Bihar News: किसके दम पर टिक पाई शराबबंदी? मंत्री के जवाब ने सबको चौंकाया! नशा मुक्ति दिवस पर खास अभियान शुरू
बिहार में शराबबंदी की सफलता का पूरा श्रेय महिलाओं को देते हुए मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस फैसले को महिलाओं के मजबूत समर्थन ने टिकाए रखा है। नशा मुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रचार रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
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बिहार में शराबबंदी की सफलता का पूरा श्रेय महिलाओं को जाता है। महिलाओं की ही मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सामाजिक हित और बेहतर भविष्य के लिए शराबबंदी कानून लागू करने का साहसिक फैसला लिया था। ये बातें उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहीं।
नशे से मुक्ति और जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की ओर से प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को ‘नशा मुक्ति दिवस’ मनाया जाता है। इस वर्ष मुख्य सचिवालय स्थित अधिवेशन भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका लाइव प्रसारण सभी जिलों में किया गया।
'नशा एक गंभीर समस्या है'
मंत्री ने कहा कि शुरू में कई सवाल उठे, लेकिन नेक इरादों के कारण सभी कठिनाइयों से निजात मिल गई। इसका परिणाम है कि आज बिहार में शराबबंदी सफलतापूर्वक लागू है और इसके पीछे सबसे बड़ी ताकत महिलाओं का समर्थन है। उन्होंने कहा कि नशा एक गंभीर समस्या है, जो व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। यह न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि परिवार, समाज और पूरे राज्य को नुकसान पहुंचाती है। मंत्री ने बताया कि शराबबंदी से पहले इस विभाग से राज्य को लगभग 6-7 हजार करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व मिलता था।
शराबबंदी के बाद परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार
मुख्य सचिव ने कहा कि अप्रैल 2016 से अब तक जनता के सहयोग से यह कानून चुनौतियों के बावजूद कायम है। आज सड़कों पर, पर्व-त्योहारों और शादियों में पहले जैसा शराब का माहौल नहीं दिखता। शराबबंदी से लोगों के स्वास्थ्य, सामाजिक व्यवस्था और आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार आया है।
नशा मुक्ति से युवाओं को मिल रही सही दिशा: सचिव
विभागीय सचिव अजय यादव ने कहा कि बिहार नशा मुक्ति के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य है। पुलिस बल, मोटर बोट, स्निफर डॉग, ब्रेथ एनालाइजर और आधुनिक तकनीक के माध्यम से कानून का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि देश की 47 प्रतिशत आबादी 25 वर्ष से कम आयु की है, जबकि बिहार में यह आंकड़ा 57 प्रतिशत है। नशा मुक्त बिहार न सिर्फ युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा दे रहा है, बल्कि महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान भी प्रदान कर रहा है।
कार्यक्रम में सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत जीविका दीदियों को 50 करोड़ 63 लाख रुपये का चेक प्रदान किया गया। अब तक इस योजना से 2 लाख 1 हजार 218 महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं।
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मद्य निषेध और पुलिस बल को सम्मान
मद्य निषेध कानून के सफल क्रियान्वयन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले मद्य निषेध इकाई, पुलिस अधीक्षक, निरीक्षक और मोटर बोट प्रभारियों को प्रशस्ति पत्र, मेडल और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विभाग और जीविका की संयुक्त लघु फिल्म भी दिखाई गई, जिसमें शराब की तुरंत विनिष्टीकरण प्रक्रिया, रात्रि गश्त, तकनीकी छापेमारी, सोशल मीडिया जागरूकता अभियान और जीविका दीदियों की भूमिका को दर्शाया गया।
किलकारी बाल गृह के बच्चों ने नशा मुक्ति पर गीत प्रस्तुत किया, जबकि पटना कला एवं शिल्प महाविद्यालय के छात्रों द्वारा शराब के दुष्प्रभावों पर आधारित चित्रकला और मूर्तिकला प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही। कार्यक्रम में विभाग के कई वरीय अधिकारी, जीविका दीदियां और पुलिसकर्मी उपस्थित रहे।