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Gorakhpur News: सरयू का कटान तेज...आबादी से दो मीटर दूर है नदी, ग्रामीणों ने शुरू किया घर खाली करना
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बड़हलगंज ब्लाक क्षेत्र के दियारा में कटान का दृश्य।
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बड़हलगंज क्षेत्र के बचे 11 घरों में से तीन पर कटान का संकट मंडराया
गांव की ओर बढ़ती सरयू से ग्रामीणों में दहशत
चिल्लूपार। बड़हलगंज क्षेत्र के दियारा में सरयू का कटान बढ़ता ही जा रहा है। ज्ञानकोल और बगहा देवार गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडाराने लगा है। ज्ञानकोल में सिर्फ 11 घर बचे हैं। इन घरों से नदी महज दो मीटर दूर है। कटान इतनी तेज है कि दिन-रात मिट्टी के बड़े-बड़े टुकड़े ध्वस्त होकर नदी में गिर रहे हैं। सरयू की धारा गांव की ओर बढ़ते देख ग्रामीणों में दहशत है। गांव वालों ने घरों से सामान निकालना शुरू कर दिया है।
ज्ञानकोल में कटान के मुहाने पर अशोक यादव, कंता यादव, धर्मेंद्र यादव, जयप्रकाश यादव के घर हैं। ग्रामीणों ने बताया कि ज्ञानकोल के बंशी यादव, मोहन यादव और जनार्दन की मकान सरयू की तेज धार में समा चुकी हैं, जबकि ज्ञानकोल गांव में मकान कटान के जद में हैं। सरयू के बदले रुख से तटवर्ती आधा दर्जन गांव की फसलें भी तेजी से कटान के चपेट में आ रहे हैं।
बोले ग्रामीण
दो माह पहले मेरे घर से 300 मीटर दूर नदी बह रही थी। इन दिनों कटान करती नदी घर के पास से बहने लगी है। कभी भी घर नदी में समाहित हो सकता है। कहीं दूसरा ठिकाना नहीं है तो घर पर ही परिवार सहित हूं। घर कट जाने के बाद मेरे लिए आशियाना बनाने की सोच तो दूर दो वक्त की रोटी का टुकड़ा भी बमुश्किल ही नसीब होगा।
- अशोक यादव, ज्ञानकोल
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अब आशियाना कटने का भय सताने लगा है। गांव को तीन ओर से घेरकर सरयू नदी कटान कर रही है। कहीं और ठिकाना न होने के कारण गांव में ही खानाबदोश का जीवन जी रहे हैं। नदी घर से काफी दूर थी लेकिन कटान करते करते घर के पास आ पहुंची है। सिंचाई विभाग की ओर से कराए जा रहे कटान रोधी कार्य नाकाफी साबित हो रहे हैं।
- जयप्रकाश यादव, ज्ञानकोल
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गांव में पहले से 14 परिवारों के मकान थे, लेकिन अलग-अलग होकर वर्तमान में 23 परिवार गांव में रहते हैं। नदी की धारा घर की दीवाराें पर ठोकरें मार रही है। आगे और पीछे दोनों तरफ से नदी कटान कर रही है। परिवार सहित गांव में हूं। जमीन पहले ही नदी में कट चुकी है।बड़ी मेहनत से घर बना था, लग रहा है जल्द कट कर नदी में चला जाएगा।
- कंता यादव, ज्ञानकोल
कटान क्षेत्रों का किया गया ड्रोन सर्वे
चिल्लूपार। बड़हलगंज क्षेत्र के दियारा और कछार में सिंचाई विभाग ने मंगलवार की सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सरयू नदी के किनारे ज्ञानकोल, बगहा देवार, कोलखास, पटना जैतपुर, खड़ेसरी और राप्ती नदी के किनारे जगदीशपुर, मोहन पौहरिया गांव के कटान स्थलों पर ड्रोन सर्वे किया गया। बाढ़ खंड दो सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सुधांशु सिंह ने बताया कि बाढ़ के दिनों में हुए कटान के आकलन के लिए सर्वे कराया जा रहा है। इन गांवों को कटान से बचाने के लिए कटान रोधी परियोजना बनाई जा रही है। प्रस्ताव में ड्रोन सर्वे की रिपोर्ट शामिल किया जाना है। सरयू और राप्ती नदी से हुए कटान स्थलों पर रोकने को नई परियोजना जरूरी है। उन्होंने बताया कि परियोजना प्रस्ताव के लिए ड्रोन से सर्वे कर लिया गया है। संवाद

