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Gorakhpur News: कर्तव्यों के प्रति जागरूकता फैलाना बुद्धिजीवियों का दायित्व
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- अधिवक्ता शशि शंकर पति त्रिपाठी की पुण्यतिथि पर सिविल कोर्ट में गोष्ठी आयोजित
अमर उजाला ब्यूरो
गोरखपुर। बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट के सभागार में बुधवार को स्व. शशि शंकर पति त्रिपाठी की 34वीं पुण्यतिथि पर संविधान के परिप्रेक्ष्य में नागरिक कर्तव्य का महत्व विषय पर गोष्ठी आयोजित की गई।
मुख्य अतिथि मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी राजेश पति त्रिपाठी ने कहा कि अधिकार व्यक्ति को सशक्त बनाते हैं, जबकि कर्तव्य व्यक्ति को महान बनाते हैं। उन्होंने समाज में कर्तव्यों के प्रति जागरूकता फैलाने को बुद्धिजीवियों का दायित्व बताया। मुख्य वक्ता डॉ. आशीष शुक्ल ने कर्तव्य को नैतिक दायित्व बताते हुए कहा कि यह व्यक्ति के विचार और नैतिकता से उत्पन्न होता है। बार काउंसिल सदस्य मधुसूदन त्रिपाठी ने परिवार को कर्तव्य की पहली पाठशाला बताया। वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक नारायण धर दूबे ने संविधान के लचीलापन क्षमता को उसकी सबसे बड़ी विशेषता बताया।
वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. सुभाष शुक्ल ने कहा कि जागरूक नागरिक समाज में कर्तव्यों के प्रति प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अध्यक्षता भानु प्रताप पांडेय और संचालन अनूप पांडेय एडवोकेट ने किया। धन्यवाद ज्ञापन गिरिजेश मणि त्रिपाठी ने दिया। इस अवसर पर हरि प्रकाश मिश्र, कमल शंकर पति त्रिपाठी, विजय शंकर पति त्रिपाठी, रमेश राय, अंबिका प्रताप, उमाशंकर त्रिपाठी, शिखर पांडेय, अभिमन्यु पांडेय, उमापति उपाध्याय, विशाल त्रिपाठी व हरेंद्र शर्मा आदि उपस्थित रहे।
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अमर उजाला ब्यूरो
गोरखपुर। बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट के सभागार में बुधवार को स्व. शशि शंकर पति त्रिपाठी की 34वीं पुण्यतिथि पर संविधान के परिप्रेक्ष्य में नागरिक कर्तव्य का महत्व विषय पर गोष्ठी आयोजित की गई।
मुख्य अतिथि मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी राजेश पति त्रिपाठी ने कहा कि अधिकार व्यक्ति को सशक्त बनाते हैं, जबकि कर्तव्य व्यक्ति को महान बनाते हैं। उन्होंने समाज में कर्तव्यों के प्रति जागरूकता फैलाने को बुद्धिजीवियों का दायित्व बताया। मुख्य वक्ता डॉ. आशीष शुक्ल ने कर्तव्य को नैतिक दायित्व बताते हुए कहा कि यह व्यक्ति के विचार और नैतिकता से उत्पन्न होता है। बार काउंसिल सदस्य मधुसूदन त्रिपाठी ने परिवार को कर्तव्य की पहली पाठशाला बताया। वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक नारायण धर दूबे ने संविधान के लचीलापन क्षमता को उसकी सबसे बड़ी विशेषता बताया।
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वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. सुभाष शुक्ल ने कहा कि जागरूक नागरिक समाज में कर्तव्यों के प्रति प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अध्यक्षता भानु प्रताप पांडेय और संचालन अनूप पांडेय एडवोकेट ने किया। धन्यवाद ज्ञापन गिरिजेश मणि त्रिपाठी ने दिया। इस अवसर पर हरि प्रकाश मिश्र, कमल शंकर पति त्रिपाठी, विजय शंकर पति त्रिपाठी, रमेश राय, अंबिका प्रताप, उमाशंकर त्रिपाठी, शिखर पांडेय, अभिमन्यु पांडेय, उमापति उपाध्याय, विशाल त्रिपाठी व हरेंद्र शर्मा आदि उपस्थित रहे।