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Bihar News : बेटी की हत्या में मां को फांसी, परदेस में था पति तो प्रेमी के साथ देख लिया था; राज खुलने का था डर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अररिया
Published by: तरुणेंद्र चतुर्वेदी
Updated Thu, 27 Nov 2025 08:56 PM IST
सार
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ रवि कुमार की अदालत ने दोषी मां को फांसी की सजा सुनाते हुए कहा कि यह अपराध “माता” जैसे पवित्र शब्द को कलंकित करता है। पढ़ें पूरी खबर।
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बच्ची की निर्मम हत्या मामले में अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
अररिया जिले के नरपतगंज क्षेत्र में दस साल की बच्ची की निर्मम हत्या मामले में अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ रवि कुमार की अदालत ने दोषी मां को फांसी की सजा सुनाते हुए कहा कि यह अपराध “माता” जैसे पवित्र शब्द को कलंकित करता है। इस फैसले ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।
नरपतगंज थाना कांड संख्या 380/23 के अनुसार, मां व उसके पति चंदन सिंह पंजाब में मजदूरी करते थे। पति की अनुपस्थिति में उसका अपने पड़ोसी रूपेश कुमार सिंह से अवैध संबंध विकसित हो गया।
इसी दौरान 10 जुलाई 2023 को उनकी 10 वर्षीय बेटी ने मां को रूपेश के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया। बच्ची ने पिता को इस बारे में बताने की चेतावनी दी। इसी बीच पति के घर लौटने की सूचना मिली, जिससे मां और रूपेश के अवैध संबंध के उजागर होने का डर बढ़ गया।
साजिश और हत्या
बच्ची का मुंह बंद करने के लिए दोनों ने मिलकर हत्या की योजना बनाई। 10 जुलाई की शाम मां बाजार से मछली और कीटनाशक लेकर लौटी। उसने कुछ मछलियों में जहर मिलाया और उसे शिवानी को खिला दिया। बेहोश होते ही मासूम बच्ची पर सब्जी काटने वाले चाकू से कई वार कर उसकी हत्या कर दी गई।
हत्या के बाद शव को घर के जलावन स्थान में रखे मकई के ढेर में छिपा दिया गया। खून के दाग मिटाकर मां ने बच्ची के अपहरण की झूठी कहानी फैलाने की कोशिश भी की।
खुलासा और गिरफ्तारी
चौकीदार भगवान कुमार पासवान के दिए बयान पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। जांच के दौरान मकई के ढेर से शिवानी का शव, घटना में इस्तेमाल चाकू और अन्य सामान बरामद हुआ। इसके बाद मामले की गांठ खुलती चली गई और पूनम देवी तथा आरोपित प्रेमी रूपेश सिंह गिरफ्तार हुए।
ये भी पढ़ें- Bihar : 'पापा-माई को कष्ट नहीं होना चाहिए', चिट्ठी लिखी फिर जान दी; दो नंबर से UPSC एग्जाम में पिछड़ा था अंकित
अदालत का निर्णय
अपर लोक अभियोजक प्रभा कुमारी ने अदालत से कठोरतम सजा की मांग की। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुनाया:
धारा 302 (हत्या): फांसी की सजा दोषी को तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए।
धारा 328 (जहर देना): 7 वर्ष सश्रम कारावास + ₹50,000 जुर्माना।
धारा 201 (सबूत मिटाना): 5 वर्ष सश्रम कारावास + ₹10,000 जुर्माना।
जुर्माना न भरने की स्थिति में दोषी को अतिरिक्त 18 माह की कैद भी भुगतनी होगी।
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नरपतगंज थाना कांड संख्या 380/23 के अनुसार, मां व उसके पति चंदन सिंह पंजाब में मजदूरी करते थे। पति की अनुपस्थिति में उसका अपने पड़ोसी रूपेश कुमार सिंह से अवैध संबंध विकसित हो गया।
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इसी दौरान 10 जुलाई 2023 को उनकी 10 वर्षीय बेटी ने मां को रूपेश के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया। बच्ची ने पिता को इस बारे में बताने की चेतावनी दी। इसी बीच पति के घर लौटने की सूचना मिली, जिससे मां और रूपेश के अवैध संबंध के उजागर होने का डर बढ़ गया।
साजिश और हत्या
बच्ची का मुंह बंद करने के लिए दोनों ने मिलकर हत्या की योजना बनाई। 10 जुलाई की शाम मां बाजार से मछली और कीटनाशक लेकर लौटी। उसने कुछ मछलियों में जहर मिलाया और उसे शिवानी को खिला दिया। बेहोश होते ही मासूम बच्ची पर सब्जी काटने वाले चाकू से कई वार कर उसकी हत्या कर दी गई।
हत्या के बाद शव को घर के जलावन स्थान में रखे मकई के ढेर में छिपा दिया गया। खून के दाग मिटाकर मां ने बच्ची के अपहरण की झूठी कहानी फैलाने की कोशिश भी की।
खुलासा और गिरफ्तारी
चौकीदार भगवान कुमार पासवान के दिए बयान पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। जांच के दौरान मकई के ढेर से शिवानी का शव, घटना में इस्तेमाल चाकू और अन्य सामान बरामद हुआ। इसके बाद मामले की गांठ खुलती चली गई और पूनम देवी तथा आरोपित प्रेमी रूपेश सिंह गिरफ्तार हुए।
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अदालत का निर्णय
अपर लोक अभियोजक प्रभा कुमारी ने अदालत से कठोरतम सजा की मांग की। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुनाया:
धारा 302 (हत्या): फांसी की सजा दोषी को तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए।
धारा 328 (जहर देना): 7 वर्ष सश्रम कारावास + ₹50,000 जुर्माना।
धारा 201 (सबूत मिटाना): 5 वर्ष सश्रम कारावास + ₹10,000 जुर्माना।
जुर्माना न भरने की स्थिति में दोषी को अतिरिक्त 18 माह की कैद भी भुगतनी होगी।