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Bhiwani News: शहर में 10 से 150 मीटर लंबी सीवर लाइनों का ड्राफ्ट तैयार, अब प्रशासनिक मंजूरी पर अटका मामला
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शहर के नेहरू पार्क में सीवर लाइन की सफाई करते कर्मचारी।
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भिवानी। शहर में 10 से 150 मीटर लंबी सीवर लाइनों का ड्राफ्ट (खाका) तैयार हो चुका है लेकिन मामला अब मुख्यालय में प्रशासनिक मंजूरी पर अटका हुआ है। रफ कोस्ट एस्टीमेट को मंजूरी मिलने के बाद जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग मुख्यालय को रिपोर्ट भेज चुका है। शहर में लगभग 82 करोड़ रुपये से 22 किमी दायरे में नई सीवर लाइन बिछाने का प्रस्ताव है जिसकी तकनीकी स्वीकृति भी मिल चुकी है। प्रशासनिक स्वीकृति मिलते ही अधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन का विस्तार होगा। इसके साथ ही महाग्राम योजना के तहत बड़े गांवों में पानी और सीवर लाइनें डालने का काम भी शुरू होगा।
शहर की कई कॉलोनियों में करीब साढ़े चार दशक पुरानी सीवर लाइनें जर्जर हो चुकी हैं। कई जगह लाइनों में स्थायी क्षति के कारण डिस्पोजल तक पानी पहुंच ही नहीं रहा है ऐसे क्षेत्रों में विभाग अस्थायी पंपों से निकासी कर रहा है। मंजूरी मिलते ही इन इलाकों में नई सीवर लाइनें बिछाई जाएंगी। शहर का अधिकृत क्षेत्र भी लगभग 250 एकड़ बढ़ा है जिससे नए शामिल हिस्सों को भी निकासी सुविधा उपलब्ध होगी। नए मसौदे में शहर के भीतर अतिरिक्त डिस्पोजल निर्माण, पुराने डिस्पोजलों की क्षमता वृद्धि, मशीनरी बदलने व नए सीवर मैनहोल बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है।
लाइनों की लीकेज नहीं, भूमिगत जलस्तर ऊपर आने से धरती धंस रही
जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा हाल ही में कराए सर्वे में पाया गया कि कई जगह भूमि व सड़क धंसने का मुख्य कारण भूमिगत जलस्तर का ऊपर आना है। विभाग के अनुसार सर्कुलर रोड के नीचे लगभग 27 फीट गहराई में सीवर लाइन है जबकि कई स्थानों पर सिर्फ छह फीट नीचे ही पानी मिलने लगा है। नागरिक अस्पताल-घंटाघर क्षेत्र में जहां सड़क धंसी वहां प्रमुख सीवर लाइन नहीं बल्कि ऊंचा जलस्तर सामने आया। कई सीवर मैनहोल भी जलस्तर बढ़ने से धंस चुके हैं जिनकी मरम्मत जारी है।
तीन करोड़ रुपये की लागत से मुख्य सीवर लाइन की सफाई जारी
सर्कुलर रोड के लगभग 10 किमी दायरे में मुख्य सीवर लाइन की सफाई लगभग तीन करोड़ रुपये के बजट से करवाई जा रही है। दिल्ली से आई मशीनों द्वारा कंपनी प्रतिदिन लगभग 30 मीटर लाइन की सफाई कर पा रही है। अब तक लगभग 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। सफाई में बड़ी मात्रा में पॉलिथीन कचरा भी निकल रहा है जो खुले नालों के माध्यम से मुख्य लाइन तक पहुंचकर रुकावट पैदा कर रहा था।
10 बड़े गांवों में महाग्राम योजना के तहत डाली जाएगी सीवर और पेयजल की लाइनें
जिले के धनाना गांव में 70 करोड़ रुपये से सीवर व पानी लाइन बिछाने का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार तिगड़ाना, बामला, खरक कलां में सीवर व पाइपलाइन का एस्टीमेट तैयार हो चुका है। कलिंगा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए पंचायती भूमि चयन की प्रक्रिया जारी है। बापोड़ा में कार्य दोबारा शुरू किया जाएगा जबकि दिनोद, देवसर और चांग में भी एस्टीमेट तैयार हो चुके हैं। मुख्यमंत्री घोषणा के अनुरूप 10 हजार से अधिक आबादी वाले गांव इस योजना में शामिल किए गए हैं।
शहर में 33,000 सीवर मैनहोल, 25 स्थानों पर ढक्कन टूटकर गिर चुके
शहर में करीब 33,000 सीवर मैनहोल बने हैं। पहले इन पर लोहे के ढक्कन लगे थे लेकिन चोरी होने पर इन्हें सीमेंट के ढक्कनों से बदला गया। भारी वाहनों के दबाव के कारण शहर में लगभग 25 स्थानों पर मैनहोल के ढक्कन टूटकर गिर गए हैं जिससे हादसों का खतरा बढ़ा है। 2013 में सर्कुलर रोड के नीचे मुख्य सीवर लाइन पर सीआईपीपी कार्य हुआ था जिसके बाद कई मैनहोल क्षतिग्रस्त हुए जिन्हें नए मसौदे में शामिल किया गया है।
