Bihar : वंदे भारत ट्रेन हादसा; बाल मजदूरी के जाल में फंसे थे मासूम, ठेकेदार की क्रूरता ने 4 बच्चों की ली जान
Purnia News : वंदे भारत ट्रेन की चपेट में चार नाबालिगों की मौत का कारण बाल मजदूरी और क्रूरता है। घायल कुलदीप ऋषि (12) ने खुलासा किया कि विशु ठेकेदार ने 18 घंटे काम न करने पर उन्हें पीटा और अधमरा कर पटरी पर छोड़कर भाग गया।
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पूर्णिया कसबा में वंदे भारत ट्रेन की चपेट में आकर चार नाबालिग बच्चों की मौत का मामला अब एक साधारण दुर्घटना नहीं रह गया है। यह हादसा बाल मजदूरी, क्रूरता और हत्या के प्रयास की भयावह कहानी बन गया है। हादसे में गंभीर रूप से घायल 12 वर्षीय कुलदीप ऋषि ने होश में आने के बाद पुलिस और प्रशासन को जो जानकारी दी, उसने पूरे देश को झकझोर दिया। कुलदीप ने मुख्य आरोपी ठेकेदार विशु साहनी पर बच्चों को अमानवीय यातनाएं देने और पीट-पीटकर रेलवे ट्रैक पर मरने के लिए छोड़ने का आरोप लगाया।
लालच देकर दरभंगा से पूर्णिया लाया था
कुलदीप ने बताया कि ठेकेदार उन्हें मखाना फोड़ने के काम के लिए 5 हजार रुपये मासिक का लालच देकर दरभंगा से पूर्णिया लाया था। ये बच्चे 12 से 16 वर्ष के थे और प्रतिदिन 17-18 घंटे काम करते थे। उन्हें आग के पास मखाना बुझाने का काम करना पड़ता था, रात में भी। काम से इनकार करने पर ठेकेदार जूते-चप्पलों से बेरहमी से पीटता था। बच्चों को ठीक से सोने भी नहीं दिया जाता था, जिससे वे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित हो चुके थे।
पांचों बच्चों ने घर भागने का निर्णय लिया
क्रूरता से तंग होकर पांचों बच्चों ने घर भागने का निर्णय लिया। दशमी के दिन ठेकेदार ने उन्हें मेला देखने के लिए 50-50 रुपये दिए। बच्चे तय किए कि फैक्ट्री वापस नहीं जाएंगे और पैसे से घर चलेंगे। कुछ दूरी पर पहुंचते ही ठेकेदार पीछे से आ गया और बच्चों को रेलवे पटरी के पास पकड़कर बुरी तरह से पीटा। वह उन्हें तब तक पीटता रहा जब तक वे अधमरा और बेहोश नहीं हो गए। इसके बाद बच्चों को बेहोशी की हालत में रेलवे ट्रैक पर छोड़कर फरार हो गया।
बच्चे उसी स्थिति में वंदे भारत ट्रेन की चपेट में आ गए। हादसे में तीन नाबालिगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
पूरे इलाके में चीख-पुकार मची
कुलदीप ऋषि अकेला बच्चा है, जो बच पाया। उसकी हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। वह होश में आने के बाद पूरी घटना की जानकारी प्रशासन को दे चुका है। जब चारों बच्चों के शव उनके गांव पहुंचे, पूरे इलाके में चीख-पुकार और मातम का माहौल बन गया। जानकारी मिली है कि लगभग दो महीने पहले गांव के कुछ लोगों की सांठगांठ से दरभंगा निवासी ठेकेदार अमर कुमार और विशु साहनी ने इन नाबालिगों को काम पर लिया था।
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सांसद पप्पू यादव का बयान आया सामने
मुख्य आरोपी विशु ठेकेदार घटना के बाद से फरार है। पुलिस ने हत्या और बाल मजदूरी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है वहीं, सांसद पप्पू यादव ने कहा है कि यह हादसा केवल ट्रेन से कटने का नहीं था, बल्कि बच्चों को मारकर रेलवे ट्रैक पर फेंकने का मामला है। उन्होंने डीआईजी पूर्णिया से इस मामले की गहन और निष्पक्ष जांच की मांग की है, ताकि सच सामने आए और दोषियों को सजा मिले।