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एम्स : सुपर स्पेशलिटी विभाग में 100 मरीजों को ही देखेंगे डॉक्टर
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एम्स में सुपर स्पेशलिटी विभाग में रेफर मरीजों का होगा बेहतर इलाज
सुपर स्पेशलिटी विभाग में सीधे दिखाने की सुविधा समाप्त
गोरखपुर। एम्स में मरीजों की बढ़ती भीड़ की वजह से एम्स प्रशासन ने न्यूरो, नेफ्रो और गैस्ट्रो जैसे सुपर स्पेशलिटी विभाग की ओपीडी में सीधे दिखाने की सुविधा समाप्त कर दी है। सुपर स्पेशलिटी विभाग में डॉक्टर एक दिन में 100 मरीजों का ही इलाज करेंगे।
यह निर्णय ओपीडी में लगातार बढ़ती भीड़ और डॉक्टरों की कम संख्या के कारण लिया गया है। सुबह ओपीडी फुल हो जाने के कारण दूर-दराज से आए मरीज डॉक्टर के पास नहीं पहुंच पाते थे। विभागों में रेफर करने की सुविधा के साथ ही विभागों में डॉक्टर बढ़ाने पर भी काम किया जा रहा है। कार्यकारी निदेशक डॉ. विभा दत्ता ने बताया कि रेफर हो कर जो मरीज आते हैं उनके लिए एम्स की तरफ ने नई सुविधा शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि मेडिसिन और अन्य सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों से रेफर होकर आए मरीजों का सुपर स्पेशलिटी विभाग के डॉक्टरों द्वारा बेहतर इलाज किया जाएगा।
ओपीडी में भी सिर्फ 156 मरीज
एम्स प्रशासन ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की ओपीडी में रोगियों की संख्या भी निर्धारित कर दी है। ऑनलाइन माध्यम से 106 और ऑफलाइन माध्यम से 50 रोगियों का ही पंजीकरण कराने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि यह व्यवस्था मौखिक है लेकिन पर्चा काउंटर पर इसका पालन किया जा रहा है। यदि दूसरे विभागों से रोगियों को रेफर किया जाता है तो उनका पर्चा बनाया जा रहा है।
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सुपर स्पेशलिटी विभाग में सीधे दिखाने की सुविधा समाप्त
गोरखपुर। एम्स में मरीजों की बढ़ती भीड़ की वजह से एम्स प्रशासन ने न्यूरो, नेफ्रो और गैस्ट्रो जैसे सुपर स्पेशलिटी विभाग की ओपीडी में सीधे दिखाने की सुविधा समाप्त कर दी है। सुपर स्पेशलिटी विभाग में डॉक्टर एक दिन में 100 मरीजों का ही इलाज करेंगे।
यह निर्णय ओपीडी में लगातार बढ़ती भीड़ और डॉक्टरों की कम संख्या के कारण लिया गया है। सुबह ओपीडी फुल हो जाने के कारण दूर-दराज से आए मरीज डॉक्टर के पास नहीं पहुंच पाते थे। विभागों में रेफर करने की सुविधा के साथ ही विभागों में डॉक्टर बढ़ाने पर भी काम किया जा रहा है। कार्यकारी निदेशक डॉ. विभा दत्ता ने बताया कि रेफर हो कर जो मरीज आते हैं उनके लिए एम्स की तरफ ने नई सुविधा शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि मेडिसिन और अन्य सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों से रेफर होकर आए मरीजों का सुपर स्पेशलिटी विभाग के डॉक्टरों द्वारा बेहतर इलाज किया जाएगा।
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ओपीडी में भी सिर्फ 156 मरीज
एम्स प्रशासन ने विशेषज्ञ डॉक्टरों की ओपीडी में रोगियों की संख्या भी निर्धारित कर दी है। ऑनलाइन माध्यम से 106 और ऑफलाइन माध्यम से 50 रोगियों का ही पंजीकरण कराने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि यह व्यवस्था मौखिक है लेकिन पर्चा काउंटर पर इसका पालन किया जा रहा है। यदि दूसरे विभागों से रोगियों को रेफर किया जाता है तो उनका पर्चा बनाया जा रहा है।