छोटे बच्चों में बढ़ा क्रेज: ताइक्वांडो बढ़ा रही धार...नन्हीं बिटियां बन रहीं दमदार

ताइक्वांडो के लिटिल चैंप ने दो दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी अपनी कला से अचंभित कर दिया था। पांच साल की बच्ची पलक ने जब एक पंच सांसद रविकिशन को मारा तो बोले-बिटिया दमदार है भाई..। गोरक्षनगरी में ऐसी एक नहीं, तमाम बच्चियां और नन्हें बच्चे भविष्य के लिए तैयार हो रहे हैं।

ओलंपिक में धाक जमाते रहे अमेरिका, जापान, चीन जैसे देशों की तर्ज पर अपने शहर में भी नन्हें बच्चे खेलों का अभ्यास में जुट जा रहे हैं। शहर में ताइक्वांडो के लिए तीन साल की उम्र से ही बच्चे ट्रेनिंग लेना शुरू कर दे रहे हैं। पांच साल तक पहुंचते-पहुंचते वे काफी हद तक प्रशिक्षित हो जा रहे हैं। ताइक्वांडो और मार्शल आर्ट्स में अब भारत ज्यादा समय तक पीछे नहीं रहेगा, ऐसा बच्चों में खेलों के प्रति बढ़ते जुनून से साफ दिखाई दे रहा है। जिले में अब मार्शल आर्ट्स के लिए पौध तैयार हो रही है।
होये.. अच्च.. किक.. पंच..दे घुमा के..। शाम के समय अगर आप पंत पार्क, दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज, तारामंडल आदि जगहों से गुजरेंगे तो ये आवाजें आपको सुनने को मिल जाएंगी। शहर में ताइक्वांडो का क्रेज इतना बढ़ गया है कि छोटी उम्र में ही बच्चे इसकी ट्रेनिंग शुरू कर दे रहे हैं। तारामंडल स्थित एकेडमी में बुधवार को पांच साल के रक्षत ने जब किक मारना शुरू किया तो सभी हैरत में दिखाई दिए। ऐसे तमाम बच्चे इन एकेडमी में तैयार हो रहे हैं।
मोबाइल फोन से दूर रखने के लिए भेज रहे अभिभावक
कोरोना काल के बाद बच्चों को मोबाइल फोन की लत लग गई थी। इसकी वजह से खेलकूद की गतिविधियां पूरी तरह से बंद हो गईं। इसे ठीक करने के लिए मां-बाप ने बच्चों को ताइक्वांडो की ट्रेनिंग के लिए भेजना शुरू कर दिया। इससे दो फायदे हैं.. पहला कि बच्चे शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं और दूसरा कि वे आत्म सुरक्षा के गुण सीख लेंगे।
पहले ज्यादातर बच्चे क्रिकेट या फुटबाल ही खेलते थे, लेकिन अब ताइक्वांडो की ओर भी उनका रुझान तेजी से बढ़ रहा है। प्रशिक्षक आदित्य जायसवाल ने बताया कि कोरोना काल के बाद से ताइक्वांडो का क्रेज बढ़ा है। छोटी उम्र से ही बच्चे इसकी ट्रेनिंग ले रहे हैं।
ताइक्वांडो में आगे आ रहीं बेटियां
ताइक्वांडों में अभी तक लड़के ही ज्यादातर देखने को मिलते थे, लेकिन अब समय काफी तेजी से बदल रहा है और ट्रेनिंग सेंटर पर आपको लड़कों से ज्यादा लड़कियां देखने को मिल जाएंगी। इससे वे छोटी उम्र में ही आत्म सुरक्षा के लिए तैयार हो जा रही हैं। अगर उन्हें किसी ने परेशान करने की भी कोशिश की तो उनको करारा पंच मिलेगा।
प्रशिक्षक विशाल ने बताया कि ताइक्वांडो की तरफ पिछले कुछ समय से लोगों का रुझान काफी बढ़ा है। लड़कियां भी इसमें आगे आ रही हैं। इससे बच्चे शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं और इसमें लेवल बढ़ाकर आगे बड़ी प्रतियोगिता में अपना हुनर दिखा सकते हैं।