शहर के अंदर करीब तीन करोड़ रुपये के बजट से सर्कुलर रोड दायरे की मुख्य सीवर लाइन की सफाई का काम चल रहा है। यह काम लगभग 50 फीसदी पूरा हो चुका है। शहर के अंदर करीब 82 करोड़ रुपये से नई सीवर लाइन डालने व पंपिंग क्षमता बढ़ाने का मसौदा मुख्यालय में प्रशासनिक मंजूरी के लिए भेजा हुआ है। मंजूरी मिलने के बाद ही ड्राइंग तैयार कर टेंडर व वर्क ऑर्डर जारी होंगे। फिलहाल अत्यावश्यक स्थानों पर मेंटनेंस के तहत सीवर दुरुस्ती का कार्य जारी है। - सूर्यकांत, कार्यकारी अभियंता, शहरी सीवरेज शाखा, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, भिवानी
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लाइनों की लीकेज नहीं, भूमिगत जलस्तर ऊपर आने से धरती धंस रही
जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा हाल ही में कराए सर्वे में पाया गया कि कई जगह भूमि व सड़क धंसने का मुख्य कारण भूमिगत जलस्तर का ऊपर आना है। विभाग के अनुसार सर्कुलर रोड के नीचे लगभग 27 फीट गहराई में सीवर लाइन है जबकि कई स्थानों पर सिर्फ छह फीट नीचे ही पानी मिलने लगा है। नागरिक अस्पताल-घंटाघर क्षेत्र में जहां सड़क धंसी वहां प्रमुख सीवर लाइन नहीं बल्कि ऊंचा जलस्तर सामने आया। कई सीवर मैनहोल भी जलस्तर बढ़ने से धंस चुके हैं जिनकी मरम्मत जारी है।
तीन करोड़ रुपये की लागत से मुख्य सीवर लाइन की सफाई जारी
सर्कुलर रोड के लगभग 10 किमी दायरे में मुख्य सीवर लाइन की सफाई लगभग तीन करोड़ रुपये के बजट से करवाई जा रही है। दिल्ली से आई मशीनों द्वारा कंपनी प्रतिदिन लगभग 30 मीटर लाइन की सफाई कर पा रही है। अब तक लगभग 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। सफाई में बड़ी मात्रा में पॉलिथीन कचरा भी निकल रहा है जो खुले नालों के माध्यम से मुख्य लाइन तक पहुंचकर रुकावट पैदा कर रहा था।
10 बड़े गांवों में महाग्राम योजना के तहत डाली जाएगी सीवर और पेयजल की लाइनें
जिले के धनाना गांव में 70 करोड़ रुपये से सीवर व पानी लाइन बिछाने का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार तिगड़ाना, बामला, खरक कलां में सीवर व पाइपलाइन का एस्टीमेट तैयार हो चुका है। कलिंगा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए पंचायती भूमि चयन की प्रक्रिया जारी है। बापोड़ा में कार्य दोबारा शुरू किया जाएगा जबकि दिनोद, देवसर और चांग में भी एस्टीमेट तैयार हो चुके हैं। मुख्यमंत्री घोषणा के अनुरूप 10 हजार से अधिक आबादी वाले गांव इस योजना में शामिल किए गए हैं।
शहर में 33,000 सीवर मैनहोल, 25 स्थानों पर ढक्कन टूटकर गिर चुके
शहर में करीब 33,000 सीवर मैनहोल बने हैं। पहले इन पर लोहे के ढक्कन लगे थे लेकिन चोरी होने पर इन्हें सीमेंट के ढक्कनों से बदला गया। भारी वाहनों के दबाव के कारण शहर में लगभग 25 स्थानों पर मैनहोल के ढक्कन टूटकर गिर गए हैं जिससे हादसों का खतरा बढ़ा है। 2013 में सर्कुलर रोड के नीचे मुख्य सीवर लाइन पर सीआईपीपी कार्य हुआ था जिसके बाद कई मैनहोल क्षतिग्रस्त हुए जिन्हें नए मसौदे में शामिल किया गया है।
शहर के अंदर करीब तीन करोड़ रुपये के बजट से सर्कुलर रोड दायरे की मुख्य सीवर लाइन की सफाई का काम चल रहा है। यह काम लगभग 50 फीसदी पूरा हो चुका है। शहर के अंदर करीब 82 करोड़ रुपये से नई सीवर लाइन डालने व पंपिंग क्षमता बढ़ाने का मसौदा मुख्यालय में प्रशासनिक मंजूरी के लिए भेजा हुआ है। मंजूरी मिलने के बाद ही ड्राइंग तैयार कर टेंडर व वर्क ऑर्डर जारी होंगे। फिलहाल अत्यावश्यक स्थानों पर मेंटनेंस के तहत सीवर दुरुस्ती का कार्य जारी है। - सूर्यकांत, कार्यकारी अभियंता, शहरी सीवरेज शाखा, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, भिवानी