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जीवन धारा: तूफानों से लड़ने वाले वृक्ष ही मजबूत बनते हैं
नेपोलियन हिल
Published by: लव गौर
Updated Thu, 04 Dec 2025 06:41 AM IST
सार
प्रकृति बताती है कि मजबूत वृक्ष वे नहीं हैं, जिन्हें सुरक्षा मिली हो, बल्कि वे हैं, जिन्होंने खुले मैदान में तूफानों का सामना किया हो। बेशक संघर्ष पीड़ा देता है, लेकिन इन्सान को बेहतरीन प्रतिफल भी उसी से मिलता है।
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तूफानों से लड़ने वाले वृक्ष ही मजबूत बनते हैं
- फोटो : अमर उजाला प्रिंट
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विस्तार
प्रकृति ने मनुष्य के भीतर जो सबसे चतुर तंत्र रचा है, उसका नाम है संघर्ष। यह वही शक्ति है, जो इन्सान को आगे बढ़ने, विकसित होने और अंततः महान बनने के लिए प्रेरित करती है। संघर्ष कभी दर्द बनकर सामने आता है और कभी किसी अद्भुत अनुभव का रूप लेकर, परंतु हर रूप में वह मनुष्य को आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा ही देता है। जन्म से लेकर अंतिम सांस तक का जीवन चुनौतियों व परीक्षाओं से भरी एक निरंतर यात्रा है, जिसे कोई भी टाल नहीं सकता। ऐसे में, लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए संघर्ष जरूरी है।
हर सीख, हर समझ और हर अनुभव एक नई चुनौती के द्वार से होकर गुजरता है। ठीक उसी प्रकार जैसे सोना आग में तपकर चमकता है, व्यक्ति भी संघर्ष के ताप से निखरता है। धन-संपत्ति का निर्माण हो या कॅरिअर की ऊंचाई, कोई भी लक्ष्य संघर्ष के बिना नहीं मिलता। कई लोग तो आवश्यकता से अधिक धन कमाने की बेचैनी में, अत्यधिक परिश्रम और चिंता के कारण जीवन के शुरुआती पड़ाव में ही खुद को थका देते हैं। परंतु संघर्ष केवल धन या पद तक सीमित नहीं है। बेहतर सेहत बनाए रखना अपने आप में एक निरंतर युद्ध है-आलस्य, अस्वास्थ्यकर आदतें, रोगों और तनाव से लड़ने का युद्ध। इसी प्रकार भोजन, आश्रय, नौकरी की सुरक्षा, पेशे में पहचान, और व्यवसाय को संकट से बचाने जैसे हर मोड़ पर संघर्ष मिलता ही है। जीवन का ऐसा शायद ही कोई क्षेत्र हो, जहां संघर्ष का हाथ थामे बिना आगे बढ़ना संभव हो पाए।
संघर्ष मनुष्य को तोड़ता नहीं, बल्कि उसे और बेहतर ढंग से गढ़ता है। वह बुद्धि को पैना करता है, उत्साह को जगाता है, विश्वास को मजबूत करता है और कल्पनाशक्ति को बढ़ाता है। यही वह चीज है, जो मनुष्य को अपने भीतर छिपे उस उद्देश्य की खोज करने के लिए प्रेरित करता है, जिसके लिए वह इस धरती पर आया है। यह आत्मसंतोष और आलस्य की नींद से बाहर निकालकर उसे जीवन की अनवरत गति में बनाए रखता है। मनुष्य की सबसे बड़ी शक्ति वही है, जो उसे सबसे बड़ी चुनौती देती है। और यही सत्य है। शक्ति, चाहे शारीरिक हो या मानसिक, संघर्ष की ही उपज है। जो व्यक्ति चुनौतियों का सामना करता है, वह अंततः वही शक्ति प्राप्त करता है, जिसकी उसे अपनी विजय के लिए आवश्यकता होती है।
जीवन की राह स्पष्ट है-गतिशील रहो या फिर समाप्त हो जाओ। यहां कोई अपवाद नहीं, कोई समझौता नहीं। प्रकृति बताती है कि सबसे मजबूत वृक्ष वे नहीं हैं, जिन्हें सुरक्षा मिली हो, बल्कि वे हैं, जिन्होंने खुले मैदान में तूफानों का सीधे सामना किया हो। हर संघर्ष कुछ पीड़ा देता है, लेकिन यही पीड़ा मनुष्य को उसका सबसे बड़ा प्रतिफल भी देती है। इतिहास के हर सफल व्यक्तित्व ने अपना नेतृत्व संघर्षों की भट्टी में तपा है। इसलिए, संघर्ष से भागिए मत।
