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Bihar: गलत जाति प्रमाण पत्र पर मुखिया पद से हटाया, निर्वाचन आयोग ने दिए कार्रवाई के दिए निर्देश; इनपर गिरी गाज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, किशनगंज
Published by: शबाहत हुसैन
Updated Thu, 09 Oct 2025 09:36 PM IST
सार
Bihar News: राज्य निर्वाचन आयोग ने उन्हें बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 135 और 136(2) के तहत अयोग्य घोषित करते हुए तत्काल प्रभाव से मुखिया पद से मुक्त कर दिया। वादी की ओर से अधिवक्ता रंजीत चौबे और प्रतिवादी की ओर से अधिवक्ता अविनाश कुमार तथा एसबीके मंगलम ने अपना पक्ष रखा था।
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जाति प्रमाण पत्र पर मुखिया पद से हटाया
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड स्थित जीरनगच्छ पंचायत की मुखिया सोगरा नसरीन को गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर पद से हटा दिया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने फर्जी प्रमाण पत्र जमा कर आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने के मामले में यह कार्रवाई की है।
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आयोग ने सोगरा नसरीन के फर्जी शपथ पत्र पर आपराधिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, इस मामले में दोषी पाए गए प्रशासनिक अधिकारियों पर भी विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। यह कार्रवाई बिहार राज्य निर्वाचन आयोग के ज्ञापन संख्या 39/2024 के आलोक में की गई है।
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यह मामला तनवीर आलम द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद सामने आया था। सुनवाई के दौरान प्राप्त साक्ष्यों से यह प्रमाणित हुआ कि सोगरा नसरीन की जाति 'शेख' है, जो बिहार सरकार के पिछड़ा वर्ग में शामिल नहीं है। इसके बावजूद उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र का उपयोग कर आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ा और मुखिया बनीं।
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राज्य निर्वाचन आयोग ने उन्हें बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 135 और 136(2) के तहत अयोग्य घोषित करते हुए तत्काल प्रभाव से मुखिया पद से मुक्त कर दिया। वादी की ओर से अधिवक्ता रंजीत चौबे और प्रतिवादी की ओर से अधिवक्ता अविनाश कुमार तथा एसबीके मंगलम ने अपना पक्ष रखा था। इस प्रकरण में तत्कालीन अंचल अधिकारी (CO) और संबंधित राजस्व कर्मचारी को भी दोषी पाया गया है। आयोग ने इन अधिकारियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है।