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Bihar News: आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में पूर्व सांसद अजय निषाद आरोपमुक्त, छह साल बाद मिली राहत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुजफ्फरपुर
Published by: तरुणेंद्र चतुर्वेदी
Updated Wed, 26 Nov 2025 08:02 PM IST
सार
पूर्व सांसद अजय निषाद को बड़ी राहत मिली है। विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार को उन्हें सबूत के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया। पढ़ें पूरी खबर।
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भाजपा के पूर्व सांसद अजय निषाद को बड़ी राहत मिली है।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मुजफ्फरपुर जिले के सकरा में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के छह साल पुराने मामले में भाजपा के पूर्व सांसद अजय निषाद को बड़ी राहत मिली है। विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार को उन्हें सबूत के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया। फैसले के बाद अजय निषाद ने न्यायालय के प्रति आभार व्यक्त किया, वहीं उनके समर्थकों और भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई।
क्या था मामला?
18 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के दौरान अजय निषाद का काफिला पंच पृथ्वी चौक से गुजर रहा था। आरोप था कि करीब दस गाड़ियों के काफिले में लगे बैनर और प्रचार सामग्री आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे थे। सहायक अभियंता तथा सहायक दंडाधिकारी विजय कुमार पांडेय ने इस संबंध में त्वरित लिखित आवेदन देकर एफआईआर दर्ज कराई थी।
कोर्ट ने क्यों किया बरी?
करीब छह वर्षों तक चली सुनवाई के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने कहा कि मामले में आरोप साबित करने के पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले। इसके आधार पर अदालत ने पूर्व सांसद को आरोपमुक्त कर दिया।
ये भी पढ़ें- Bihar Politics: रालोमो में सियासी भगदड़, कई पदाधिकारियों का इस्तीफा; इनके व्यवहार की क्यों हो रही निंदा?
अजय निषाद के अधिवक्ता बच्चा पटेल ने बताया कि कोर्ट के फैसले ने स्पष्ट कर दिया कि मामला आधारहीन था। वहीं पूर्व सांसद ने कहा कि “यह न्याय की जीत है, मुझे न्यायपालिका पर हमेशा पूर्ण विश्वास था।” निर्णय के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्साह का माहौल देखा गया।
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क्या था मामला?
18 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के दौरान अजय निषाद का काफिला पंच पृथ्वी चौक से गुजर रहा था। आरोप था कि करीब दस गाड़ियों के काफिले में लगे बैनर और प्रचार सामग्री आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे थे। सहायक अभियंता तथा सहायक दंडाधिकारी विजय कुमार पांडेय ने इस संबंध में त्वरित लिखित आवेदन देकर एफआईआर दर्ज कराई थी।
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कोर्ट ने क्यों किया बरी?
करीब छह वर्षों तक चली सुनवाई के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने कहा कि मामले में आरोप साबित करने के पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले। इसके आधार पर अदालत ने पूर्व सांसद को आरोपमुक्त कर दिया।
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अजय निषाद के अधिवक्ता बच्चा पटेल ने बताया कि कोर्ट के फैसले ने स्पष्ट कर दिया कि मामला आधारहीन था। वहीं पूर्व सांसद ने कहा कि “यह न्याय की जीत है, मुझे न्यायपालिका पर हमेशा पूर्ण विश्वास था।” निर्णय के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्साह का माहौल देखा गया।