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मिलावट का खेल: आइसक्रीम में दूध-क्रीम की जगह मिला रहे पामोलीन ऑयल...रंगत के लिए केमिकल
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर
Published by: रोहित सिंह
Updated Thu, 20 Nov 2025 01:04 PM IST
सार
नंदानगर में भी फैक्टरी से खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने सैंपल लिए थे। आइसक्रीम विक्रेता विनोद शर्मा ने बताया कि असली आइसक्रीम में जहां दूध, क्रीम और शुगर का प्रयोग होना चाहिए, वहीं धंधेबाज इनकी जगह सस्ता विकल्प खोजते हैं। पामोलीन एक सस्ता और घटिया तेल होता है जो दूध की जगह इस्तेमाल कर दिया जाता है।
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बाजार में बिक रही आइसक्रीम
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
शहर में मिलावटी आइसक्रीम का धंधा तेजी से फैल रहा है। छोटी और तंग गलियों में फैक्टरी डालकर आइसक्रीम तैयार की जाती है। इसमें दूध और क्रीम की जगह पामोलीन ऑयल मिलाया जाता है। साथ ही सिंथेटिक फ्लेवर और कलर मिलाकर इसकी रंगत बढ़ाई जाती। सहालग में इस आइसक्रीम की डिमांड भी काफी ज्यादा रहती है।
हाल ही में आइसक्रीम के कुछ नमूनों की रिपोर्ट आई है जो जांच में मानक पर नहीं मिले हैं। पिछले दिनों नौसड़ में सैकरीन मिली आइसक्रीम पकड़ी गई थी। नंदानगर में भी फैक्टरी से खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने सैंपल लिए थे।
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हाल ही में आइसक्रीम के कुछ नमूनों की रिपोर्ट आई है जो जांच में मानक पर नहीं मिले हैं। पिछले दिनों नौसड़ में सैकरीन मिली आइसक्रीम पकड़ी गई थी। नंदानगर में भी फैक्टरी से खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने सैंपल लिए थे।
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आइसक्रीम विक्रेता विनोद शर्मा ने बताया कि असली आइसक्रीम में जहां दूध, क्रीम और शुगर का प्रयोग होना चाहिए, वहीं धंधेबाज इनकी जगह सस्ता विकल्प खोजते हैं। पामोलीन एक सस्ता और घटिया तेल होता है जो दूध की जगह इस्तेमाल कर दिया जाता है। इससे आइसक्रीम का स्वाद और बनावट तो निखर जाती है लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है।
फलों के असली फ्लेवर की जगह सस्ते रसायन आधारित फ्लेवर का उपयोग किया जाता है। गाढ़ापन लाने के लिए यूरिया, सल्फेट आधारित पाउडर और नुकसानदेह स्टेबलाइजर मिलाए जाते हैं, जिससे आइसक्रीम लंबी अवधि तक जमी रहती है लेकिन शरीर के लिए जहर साबित हो सकती है।
फलों के असली फ्लेवर की जगह सस्ते रसायन आधारित फ्लेवर का उपयोग किया जाता है। गाढ़ापन लाने के लिए यूरिया, सल्फेट आधारित पाउडर और नुकसानदेह स्टेबलाइजर मिलाए जाते हैं, जिससे आइसक्रीम लंबी अवधि तक जमी रहती है लेकिन शरीर के लिए जहर साबित हो सकती है।
रोजाना 40 लाख का धंधारात में भोजन के बाद आइसक्रीम खाने का चलन काफी बढ़ा है। पहले ज्यादातर लोग दिन में ही आइसक्रीम खाते थे लेकिन अब रात में भी निकलते हैं। आइसक्रीम बेचने वाले आदित्य ने बताया कि बाजार में 10 रुपये की कैंडी से 250 रुपये तक की आइसक्रीम उपलब्ध है।
औसतन हर दिन करीब 40 लाख रुपये की आइसक्रीम लोग खा रहे हैं। इसकी सबसे अधिक खपत गोलघर और रामगढ़ताल इलाके के नौका विहार पर होती है। अब तो शहर में कई जगह आइसक्रीम प्वाइंट बन गए हैं, जहां शाम ढलते ही लोग परिवार के साथ आइसक्रीम खाने जाते हैं। आइसक्रीम के बढ़ते शौकीनों को देखते हुए धंधेबाजों ने भी अपना जाल बिछा दिया है।
औसतन हर दिन करीब 40 लाख रुपये की आइसक्रीम लोग खा रहे हैं। इसकी सबसे अधिक खपत गोलघर और रामगढ़ताल इलाके के नौका विहार पर होती है। अब तो शहर में कई जगह आइसक्रीम प्वाइंट बन गए हैं, जहां शाम ढलते ही लोग परिवार के साथ आइसक्रीम खाने जाते हैं। आइसक्रीम के बढ़ते शौकीनों को देखते हुए धंधेबाजों ने भी अपना जाल बिछा दिया है।