माण में जुटे कर्मियों में हल्की निराशा देखी गई। इधर, कारखाना परिसर से पहली बार रेल कर्मियों द्वारा निर्मित रेल सह सड़क वाहन को हरी झंडी दिखाकर सफलतापूर्वक रवाना किया गया। इसे जमालपुर रेल कारखाने की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।
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जमालपुर रेल कारखाने में महाप्रबंधक ने क्रेन शॉप, वीएलसी, वीएससी, सीआरबी और बीएससी बैगन शॉप सहित कई यूनिटों का बारीकी से जायजा लिया। उन्होंने निर्माण कार्यों की तकनीकी प्रक्रिया को समझा और महिला कर्मियों समेत कामगारों से सीधे संवाद कर उत्पादन से जुड़ी जानकारी हासिल की।
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निरीक्षण के दौरान कारखाना परिसर में कर्मियों द्वारा मात्र 75 दिनों में तैयार किए गए 140 टन क्षमता वाले 88वें क्रेन को औपचारिक रूप से नॉर्थ सेंट्रल रेलवे, टूंडला से आए 6 सदस्यीय दल को सौंपा गया। करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह क्रेन उच्च गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का बेहतरीन उदाहरण माना जा रहा है। चाबी प्राप्त करने आए टूंडला के अधिकारियों ने जमालपुर कारखाना की तकनीकी दक्षता और गुणवत्ता की जमकर सराहना की।
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हालांकि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार क्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाना था और ‘जमालपुर जैक’ नामक नई मशीन का उद्घाटन भी होना था, लेकिन समय के अभाव में दोनों कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया। इससे मशीन निर्माण में जुटे कर्मियों में हल्की निराशा देखी गई। इधर, कारखाना परिसर से पहली बार रेल कर्मियों द्वारा निर्मित रेल सह सड़क वाहन को हरी झंडी दिखाकर सफलतापूर्वक रवाना किया गया। इसे जमालपुर रेल कारखाने की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।