खुद को तराशते रहें
जीवन में हर कदम पर खुद को गढ़ना पड़ता है। संघर्ष ही वह जादू है, जो क्षमताओं को तराशता तथा हौसले को और मजबूत बनाता है। जो व्यक्ति चुनौतियों से नहीं डरता, वही अपनी वास्तविक क्षमता को पहचान पाता है। तूफानों से जूझकर खड़े रहने वाले वृक्षों की तरह, इन्सान भी विपरीत परिस्थितियों का सामना करके ही महान बनता है।
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हर सीख, हर समझ और हर अनुभव एक नई चुनौती के द्वार से होकर गुजरता है। ठीक उसी प्रकार जैसे सोना आग में तपकर चमकता है, व्यक्ति भी संघर्ष के ताप से निखरता है। धन-संपत्ति का निर्माण हो या कॅरिअर की ऊंचाई, कोई भी लक्ष्य संघर्ष के बिना नहीं मिलता। कई लोग तो आवश्यकता से अधिक धन कमाने की बेचैनी में, अत्यधिक परिश्रम और चिंता के कारण जीवन के शुरुआती पड़ाव में ही खुद को थका देते हैं। परंतु संघर्ष केवल धन या पद तक सीमित नहीं है। बेहतर सेहत बनाए रखना अपने आप में एक निरंतर युद्ध है-आलस्य, अस्वास्थ्यकर आदतें, रोगों और तनाव से लड़ने का युद्ध। इसी प्रकार भोजन, आश्रय, नौकरी की सुरक्षा, पेशे में पहचान, और व्यवसाय को संकट से बचाने जैसे हर मोड़ पर संघर्ष मिलता ही है। जीवन का ऐसा शायद ही कोई क्षेत्र हो, जहां संघर्ष का हाथ थामे बिना आगे बढ़ना संभव हो पाए।
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संघर्ष मनुष्य को तोड़ता नहीं, बल्कि उसे और बेहतर ढंग से गढ़ता है। वह बुद्धि को पैना करता है, उत्साह को जगाता है, विश्वास को मजबूत करता है और कल्पनाशक्ति को बढ़ाता है। यही वह चीज है, जो मनुष्य को अपने भीतर छिपे उस उद्देश्य की खोज करने के लिए प्रेरित करता है, जिसके लिए वह इस धरती पर आया है। यह आत्मसंतोष और आलस्य की नींद से बाहर निकालकर उसे जीवन की अनवरत गति में बनाए रखता है। मनुष्य की सबसे बड़ी शक्ति वही है, जो उसे सबसे बड़ी चुनौती देती है। और यही सत्य है। शक्ति, चाहे शारीरिक हो या मानसिक, संघर्ष की ही उपज है। जो व्यक्ति चुनौतियों का सामना करता है, वह अंततः वही शक्ति प्राप्त करता है, जिसकी उसे अपनी विजय के लिए आवश्यकता होती है।
जीवन की राह स्पष्ट है-गतिशील रहो या फिर समाप्त हो जाओ। यहां कोई अपवाद नहीं, कोई समझौता नहीं। प्रकृति बताती है कि सबसे मजबूत वृक्ष वे नहीं हैं, जिन्हें सुरक्षा मिली हो, बल्कि वे हैं, जिन्होंने खुले मैदान में तूफानों का सीधे सामना किया हो। हर संघर्ष कुछ पीड़ा देता है, लेकिन यही पीड़ा मनुष्य को उसका सबसे बड़ा प्रतिफल भी देती है। इतिहास के हर सफल व्यक्तित्व ने अपना नेतृत्व संघर्षों की भट्टी में तपा है। इसलिए, संघर्ष से भागिए मत।
खुद को तराशते रहें
जीवन में हर कदम पर खुद को गढ़ना पड़ता है। संघर्ष ही वह जादू है, जो क्षमताओं को तराशता तथा हौसले को और मजबूत बनाता है। जो व्यक्ति चुनौतियों से नहीं डरता, वही अपनी वास्तविक क्षमता को पहचान पाता है। तूफानों से जूझकर खड़े रहने वाले वृक्षों की तरह, इन्सान भी विपरीत परिस्थितियों का सामना करके ही महान बनता है।