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Gorakhpur News: बीआरडी मेडिकल कॉलेज से पकड़ी गई एक और प्राइवेट एंबुलेंस, सीज- चालक गाड़ी छोड़कर फरार
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर
Published by: गोरखपुर ब्यूरो
Updated Thu, 06 Nov 2025 10:50 AM IST
सार
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के आसपास मरीज माफिया काफी समय से सक्रिय हैं। इमरजेंसी में आने वाले मरीज के तीमारदारों को बहलाकर ये निजी अस्पताल में भर्ती करवाते हैं। सूत्रों ने बताया कि अस्पताल के अंदर भी माफिया से जुड़े लोग हैं जो मरीज के आते ही सूचना दे देते हैं। गंभीर स्थिति में आने वाले मरीज को कहते हैं कि यहां पर इसकी तत्काल इलाज की व्यवस्था नहीं है।
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मेडिकल कॉलेज में पकड़ी गई एंबुलेंस
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज परिसर से बुधवार की शाम पुलिस ने फिर एक निजी एंबुलेंस को पकड़ा, जो मरीज को बरगलाकर निजी अस्पताल ले जाने की कोशिश कर रही थी। मौके पर मौजूद मेडिकल चौकी पुलिस ने एंबुलेंस को सीज कर दिया, जबकि चालक मौके से भाग गया।
जानकारी के अनुसार, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के आसपास कई निजी अस्पताल संचालक बिचौलियों की मदद से मरीजों के परिजनों को भ्रमित कर अपने अस्पतालों में भर्ती करा लेते हैं। बुधवार को बीआरडी ट्रामा सेंटर के पास बिहार की एंबुलेंस (नंबर बीआर29पीए 9876) मरीज को निजी अस्पताल ले जाने की तैयारी में थी। इसी दौरान मेडिकल कॉलेज चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक राहुल कुमार ने एंबुलेंस को पकड़ लिया।
पुलिस के पहुंचते ही चालक गाड़ी छोड़कर भाग गया। पुलिस ने एंबुलेंस को थाने लाकर सीज कर दिया और चालक की तलाश शुरू कर दी है।
इससे पहले भी एंबुलेंस माफिया की शिकायत पर एसपी सिटी अभिनव त्यागी के नेतृत्व में अभियान चलाकर कार्रवाई की गई थी। सितंबर में पुलिस ने अभियान चलाकर कई एंबुलेंस को रोका था। जांच में पांच एंबुलेंस संदिग्ध पाई गईं, जिन्हें तुरंत सीज कर दिया गया था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इनमें दो ऐसी एंबुलेंस थीं जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर ही फर्जी था और आरटीओ के रिकॉर्ड में उनका कोई अस्तित्व नहीं था। बाकी तीन गाड़ियां तकनीकी रूप से अनफिट पाई गईं थीं। इसके बाद अक्तूबर में भी सात एंबुलेंस सीज की गई थीं।
मरीजों को देते हैं बेहतर इलाज का झांसा
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के आसपास मरीज माफिया काफी समय से सक्रिय हैं। इमरजेंसी में आने वाले मरीज के तीमारदारों को बहलाकर ये निजी अस्पताल में भर्ती करवाते हैं। सूत्रों ने बताया कि अस्पताल के अंदर भी माफिया से जुड़े लोग हैं जो मरीज के आते ही सूचना दे देते हैं।
गंभीर स्थिति में आने वाले मरीज को कहते हैं कि यहां पर इसकी तत्काल इलाज की व्यवस्था नहीं है। इसे दूसरे अस्पताल में ले जाएं वरना जान चली जाएगी। यह सुनकर तीमारदार तनाव में आ जाते हैं।
इसके बाद वहीं पर बिचौलिए घूमते हैं जो किसी निजी अस्पताल के बारे में जानकारी देते हैं। तीमारदार के तैयार होते ही पांच मिनट के अंदर एंबुलेंस आ जाती है और मरीज को लेकर चले जाते हैं। इसमें अस्पताल के कर्मचारी सहित सभी लोगों का कमीशन जुड़ा रहता है।
बीआडी मेडिकल कॉलेज के आसपास घूम रहे निजी एंबुलेंस के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। बुधवार की शाम एक एंबुलेंस इमरजेंसी के पास संदिग्ध स्थिति में मिली। उसे सीज कर दिया गया:
अभिनव त्यागी, एसपी सिटी
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जानकारी के अनुसार, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के आसपास कई निजी अस्पताल संचालक बिचौलियों की मदद से मरीजों के परिजनों को भ्रमित कर अपने अस्पतालों में भर्ती करा लेते हैं। बुधवार को बीआरडी ट्रामा सेंटर के पास बिहार की एंबुलेंस (नंबर बीआर29पीए 9876) मरीज को निजी अस्पताल ले जाने की तैयारी में थी। इसी दौरान मेडिकल कॉलेज चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक राहुल कुमार ने एंबुलेंस को पकड़ लिया।
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पुलिस के पहुंचते ही चालक गाड़ी छोड़कर भाग गया। पुलिस ने एंबुलेंस को थाने लाकर सीज कर दिया और चालक की तलाश शुरू कर दी है।
इससे पहले भी एंबुलेंस माफिया की शिकायत पर एसपी सिटी अभिनव त्यागी के नेतृत्व में अभियान चलाकर कार्रवाई की गई थी। सितंबर में पुलिस ने अभियान चलाकर कई एंबुलेंस को रोका था। जांच में पांच एंबुलेंस संदिग्ध पाई गईं, जिन्हें तुरंत सीज कर दिया गया था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इनमें दो ऐसी एंबुलेंस थीं जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर ही फर्जी था और आरटीओ के रिकॉर्ड में उनका कोई अस्तित्व नहीं था। बाकी तीन गाड़ियां तकनीकी रूप से अनफिट पाई गईं थीं। इसके बाद अक्तूबर में भी सात एंबुलेंस सीज की गई थीं।
मरीजों को देते हैं बेहतर इलाज का झांसा
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के आसपास मरीज माफिया काफी समय से सक्रिय हैं। इमरजेंसी में आने वाले मरीज के तीमारदारों को बहलाकर ये निजी अस्पताल में भर्ती करवाते हैं। सूत्रों ने बताया कि अस्पताल के अंदर भी माफिया से जुड़े लोग हैं जो मरीज के आते ही सूचना दे देते हैं।
गंभीर स्थिति में आने वाले मरीज को कहते हैं कि यहां पर इसकी तत्काल इलाज की व्यवस्था नहीं है। इसे दूसरे अस्पताल में ले जाएं वरना जान चली जाएगी। यह सुनकर तीमारदार तनाव में आ जाते हैं।
इसके बाद वहीं पर बिचौलिए घूमते हैं जो किसी निजी अस्पताल के बारे में जानकारी देते हैं। तीमारदार के तैयार होते ही पांच मिनट के अंदर एंबुलेंस आ जाती है और मरीज को लेकर चले जाते हैं। इसमें अस्पताल के कर्मचारी सहित सभी लोगों का कमीशन जुड़ा रहता है।
बीआडी मेडिकल कॉलेज के आसपास घूम रहे निजी एंबुलेंस के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। बुधवार की शाम एक एंबुलेंस इमरजेंसी के पास संदिग्ध स्थिति में मिली। उसे सीज कर दिया गया:
अभिनव त्यागी, एसपी सिटी