कांकेर में धर्मांतरित शव निकालने पर बवाल: भिड़े आदिवासी-ईसाई समुदाय, दौड़ा-दौड़कर पीटा, ASP समेत कई लोग घायल
Conversions in Kanker: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में धर्मांतरित सरपंच के पिता के शव को कब्र से निकालने पर जारी बवाल हिंसक रूप ले चुका है।
विस्तार
Conversions in Kanker: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में धर्मांतरित सरपंच के पिता के शव को कब्र से निकालने पर जारी बवाल हिंसक रूप ले चुका है। शुक्रवार को भी आदिवासी और धर्मांतरित समुदाय के बीच हिंसक झड़प हुई। इस दौरान आदिवासी समाज और ईसाई समाज ने एक दूसरे को दौड़ा-दौड़ा कर डंडे से जमकर मारा। इतना ही नहीं गुस्साई भीड़ चर्च में घुसकर आग लगा दी। पुलिस ने जब मामला शांत करने के लिये लाठियां भांजी तो उस पर भी पथराव किया। इसमें एएसपी आशीष बंछोर समेत 20 से ज्यादा पुलिस वाले घायल हुए हैं।
हालात बेकाबू हो गये तो पुलिस को जान बचाकर भागना पड़ा। दो चर्च में आगजनी के बाद भी जब भीड़ शांत नहीं हुईं और लगातार पत्थरबाजी करती रही तो पुलिस ने लाठिया भांजी। इस हिंसक प्रदर्शन में एक पुलिस अधिकारी समेत कई लोग घायल हुए हैं। खून से लथपथ होने के बाद भी ग्रामीणों का आक्रोश शांत नहीं हुआ और लगातार पुलिस पर पथराव करते रहे।
लाठी डंडे और पत्थर से हमला
पथराव से घायल एएसपी आशीष बंछोर को एंबुलेंस से अंतागढ़ भेजा गया। बड़े तेवड़ा में हिंसक प्रदर्शन के बाद भीड़ आमाबेड़ा की तरफ बढ़ी तो चर्च के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, लेकिन भीड़ आमाबेड़ा के चर्च में भी घुस आई और तोड़फोड़ करते हुए आगजनी की। पुलिस के जवानों पर भी ग्रामीणों ने लाठी डंडे और पत्थर से हमला किया जिसके बाद पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा, जिसमें कुछ ग्रामीण घायल हुए हैं। कुछ जवानों को भी चोट लगी है, फिलहाल स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है। भीड़ को पुलिस ने खदेड़ा जरूर है लेकिन भीड़ जंगल में घुस गई है, जहां से भी पथराव और गुलेल से हमला कर रही है। स्थिति को देखते हुए मौके पर अतिरिक्त बल भेजे जाने की खबर है, लेकिन कड़ी सुरक्षा के बाद भी स्थिति कैसे बिगड़ गई इसका जवाब देने से पुलिस और प्रशासन के अधिकारी बचते नजर आ रहे हैं।
जानें क्या है मामला
बता दें कि बड़े तेवड़ा के सरपंच राजमन सलाम के पिता चमरू सलाम की बीमारी से मौत के बाद ग्रामीणों ने धर्मांतरित होने के कारण शव को गांव में दफन नहीं करने की चेतावनी दी थी, लेकिन सरपंच ने दबंगई दिखाते हुए गांव में ही शव को दफन कर दिया। इस पर आक्रोशित ग्रामीणों ने शव को कब्र से निकालने की कोशिश को, तो झड़प में आठ लोग घायल हो गए थे। इसके बाद भारी पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया था। सूचना पर आमाबेड़ा में ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई। इस बीच प्रशासन ने दूसरे पक्ष से चर्चा कर शव को बाहर निकाल गांव से दूर दफन करने को लेकर राजी करवाया और भारी सुरक्षा के बीच शव को बाहर निकाला गया, लेकिन जैसे ही शव को लेकर वाहन गांव से बाहर निकली। ग्रामीण शव को दिखाने की मांग को लेकर उग्र हो गए और भीड़ गांव के चर्च में घुस गई और चर्च में आगजनी कर दी। जब पुलिस ने बल प्रयोग शुरू की तो पुलिस पर ही पथराव किया। इस पथराव में एएसपी आशीष बंछोर समेत 20 से ज्यादा पुलिस वाले घायल हुए हैं।