Bihar News: लापता तालीमी मरकज शिक्षक की हत्या, दो महीने बाद मिट्टी में दबा शव बरामद; ये लोग शक के घेरे में
भारत-नेपाल सीमा से सटे किशनगंज जिले के दिघलबैंक में दो महीने से लापता तालीमी मरकज़ शिक्षक महबूब आलम की हत्या का पर्दाफाश हो गया। पुलिस ने एक संदिग्ध की निशानदेही पर मिट्टी में दबा उनका शव बरामद किया है।
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भारत-नेपाल सीमा से सटे किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड में लापता तालीमी मरकज़ शिक्षक महबूब आलम का शव लगभग दो महीने बाद बरामद होने से इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस ने वैज्ञानिक अनुसंधान और हिरासत में लिए गए एक संदिग्ध से पूछताछ के आधार पर हत्या और शव को मिट्टी में दबाने का मामला उजागर किया है।
21 सितंबर को रहस्यमय तरीके से लापता हो गए थे
दिघलबैंक थाना क्षेत्र के सतकौआ पंचायत के हल्दा बन गांव निवासी महबूब आलम 21 सितंबर को रहस्यमय तरीके से लापता हो गए थे। कई दिनों तक कोई सुराग न मिलने पर उनकी पत्नी ने 14 अक्टूबर 2025 को दिघलबैंक थाना में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
सख्त पूछताछ में आरोपी ने कबूला जुर्म
मामले की जांच में जुटी पुलिस ने तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर एक व्यक्ति को हिरासत में लिया। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने महबूब आलम की हत्या कर शव को मिट्टी में दबाने की बात स्वीकार कर ली। सूचना मिलते ही अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) मंगलेश कुमार मौके पर पहुंचे और पूरी घटना की बारीकी से जांच की।
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पत्नी और ससुराल वाले संदेह के दायरे में
एसडीपीओ मंगलेश कुमार ने बताया कि मृतक का ससुराल इसी प्रखंड के धंतोला पंचायत में है। उन्होंने पुष्टि की कि अब तक तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। पत्नी और ससुराल पक्ष के कुछ सदस्य भी संदेह के दायरे में हैं। एसडीपीओ ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद जो भी अपराध में शामिल पाए जाएंगे, उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने कांड के खुलासे में विपिन कुमार सिंह के योगदान की सराहना भी की। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस सनसनीखेज मामले से दिघलबैंक क्षेत्र में दहशत और चर्चा का माहौल बना हुआ है।