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Bihar Election : किस विधान पार्षद और एक मेयर को पार्टी से निष्कासित किया गया? आरके सिंह ने भाजपा को दिया जवाब
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Published by: आदित्य आनंद
Updated Sat, 15 Nov 2025 01:09 PM IST
सार
BJP Party Bihar : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के बाद कई नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण हटाया गया था। इस बार एक विधान पार्षद पर भाजपा ने कार्रवाई की है। एक मेयर पर कार्रवाई की गई। केंद्रीय मंत्री आरके सिंह भी इस सूची में हैं।
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भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने लिया यह फैसला।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में बगावत करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। बिहार भाजपा ने सबसे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरा से सांसद रहे राजकुमार सिंह उर्फ़ आर.के. सिंह पर कार्रवाई की है। इसके बाद कटिहार में विधान परिषद सदस्य अशोक अग्रवाल और मेयर उषा अग्रवाल पर भी कार्रवाई की गई है। पार्टी ने इन तीनों को 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है।
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तीनों नेताओं को जारी किया लेटर
बिहार भाजपा के प्रदेश मुख्यालय प्रभारी अरविंद शर्मा ने तीनों के लिए अलग-अलग पत्र जारी किए। पत्र में लिखा गया है कि आपकी गतिविधियां पार्टी के विरोध में हैं, जो अनुशासनहीनता की श्रेणी में आती हैं। पार्टी ने इसे गंभीरता से लिया है, क्योंकि इससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है और कार्यकर्ताओं का मनोबल प्रभावित हुआ है। इसलिए वरीय पदाधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद आपको भाजपा से निलंबित करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। भाजपा ने तीनों नेताओं को एक सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा है और पूछा है कि आपको पार्टी से क्यों न निष्कासित किया जाए, इसका स्पष्टीकरण अवश्य दें।
आर के सिंह ने दिया जवाब
- फोटो : अमर उजाला
भाजपा के द्वारा कार्रवाई होने के बाद भोजपुर के पूर्व सांसद और भाजपा नेता ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं इसके बाद उन्होंने पार्टी को एक पटर भी लिखा जिसमें उन्होंने यह सवाल किया कि मेरी कौन सी गतिविधियां पार्टी के विरोध में हैं? उन्होंने प्रदेश मुख्यालय प्रभारी अरविन्द शर्मा को पत्र में लिखा कि, "कृपया अपने पत्रांक 726/25 दिनांक 15/11/2025 का निर्देश करें। आपने बताया नहीं है कि मेरी कौन सी गतिविधियां पार्टी के विरोध में है। मैंने कहा कि आपराधिक पृस्ठभूमि के व्यक्तियों को टिकट नहीं दिया जाए। क्या यह पार्टी विरोधी हैं? आपराधिक पृष्टभूमि के लोगों को टिकट देना न तो राष्ट्रहित में है और न तो लोकहित में और न ही पार्टी के हित में। जब कुछ मंत्रियो पर भृष्टाचार तथा आपराधिक पृष्टभूमि के होने का आरोप एक पार्टी ने लगाया तो इससे पार्टी की छवि धूमिल हो रही थी। अतः मैंने कहा कि संबंधित व्यक्ति अपना पक्ष स्पष्ट करे ताकि पार्टी की छवि धूमिल न हो। यह पार्टी विरोधी कार्य नहीं है। यह प्रतीत होता है कि मेरे द्वारा आपराधिक पृष्टभूमि तथा भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के विरुद्ध बयान देना कुछ लोगों को नागवार गुजरा। मैंने पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से अपना त्यागपत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेज दिया है।"