Gorakhpur News: पंप नहीं, टैंकर से सीधे निजी बसों में डाला जा रहा तेल, तीन पर केस
पूर्ति निरीक्षक अरुण सिंह ने बताया कि डीजल या पेट्रोल को पंप से ही उसके नाजिल से बेचा जा सकता है। उसको किसी अन्यत्र वाहन में भर कर दूसरे स्थान पर बेचना अवैध है। जिन टैंकर/ब्राउजर से तेल भेजा जाता है, उनकी बाकायदा जांच होती है। देखा जाता है कि कहीं रास्ते में उसमें आग लगने से घटना न हो।
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गोरखपुर विश्वविद्यालय पुरुष छात्रावास के पास बने प्राइवेट बस स्टैंड पर टैंकर से अवैध ढंग से डीजल बिक्री का खेल चल रहा था। आपूर्ति विभाग, बाट-माप विभाग और इंडियन ऑयल की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर डीजल भरा टैंकर/ब्राउजर और उसके चालक को पकड़ कर खेल का भंडाफोड़ किया है। डीजल भरे टैंकर को जब्त कर लिया है।
पूर्ति निरीक्षक की तहरीर पर कैंट पुलिस ने पेट्रोल पंप मालिक, टैंकर मालिक व चालक के खिलाफ वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
जिला पूर्ति अधिकारी रामेंद्र प्रताप सिंह एवं पूर्ति निरीक्षक अरुण सिंह को सूचना मिली कि गोविवि के पुरुष छात्रावास के पास बने प्राइवेट बस स्टैंड पर टैंकर से तेल लाकर बसों में भरा जा रहा है। आपूर्ति विभाग, बाट-माप एवं इंडियन ऑयल की संयुक्त टीम ने बुधवार को बस स्टैंड पर छापेमारी की।
स्टैंड पर खड़े टैंकर/ब्राउजर से बस में डीजल भरा जा रहा था। टीम ने टैंकर चालक को पकड़ कर कागजात की जांच की। जांच में मालूम चला कि ब्राउजर न तो बाट-माप विभाग से सत्यापित है और न ही उसके पास एक्सप्लोसिव (विस्फोटक) लाइसेंस (एनओसी) ही था।
टैंकर चालक सूरजकुंड निवासी एहतेशाम ने बताया कि वह कुशीनगर जिले के पेट्रोल पंप मेसर्स नेहा फीलिंग स्टेशन बरडीहा, जगदीशपुर से 1700 लीटर डीजल भर कर स्टैंड पर आकर बसों में तेल भरता था। उसके पास से पंप का कैशमेमो/बाउचर भी पाया गया। चालक ने बताया कि पंप मालिक बाउचर लेकर डीजल बेचने के उसे गोरखपुर भेजते थे। टीम की जांच में मालूम चला कि टैंकर से दो बसों में 131 लीटर तेल भरा जा चुका था। टीम ने डीजल भरे टैंकर को जब्त कर लिया।
जिलाधिकारी के आदेश पर बृहस्पतिवार को पूर्ति निरीक्षक राकेश यादव की तहरीर पर कैंट थाने में पेट्रोल पंप के मालिक बरडीहा निवासी हुकुम चंद, टैंकर मालिक सूरजकुंड निवासी ऋषिकेश श्रीवास्तव व चालक एहतेशाम के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई। टीम में क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी अजय कुमार, बाट-माप निरीक्षक अजीत कुमार सिंह आदि शामिल रहे।
मिलावट की जांच के लिए लिया सैंपल
आपूर्ति विभाग ने डीजल में मिलावट की जांच के लिए सैंपल लेकर जांच करने के लिए भेज दिया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।
टैंकर पर लगा था इंडियन ऑयल का फर्जी लोगो
टैंकर/ब्राउजर पर इंडियन ऑयल का लोगो भी लगा हुआ था। जांच टीम में शामिल इंडियन ऑयल के फील्ड ऑफिसर मो. आमिर ने जांच कराई तो वह फर्जी निकला।
मिलावट व घटतौली से फल-फूल रहा था धंधा
संयुक्त टीम की जांच में मालूम चला कि यह पूरा खेल बस के चालक एवं परिचालक को झांसे में लेकर चल रहा था। चालक व परिचालक को पंप से एक रुपये से 50 पैसे तक कम रेट पर डीजल देने का लालच देकर उनको तैयार कर लेते थे। चालक रुपये बचाने के चक्कर में स्टैंड पर ही तेल भरवा लेते थे। जांच करने पहुंची टीम ने संदेह जताया कि पंप व टैंकर मालिक मिलावटी तेल के साथ घटतौली कर इस खेल को अंजाम दे रहे थे।
ये हैं नियम
पूर्ति निरीक्षक अरुण सिंह ने बताया कि डीजल या पेट्रोल को पंप से ही उसके नाजिल से बेचा जा सकता है। उसको किसी अन्यत्र वाहन में भर कर दूसरे स्थान पर बेचना अवैध है। जिन टैंकर/ब्राउजर से तेल भेजा जाता है, उनकी बाकायदा जांच होती है। देखा जाता है कि कहीं रास्ते में उसमें आग लगने से घटना न हो। पकड़ा गया टैंकर अवैध ढंग से डीजल भर कर भीड़-भाड़ वाले स्थान पर तेल लाकर बेच रहा था। इससे कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती थी।