गोरखपुर: लॉकडाउन में हुए 10 हजार से ज्यादा केस, लाइसेंसी असलहे-पासपोर्ट को तरस गए
एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने कहा कि लॉकडाउन से जुड़े सभी मुकदमे खत्म करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इसकी मानीटरिंग भी की जा रही है। जल्द ही इसे खत्म कर दिया जाएगा।
विस्तार
कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान नियमों का उल्लंघन कर सड़कों पर निकलने वाले करीब दस हजार लोगों पर केस दर्ज हुए थे। उस दौरान लोगों ने इसे बड़े ही हल्के में लिया, लेकिन अब पछता रहे है। तीन सालों में ऐसे लोगों के न तो पासपोर्ट बन पाए और न ही असलहों का रिनुअल हुआ।
सत्यापन में इनके आवेदनों पर आपत्ति लगा दी गई। हालांकि सरकार ने इन मुकदमों को वापस लेने का आदेश कोरोना की दूसरी लहर के बाद ही दे दिया था, लेकिन अभी तक करीब तीन हजार लोगों का ही मुकदमा वापस लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान बहुत लोगों ने लुकाछिपी का खेल खेला था। पाबंदी के बाद भी घर से बाहर निकले और पकड़े जाने पर सड़क पर बने गोले में भी बैठाए गए। इसके अलावा चोरी छिपे दुकान खोलने और मास्क न लगाने की वजह से पुलिस को इन पर केस दर्ज करना पड़ा।
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इस तरह के केस में कई ऐसे लोग भी फंस गए, जिनके पास लाइसेंसी रिवाल्वर हैं या फिर विदेश में टूर करने जाना चाहते हैं। कई ठेकेदार भी हैं, जिनके लाइसेंस का नवीनीकरण ही नहीं हो पा रहा है। मामला संज्ञान में आने पर एसएसपी ने केस को खत्म करने के पुराने आदेश को अमल में लाने का निर्देश दिया है।
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केस एक
रकहट निवासी हनुमंत पांडेय ने लॉकडाउन के दौरान दुकान खोली थी। पुलिस ने इनके खिलाफ लाकडाउन उल्लंघन करने पर धारा 188, 269 में केस दर्ज कर लिया। हनुमंत ने बताया कि गगहा थाने पर जब भी जाता हूं तो उनकी रिपोर्ट में वह एफआईआर दिखा दी जाती है, जिससे रिवॉल्वर के लाइसेंस का नवीनीकरण ही नहीं हो पा रहा है। थाने पर मैंने बताया भी कि सरकार ने मुकदमा खत्म कर दिया है, लेकिन रिकॉर्ड में अभी भी यह खत्म नहीं हुआ है। अब केस को खत्म किया जा रहा है।
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केस दो
एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने कहा कि लॉकडाउन से जुड़े सभी मुकदमे खत्म करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इसकी मानीटरिंग भी की जा रही है। जल्द ही इसे खत्म कर दिया जाएगा।