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MMMUT: इसी सत्र से होगी इंटरनेट ऑफ थिंग्स की पढ़ाई, JEE Main के आधार के मिलेगा प्रवेश
अमर उजाला ब्यूरो गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Fri, 09 Jun 2023 12:41 PM IST
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सार
एमएमएमयूटी कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों को आईओटी के रूप में नया पाठ्यक्रम पढ़ने को मिलेगा। जुलाई से इस ब्रांच को शुरू किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम की मांग पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है। इसमें रोजगार की बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं।

MMMUT
- फोटो : अमर उजाला।

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विस्तार
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) में इस सत्र से इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) की पढ़ाई होगी। बीटेक और एमटेक के लिए विद्युतकण एवं संचार अभियंत्रण विभाग में नया कोर्स शुरू होने जा रहा है। 60-60 सीटों पर प्रवेश लिया जाएगा। कोर्स को शुरू करने के लिए एआईसीई ने अनुमति दे दी है। प्रदेश का यह पहला विश्वविद्यालय है जहां आईओटी पाठ्यक्रम शुरू होगा।
एमएमएमयूटी में जुलाई से शुरू होने वाले सत्र में ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई मेन) की रैंक और नंबर के आधार पर ही बीटेक में प्रवेश लिया जाएगा। विश्वविद्यालय इंटरनेट ऑफ थिंग्स के लिए नई फैकल्टी भी तैयार करेगा। अभी इसकी मानीटरिंग इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन विभाग से की जाएगी। पाठ्यक्रम को तैयार करने वाले प्रो. एसके सोनी ने बताया कि बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए आईओटी का कोर्स शुरू किया जा रहा है।
इसे भी पढ़ें: गोरखपुर विश्वविद्यालय: छात्रावास में दूर नहीं हुई पानी की बदहाली, प्रदर्शनकारी छात्रों को थमा दी नोटिस
एमएमएमयूटी कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों को आईओटी के रूप में नया पाठ्यक्रम पढ़ने को मिलेगा। जुलाई से इस ब्रांच को शुरू किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम की मांग पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है। इसमें रोजगार की बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं।
क्या है आईओटी
इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीक का वह विकास है, जिसमें कई गैजेट्स को नेटवर्किंग के माध्यम से एक साथ जोड़ा जाता है। कई गैजेट्स एक साथ जुड़कर डाटा का आदान-प्रदान करते हैं। उपकरणों के बीच इंटीग्रेशन से सूचनाएं समग्रता में प्राप्त होती हैं।
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एमएमएमयूटी में जुलाई से शुरू होने वाले सत्र में ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई मेन) की रैंक और नंबर के आधार पर ही बीटेक में प्रवेश लिया जाएगा। विश्वविद्यालय इंटरनेट ऑफ थिंग्स के लिए नई फैकल्टी भी तैयार करेगा। अभी इसकी मानीटरिंग इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन विभाग से की जाएगी। पाठ्यक्रम को तैयार करने वाले प्रो. एसके सोनी ने बताया कि बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए आईओटी का कोर्स शुरू किया जा रहा है।
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एमएमएमयूटी कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों को आईओटी के रूप में नया पाठ्यक्रम पढ़ने को मिलेगा। जुलाई से इस ब्रांच को शुरू किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम की मांग पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है। इसमें रोजगार की बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं।
क्या है आईओटी
इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीक का वह विकास है, जिसमें कई गैजेट्स को नेटवर्किंग के माध्यम से एक साथ जोड़ा जाता है। कई गैजेट्स एक साथ जुड़कर डाटा का आदान-प्रदान करते हैं। उपकरणों के बीच इंटीग्रेशन से सूचनाएं समग्रता में प्राप्त होती हैं।