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गोरखपुर: युवक की पिटाई के मामले में एसएसपी ने की कार्रवाई, महुआडाबर चौकी इंचार्ज निलंबित
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Thu, 09 Sep 2021 08:21 PM IST
सार
सीओ लाइंस को सौंपी गई जांच, सिपाही भी लाइनहाजिर, युवक ने दस हजार रुपये की वसूली कर छोड़ने का लगाया था आरोप।
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सांकेतिक तस्वीर।
- फोटो : iStock
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विस्तार
गोरखपुर जिले के खजनी के भीटी खोरिया निवासी ठेकेदार दिलीप पांडेय की पुलिस द्वारा पिटाई करने के मामले में एसएसपी ने महुआडाबन चौकी इंचार्ज अभिजीत को निलंबित कर दिया है। आरोपी सिपाही मोतीचंद को भी लाइन हाजिर कर दिया गया। एसएसपी ने पूरे प्रकरण की जांच सीओ लाइंस को सौंपी है। पुलिस द्वारा पिटाई करने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। पिटाई की वजह मुफ्त में इन्वर्टर नहीं देने को बताया गया था।
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जानकारी के मुताबिक, दिलीप पांडेय महीने का सामान लेने के लिए मंगलवार को साई बेकरी पर गए थे। यहां पर वह सामान की खरीदारी कर रहे थे। तभी कुछ पुलिस वाले आए और बोले कि तुम पुलिस वालों को गाली देते हो। चलो चौकी इंचार्ज साहब ने बुलाया है। दिलीप ने कहा कि मैं कोई बदमाश नहीं, अभी आ जाऊंगा।
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आरोप है कि महुआडाबर चौकी इंचार्ज अभिजीत को जब इसकी जानकारी हुई तो वह नाराज हो गए और कुछ पुलिस वालों के साथ बेकरी की दुकान में आ गए थे। आते ही दिलीप को थप्पड़ मारा और साथ लेकर चले गए। दिलीप का आरोप है कि दस हजार रुपये लेने के बाद उन्हें चौकी से छोड़ा गया है। वहीं पिटाई से कान का पर्दा ही प्रभावित हो गया है। इस प्रकरण को संज्ञान लेते हुए एसएसपी ने कार्रवाई की है।
फिरौती मांगने में जेल भी जा चुके है अभिजीत
18 दिसंबर 2017 में छात्र का अपहरण कर फिरौती मांगने के आरोप में दरोगा अभिजीत जेल भी जा चुके हैं। तब यह उरुवा थाने में तैनात थे। उस समय बिहार के गोपालगंज निवासी छात्र एहसान असलम को उसका दोस्त अफजल लेकर गोरखपुर आया था। यहां पर बंधक बना लिया गया था और परिजनों से फिरौती की मांग की गई थी। आरोप था कि इसकी जानकारी दरोगा अभिजीत कुमार और रद्युनंदन को थी।
मामला संज्ञान में आने पर तत्कालीन एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के आदेश पर केस दर्ज कर दोनों दरोगा को जेल भेजा गया था। वह मामला अब न्यायालय में चल रहा है। इस बीच चौकी इंचार्ज की जिम्मेदारी पाने के बाद एक बार फिर उनकी करतूत का वीडियो वायरल होने लगा था। एसएसपी ने कार्रवाई कर विभागीय जांच का आदेश दिया है।
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने कहा कि पिटाई के मामले को संज्ञान में लेते हुए आरोपित चौकी इंचार्ज को निलंबित करने के साथ सिपाही को लाइनहाजिर कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच सीओ लाइंस को सौंपी गई है।
मामला संज्ञान में आने पर तत्कालीन एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के आदेश पर केस दर्ज कर दोनों दरोगा को जेल भेजा गया था। वह मामला अब न्यायालय में चल रहा है। इस बीच चौकी इंचार्ज की जिम्मेदारी पाने के बाद एक बार फिर उनकी करतूत का वीडियो वायरल होने लगा था। एसएसपी ने कार्रवाई कर विभागीय जांच का आदेश दिया है।
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने कहा कि पिटाई के मामले को संज्ञान में लेते हुए आरोपित चौकी इंचार्ज को निलंबित करने के साथ सिपाही को लाइनहाजिर कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच सीओ लाइंस को सौंपी गई है।