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गांव की ओर बढ़ती सरयू से ग्रामीणों में दहशत
चिल्लूपार। बड़हलगंज क्षेत्र के दियारा में सरयू का कटान बढ़ता ही जा रहा है। ज्ञानकोल और बगहा देवार गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडाराने लगा है। ज्ञानकोल में सिर्फ 11 घर बचे हैं। इन घरों से नदी महज दो मीटर दूर है। कटान इतनी तेज है कि दिन-रात मिट्टी के बड़े-बड़े टुकड़े ध्वस्त होकर नदी में गिर रहे हैं। सरयू की धारा गांव की ओर बढ़ते देख ग्रामीणों में दहशत है। गांव वालों ने घरों से सामान निकालना शुरू कर दिया है।
ज्ञानकोल में कटान के मुहाने पर अशोक यादव, कंता यादव, धर्मेंद्र यादव, जयप्रकाश यादव के घर हैं। ग्रामीणों ने बताया कि ज्ञानकोल के बंशी यादव, मोहन यादव और जनार्दन की मकान सरयू की तेज धार में समा चुकी हैं, जबकि ज्ञानकोल गांव में मकान कटान के जद में हैं। सरयू के बदले रुख से तटवर्ती आधा दर्जन गांव की फसलें भी तेजी से कटान के चपेट में आ रहे हैं।
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बोले ग्रामीण
दो माह पहले मेरे घर से 300 मीटर दूर नदी बह रही थी। इन दिनों कटान करती नदी घर के पास से बहने लगी है। कभी भी घर नदी में समाहित हो सकता है। कहीं दूसरा ठिकाना नहीं है तो घर पर ही परिवार सहित हूं। घर कट जाने के बाद मेरे लिए आशियाना बनाने की सोच तो दूर दो वक्त की रोटी का टुकड़ा भी बमुश्किल ही नसीब होगा।
- अशोक यादव, ज्ञानकोल
अब आशियाना कटने का भय सताने लगा है। गांव को तीन ओर से घेरकर सरयू नदी कटान कर रही है। कहीं और ठिकाना न होने के कारण गांव में ही खानाबदोश का जीवन जी रहे हैं। नदी घर से काफी दूर थी लेकिन कटान करते करते घर के पास आ पहुंची है। सिंचाई विभाग की ओर से कराए जा रहे कटान रोधी कार्य नाकाफी साबित हो रहे हैं।
- जयप्रकाश यादव, ज्ञानकोल
गांव में पहले से 14 परिवारों के मकान थे, लेकिन अलग-अलग होकर वर्तमान में 23 परिवार गांव में रहते हैं। नदी की धारा घर की दीवाराें पर ठोकरें मार रही है। आगे और पीछे दोनों तरफ से नदी कटान कर रही है। परिवार सहित गांव में हूं। जमीन पहले ही नदी में कट चुकी है।बड़ी मेहनत से घर बना था, लग रहा है जल्द कट कर नदी में चला जाएगा।
- कंता यादव, ज्ञानकोल
कटान क्षेत्रों का किया गया ड्रोन सर्वे
चिल्लूपार। बड़हलगंज क्षेत्र के दियारा और कछार में सिंचाई विभाग ने मंगलवार की सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक सरयू नदी के किनारे ज्ञानकोल, बगहा देवार, कोलखास, पटना जैतपुर, खड़ेसरी और राप्ती नदी के किनारे जगदीशपुर, मोहन पौहरिया गांव के कटान स्थलों पर ड्रोन सर्वे किया गया। बाढ़ खंड दो सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सुधांशु सिंह ने बताया कि बाढ़ के दिनों में हुए कटान के आकलन के लिए सर्वे कराया जा रहा है। इन गांवों को कटान से बचाने के लिए कटान रोधी परियोजना बनाई जा रही है। प्रस्ताव में ड्रोन सर्वे की रिपोर्ट शामिल किया जाना है। सरयू और राप्ती नदी से हुए कटान स्थलों पर रोकने को नई परियोजना जरूरी है। उन्होंने बताया कि परियोजना प्रस्ताव के लिए ड्रोन से सर्वे कर लिया गया है। संवाद