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UP: जेल में मांगता है काली शर्ट...रात में नहीं आती नींद, खुद को बताता है शनि का पुजारी; पढ़ाई कर रहा किलर रावण
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर
Published by: शाहरुख खान
Updated Thu, 16 Oct 2025 03:22 PM IST
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सार
झंगहा इलाके में ही दादा-दादी समेत तीन की हत्या करने वाले रामदयाल मौर्या का स्वभाव जेल में पूरी तरह बदल गया है। जेल में रावण के नाम से चर्चित रामदयाल अब बंदियों के रिकॉर्ड व्यवस्थित कर रहा है। मानसिक रूप से विक्षिप्त रावण पर ग्रामीण भूत-प्रेत का साया बताते थे लेकिन जेल में मनोचिकित्सक के इलाज के बाद वह सामान्य हो गया है।

Gorakhpur women attack Case
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
गोरखपुर के झंगहा इलाके में पांच माह में पांच महिलाओं पर जानलेवा हमला और एक की हत्या करने का आरोपी साइको किलर अजय निषाद इस समय जेल में बंद है। अब जेल में वह एक सामान्य बंदी की तरह रह रहा है और उसका व्यवहार भी बदला है। हालांकि, अब भी रात में उसे रात में नींद नहीं आती और पहनने के लिए काली शर्ट ही मांगता है।
जेल में उसे लेकर कई तरह की चर्चाएं होती हैं, दूसरे बंदी उसे बहुत शातिर समझते हैं। हालांकि, जेल में उसने कोई वारदात नहीं की। जेल प्रशासन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वह चुपचाप अपनी बैरक में पड़ा रहता है। रात में अक्सर उसे नींद नहीं आती है और बैरक में बैठा रहता है।
नवंबर 2024 में पुलिस ने झंगहा इलाके के राजधानी टोला मंगलपुर निवासी अजय निषाद को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने बताया था कि वर्ष 2022 में उसकी महिला मित्र ने दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था, जिसके बाद वह जेल गया था।

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जेल में उसे लेकर कई तरह की चर्चाएं होती हैं, दूसरे बंदी उसे बहुत शातिर समझते हैं। हालांकि, जेल में उसने कोई वारदात नहीं की। जेल प्रशासन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वह चुपचाप अपनी बैरक में पड़ा रहता है। रात में अक्सर उसे नींद नहीं आती है और बैरक में बैठा रहता है।
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नवंबर 2024 में पुलिस ने झंगहा इलाके के राजधानी टोला मंगलपुर निवासी अजय निषाद को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने बताया था कि वर्ष 2022 में उसकी महिला मित्र ने दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था, जिसके बाद वह जेल गया था।
वारदात के बाद निकल जाता था सूरत
जेल से छूटने के बाद चोरी की घटना को अंजाम देते समय पहली बार 30 जुलाई को झंगहा के सहसड़ाव गांव में एक महिला के सिर और चेहरे पर हमला किया था। इसके बाद उसे महिलाओं को मारकर खून देखना अच्छा लगने लगा। वह सूरत में पेंट पॉलिश का काम भी करता था। वारदात के बाद वह सूरत निकल जाता था।
जेल से छूटने के बाद चोरी की घटना को अंजाम देते समय पहली बार 30 जुलाई को झंगहा के सहसड़ाव गांव में एक महिला के सिर और चेहरे पर हमला किया था। इसके बाद उसे महिलाओं को मारकर खून देखना अच्छा लगने लगा। वह सूरत में पेंट पॉलिश का काम भी करता था। वारदात के बाद वह सूरत निकल जाता था।
काली शर्ट पहनकर, नंगे पांव करता था वारदात
पुलिस से पूछताछ में अजय ने बताया था कि वह शनिदेव की पूजा करता है इसीलिए हमेशा काले वस्त्र पहनता है। भागने में आसानी हो इसलिए नंगे पांव वारदात को अंजाम देने जाता था। यही वजह है कि जेल भेजे जाने के बाद भी काले कपड़े ही पहनता है। परिजनों से भी काले कपड़े ही लाने की मांग करता है।
पुलिस से पूछताछ में अजय ने बताया था कि वह शनिदेव की पूजा करता है इसीलिए हमेशा काले वस्त्र पहनता है। भागने में आसानी हो इसलिए नंगे पांव वारदात को अंजाम देने जाता था। यही वजह है कि जेल भेजे जाने के बाद भी काले कपड़े ही पहनता है। परिजनों से भी काले कपड़े ही लाने की मांग करता है।
जेल में पढ़ाई कर रहा रावण
झंगहा इलाके में ही दादा-दादी समेत तीन की हत्या करने वाले रामदयाल मौर्या का स्वभाव जेल में पूरी तरह बदल गया है। जेल में रावण के नाम से चर्चित रामदयाल अब बंदियों के रिकॉर्ड व्यवस्थित कर रहा है। मानसिक रूप से विक्षिप्त रावण पर ग्रामीण भूत-प्रेत का साया बताते थे लेकिन जेल में मनोचिकित्सक के इलाज के बाद वह सामान्य हो गया है।
झंगहा इलाके में ही दादा-दादी समेत तीन की हत्या करने वाले रामदयाल मौर्या का स्वभाव जेल में पूरी तरह बदल गया है। जेल में रावण के नाम से चर्चित रामदयाल अब बंदियों के रिकॉर्ड व्यवस्थित कर रहा है। मानसिक रूप से विक्षिप्त रावण पर ग्रामीण भूत-प्रेत का साया बताते थे लेकिन जेल में मनोचिकित्सक के इलाज के बाद वह सामान्य हो गया है।
जेल प्रशासन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि रावण अब सुबह उठने के बाद पूजा-पाठ करता है। वह किताबें मांगकर पढ़ता है। जेल में आने-जाने वाले कैदियों का रिकॉर्ड भी देख रहा है। बड़ों को देखते ही पैर छूता है। जेल से छूटने के लिए अब भगवान राम की पूजा कर रहा है। कुछ समय पहले ही उसने जेल अधीक्षक से रामायण और गीता मांगी थी, ताकि वह अपने पाप का प्रायश्चित कर सके। जेल में मनोचिकित्सक उसका इलाज भी कर रहे हैं। अब उसका व्यवहार सामान्य होने लगा है।
जेल में बंदियों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच कराई जाती है। जरूरत होने पर इलाज भी कराया जाता है। इलाज के बाद रामदयाल का व्यवहार बदला है। अजय का व्यवहार भी सामान्य हो गया है।- दिलीप पांडेय, जेल अधीक्षक