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निवेश-बचत: महंगाई के दौर में जीवन-यापन खर्च पर रखें नजर, लाइफस्टाइल के जाल में फंसने से बचें

नारायण कृष्णमूर्ति, आर्थिक सलाहकार Published by: दीपक कुमार शर्मा Updated Mon, 29 Jul 2024 05:34 AM IST
सार

बढ़ती महंगाई व घर के सदस्यों की संख्या में वृद्धि के साथ एक और महत्वपूर्ण कारक है, जो आपके खर्चे बढ़ा देता है। वह है...जीवन-यापन पर होने वाला खर्च। कमाई बढ़ने के साथ यह खर्च बढ़ता जाता है और आपको उस खतरनाक मोड़ पर लाकर खड़ा कर देता है, जहां से वित्तीय प्रबंधन करना मुश्किल हो जाता है।

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Keep an eye on living expenses in times of rising inflation
प्रतीकात्मक फोटो - फोटो : एएनआई
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विस्तार
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हम ऐसे दौर से गुजर रहे हैं, जब घर के खर्चे लगातार बढ़ रहे हैं। इसकी वजह...बढ़ती महंगाई या घर के सदस्यों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। खर्चों में एक और तरह की बढ़ोतरी होती है...जीवनशैली के कारण जीवन-यापन खर्चों में वृद्धि। यह थोड़ा खतरनाक पहलू है, जो उन घरों में होता है, जहां खरीद क्षमता बढ़ जाती है। हालांकि, आय बढ़ने के साथ गैर-जरूरी चीजों पर खर्च भी बजट बढ़ा देते हैं।

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उदाहरण के लिए...खरीद क्षमता बढ़ने के बाद लोग ऐसी चीजें खरीदने लगते हैं, जिनकी जरूरत नहीं होती है। जैसे...गैजेट, फर्नीचर, अतिरिक्त कपड़े और अन्य वस्तुएं। कार, मोबाइल फोन को बार-बार अपग्रेड करना आम बात है। छुट्टियों में घूमने, दूसरा या तीसरा घर और कार खरीदने जैसे आकाक्षाएं पूरी करने के लिए लोग कर्ज लेते हैं। आखिरकार, व्यक्ति यह भूल जाता है कि वह क्या खरीद रहा है और किस लिए। मैंने समझदार लोगों को इस जाल में फंसते देखा है। इसे अनचाही जीवन-यापन लागत के रूप में जाना जाता है।
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ज्यादा खर्च का चक्र खतरनाक
यह चक्र तब तक ठीक चलता है, जब तक प्रबंधनीय है। लेकिन, इस चक्र में एक समय ऐसा आता है, जब चीजें उतनी सस्ती नहीं रह जातीं, जितनी वे सोचते हैं कि उन्हें प्रबंधित कर लेंगे। यह घर के उन युवा सदस्यों के बीच गलत मिसाल भी स्थापित करता है, जिन्हें इस शानदार जीवनशैली की कद्र नहीं होती है। अपने खर्चों पर नजर नहीं रखने से युवा सदस्य बेहताशा पैसा बहाने के नशे में डूब जाते हैं। यह पैसे में आग लगाने की तरह है...यानी खर्च करो, खर्च करो और ज्यादा खर्च करो। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि कई संपन्न परिवार अपनी जीवनशैली के खर्चों पर नजर रखने में असमर्थता की वजह से निराश हो जाते हैं।

लाइफस्टाइल के जाल में फंसने से बचें
हमारा जीवन सिर्फ बड़े वित्तीय फैसले लेने के बारे में ही नहीं है, बल्कि यह छोटी आदतों से भी जुड़ा है, जो बहुत आगे तक जाती हैं। हाल ही में मैं एक वरिष्ठ नागरिक से मिला, जिन्हें अपनी सेवानिवृत्ति के दशक में अप्रत्याशित वित्तीय सफलता हाथ लगी। उन पर कोई कर्ज भी नहीं था। वह वित्तीय रूप से अच्छी स्थिति में थे। लेकिन, वह तीन बेडरूम वाले अपार्टमेंट से चार बेडरूम वाले घर में शिफ्ट होने के लाइफस्टाइल के जाल में फंस गए। वह शिफ्ट होने का खर्च उठा सकते थे, लेकिन उसकी जरूरत नहीं थी। उनके बच्चे चले गए थे। ऐसे में घर दंपती के लिए बहुत बड़ा था। साथ ही, दंपती ने नए घर की सजावट पर काफी खर्च करना शुरू कर दिया। हालांकि, इस दौरान वरिष्ठ नागरिक छोटी सी स्वास्थ्य समस्या से उबरने के लिए पैसे खर्च करने पड़े।

कार्डियक सर्जरी ने जीवन के प्रति उनके उत्साह को कम नहीं किया। वह 45,000 रुपये के मासिक घरेलू खर्च से दोगुना खर्च करने लगे। मैं उनसे पहली बार तब मिला था, जब वह सेवानिवृत्त हो चुके थे। मैंने तुरंत ही बता दिया था कि वह एक खतरनाक रास्ते पर चल रहे हैं। उन्हें मेरी बात पसंद नहीं आई, लेकिन उनकी पत्नी एक ऐसी जिंदगी में वापस जाने के लिए उत्सुक थीं, जहां वे अच्छी तरह से रह सकें।

आज सेवानिवृत्ति के पांच साल बाद वह उदास हैं क्योंकि उन्हें एहसास हो गया कि उनकी जरूरतें कम हैं। इस बात को स्वीकार करते हुए वह नए अपार्टमेंट में दो बेडरूम वाले फ्लैट में रहने लगे। बड़ा फ्लैट किराये पर दे दिया है, जिसे मैंने बेचने का सुझाव दिया है। दंपती अब पहले की तरह वित्तीय प्रबंधन कर रहे हैं।

ज्यादा पैसा...यानी सिर्फ खर्चना नहीं
लोगों की वित्तीय परिस्थितियां बदलती रहती हैं। उन्हें अपनी विशिष्ट जरूरतों के हिसाब से आगे बढ़ना चाहिए। गैर-जरूरी चीजों पर सिर्फ इसलिए नहीं खर्च करना चाहिए कि उनके पास ज्यादा पैसे हैं।    

  • आपको ऐसे अच्छे दोस्तों की जरूरत है, जिनकी सोच आपके जैसी हो और जो आपकी रुचियों को ध्यान में रखते हुए आपसे बात कर सकें। आपको ऐसी चीजों की ओर न ले जाएं, जो आपसे बिल्कुल भी जुड़ी न हों। वित्तीय प्रबंधन को समझना आसान विषय नहीं है। ।    
  • सुनिश्चित करें कि आपने स्पष्ट लक्ष्य और अपेक्षाएं निर्धारित की हैं। जरूरत से ज्यादा खर्च के चक्कर में न पड़ें। जीवनशैली खर्चों को बढ़ाना आसान है, लेकिन उनमें कटौती कर और कम करना बहुत मुश्किल है। अपनी अधिक क्रय शक्ति क्षमता को अपने खर्चों को बढ़ाने की जरूरत न समझें।
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