विद्युत निगम पडरौना वितरण खंड में कर्मचारियों की भर्ती अफसरों के गले की फांस बन गई है। चार कर्मचारियों की नियुक्ति पर मुख्य अभियंता ने जांच बैठा दी है। प्रारंभिक नजर में कारपोरेशन के एक आदेश को कूटरचित तरीके से तैयार कर ये नियुक्तियां की गईं हैं। इसी आधार पर इनकी जांच के लिए मुख्य अभियंता ने दो अभियंताओं व एक लेखाकार की कमेटी गठित कर 15 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है। इन तीनों की भर्ती मस्टर रोल की सूची के आधार पर हुई थी। इसके बाद वर्ष भर से इन्होंने अपना पूरा वेतन भी लिया है।
दरअसल जोन के वितरण मंडल कुशीनगर के पड़रौना खंड व कसया के अधिशासी अभियंताओं ने वर्ष 2020 में मस्टर रोल सूची के आधार पर राधेश्याम शर्मा, सुधीर सिंह, श्रीमती माधुरी व कुछ अन्य श्रमिक पद पर नियुक्ति की। कसया में एक श्रमिक व पड़रौना में तीन की श्रमिक पद पर नियुक्त के बाद वेतन जारी करने को पत्रावली जोन के उपमुख्य लेखाधिकारी कार्यालय में पहुंची।
उपमुख्य लेखाधिकारी ने पत्रावली का अवलोकन कर फाइल आगे बढ़ा दी। इसी आधार पर तत्कालीन अभियंताओं ने श्रमिकों की तैनाती भी दी। इसके बाद सभी नवनियुक्त कर्मचारियों का वेतन बनने लगा। मस्टरोल सूची में शामिल अन्य कर्मचारियों को इस नियुक्त पर शक हुआ। इसके बाद वे पड़ताल में जुट गए।
एक कर्मचारी संगठन ने मामले की शिकायत शक्तिभवन से लेकर पूर्वांचल एमडी तक की। मामले का संज्ञान लेकर पूर्वांचल एमडी ने जोन के मुख्य अभियंता को टीम गठित कर जांच कराने के निर्देश दिए। जोन के मुख्य अभियंता राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि मामले की जांच के लिए एमडी ने निर्देश दिया था।
देवरिया परीक्षण खंड के अधिशासी अभियंता राजीव चतुर्वेदी, कुशीनगर परीक्षण खंड के प्रवीण कुमार चौबे और माध्यमिक कार्यखंड के लेखाकार संजय आर्या को मामले के जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। पहली नजर में चार कर्मचारियों राधेश्याम शर्मा, माधुरी श्रीवास्तव, सुधीर सिंह व योगेंद्र यादव की नियुक्त वर्ष 2020 में उनके कार्यभार ग्रहण करने से संबंधित प्रकरण में नियुक्त आदेश कूटरचित प्रतीत हो रही है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जा सकेगी। इस संबंध में कर्मचारियों का पक्ष नहीं मिल सका है। उनका पक्ष आने पर प्रकाशित किया जाएगा।
विस्तार
विद्युत निगम पडरौना वितरण खंड में कर्मचारियों की भर्ती अफसरों के गले की फांस बन गई है। चार कर्मचारियों की नियुक्ति पर मुख्य अभियंता ने जांच बैठा दी है। प्रारंभिक नजर में कारपोरेशन के एक आदेश को कूटरचित तरीके से तैयार कर ये नियुक्तियां की गईं हैं। इसी आधार पर इनकी जांच के लिए मुख्य अभियंता ने दो अभियंताओं व एक लेखाकार की कमेटी गठित कर 15 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है। इन तीनों की भर्ती मस्टर रोल की सूची के आधार पर हुई थी। इसके बाद वर्ष भर से इन्होंने अपना पूरा वेतन भी लिया है।
दरअसल जोन के वितरण मंडल कुशीनगर के पड़रौना खंड व कसया के अधिशासी अभियंताओं ने वर्ष 2020 में मस्टर रोल सूची के आधार पर राधेश्याम शर्मा, सुधीर सिंह, श्रीमती माधुरी व कुछ अन्य श्रमिक पद पर नियुक्ति की। कसया में एक श्रमिक व पड़रौना में तीन की श्रमिक पद पर नियुक्त के बाद वेतन जारी करने को पत्रावली जोन के उपमुख्य लेखाधिकारी कार्यालय में पहुंची।
उपमुख्य लेखाधिकारी ने पत्रावली का अवलोकन कर फाइल आगे बढ़ा दी। इसी आधार पर तत्कालीन अभियंताओं ने श्रमिकों की तैनाती भी दी। इसके बाद सभी नवनियुक्त कर्मचारियों का वेतन बनने लगा। मस्टरोल सूची में शामिल अन्य कर्मचारियों को इस नियुक्त पर शक हुआ। इसके बाद वे पड़ताल में जुट गए।
एक कर्मचारी संगठन ने मामले की शिकायत शक्तिभवन से लेकर पूर्वांचल एमडी तक की। मामले का संज्ञान लेकर पूर्वांचल एमडी ने जोन के मुख्य अभियंता को टीम गठित कर जांच कराने के निर्देश दिए। जोन के मुख्य अभियंता राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि मामले की जांच के लिए एमडी ने निर्देश दिया था।
देवरिया परीक्षण खंड के अधिशासी अभियंता राजीव चतुर्वेदी, कुशीनगर परीक्षण खंड के प्रवीण कुमार चौबे और माध्यमिक कार्यखंड के लेखाकार संजय आर्या को मामले के जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। पहली नजर में चार कर्मचारियों राधेश्याम शर्मा, माधुरी श्रीवास्तव, सुधीर सिंह व योगेंद्र यादव की नियुक्त वर्ष 2020 में उनके कार्यभार ग्रहण करने से संबंधित प्रकरण में नियुक्त आदेश कूटरचित प्रतीत हो रही है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जा सकेगी। इस संबंध में कर्मचारियों का पक्ष नहीं मिल सका है। उनका पक्ष आने पर प्रकाशित किया जाएगा।