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Gorakhpur News: अब तो अपने दम पर आगे बढ़ रही हैं बेटियां...
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भागीरथी सांस्कृतिक मंच की तरफ से काव्य गोष्ठी आयोजित
गोरखपुर। भागीरथी सांस्कृतिक मंच की 802वीं काव्य गोष्ठी रामकृष्ण पुरम स्थित भोजपुरी गीतकार अरविंद ''''अकेला'''' के आवास पर हुई। इस दौरान वरिष्ठ गीतकार राम समुझ ''''सांवरा'''' ने हाल ही में क्रिकेट में महिला विश्वकप विजेता भारत की बेटियों की प्रशंसा करते हुए कहा- अब तो अपने दम पर आगे बढ़ रही हैं बेटियां, खेल के मैदान से स्वर्ण ला रही हैं बेटियां। बेटियों की प्रशंसा में प्रस्तुत की गई इस कविता पर लोगों ने खूब तालियां बजाईं।
वरिष्ठ कवि धर्मेंद्र त्रिपाठी ने तात्कालिक समय की बात की- बोझिल समय में कोशिश जरुरी है, आगे बढ़ने के लिए साफ-सुथरी हवा-अच्छे वातावरण की उम्मीद क्यों छोड़ें भला अभी से। वरिष्ठ गीतकार अरविंद ''''अकेला'''' ने भोजपुरी के संदर्भ में विचार व्यक्त किए-
जे चिक्काडाड़ी ना खेलल, उ खेल तमासा का जानी, जे गांव में कब्बों रहले नईखे, उ गांव के भाषा का जानी। मुख्य अतिथि उपन्यासकार बलदेव त्रिपाठी ने कहा कि आज बहुत दिनों बाद कवि गोष्ठी में आकर अच्छा लगा, सभी तरह की रचनाओं को सुनने का आनंद ही अलग है।
अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ शायर श्री अरुण ''''ब्रह्मचारी'''' ने सभी को साधुवाद देते हुए कहा कि दुनिया में लोग हो गए कितने अजीब से, मिलते हैं दोस्त आज बहुत ही नसीब से।
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गोरखपुर। भागीरथी सांस्कृतिक मंच की 802वीं काव्य गोष्ठी रामकृष्ण पुरम स्थित भोजपुरी गीतकार अरविंद ''''अकेला'''' के आवास पर हुई। इस दौरान वरिष्ठ गीतकार राम समुझ ''''सांवरा'''' ने हाल ही में क्रिकेट में महिला विश्वकप विजेता भारत की बेटियों की प्रशंसा करते हुए कहा- अब तो अपने दम पर आगे बढ़ रही हैं बेटियां, खेल के मैदान से स्वर्ण ला रही हैं बेटियां। बेटियों की प्रशंसा में प्रस्तुत की गई इस कविता पर लोगों ने खूब तालियां बजाईं।
वरिष्ठ कवि धर्मेंद्र त्रिपाठी ने तात्कालिक समय की बात की- बोझिल समय में कोशिश जरुरी है, आगे बढ़ने के लिए साफ-सुथरी हवा-अच्छे वातावरण की उम्मीद क्यों छोड़ें भला अभी से। वरिष्ठ गीतकार अरविंद ''''अकेला'''' ने भोजपुरी के संदर्भ में विचार व्यक्त किए-
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जे चिक्काडाड़ी ना खेलल, उ खेल तमासा का जानी, जे गांव में कब्बों रहले नईखे, उ गांव के भाषा का जानी। मुख्य अतिथि उपन्यासकार बलदेव त्रिपाठी ने कहा कि आज बहुत दिनों बाद कवि गोष्ठी में आकर अच्छा लगा, सभी तरह की रचनाओं को सुनने का आनंद ही अलग है।
अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ शायर श्री अरुण ''''ब्रह्मचारी'''' ने सभी को साधुवाद देते हुए कहा कि दुनिया में लोग हो गए कितने अजीब से, मिलते हैं दोस्त आज बहुत ही नसीब से।