{"_id":"69543e1fdf60fc88b502812e","slug":"209-primary-schools-in-the-district-were-evaluated-in-the-census-20-assessment-charkhi-dadri-news-c-126-1-cdr1009-149502-2025-12-31","type":"story","status":"publish","title_hn":"Charkhi Dadri News: सेंसस-2.0 आकलन में हुआ जिले के 209 प्राथमिक विद्यालयों का मूल्यांकन","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Charkhi Dadri News: सेंसस-2.0 आकलन में हुआ जिले के 209 प्राथमिक विद्यालयों का मूल्यांकन
संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Wed, 31 Dec 2025 02:33 AM IST
विज्ञापन
सेंसस आकलन के दौरान मौजूद जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी।
विज्ञापन
चरखी दादरी। निपुण हरियाणा कार्यक्रम के तहत दादरी जिले में सेंसस-2.0 आकलन मंगलवार को पूरा हो गया। यह आकलन 29 और 30 दिसंबर को जिले के कुल 209 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में आयोजित किया गया।
आकलन का मुख्य उद्देश्य कक्षा दूसरी और तीसरी के विद्यार्थियों की कक्षानुसार प्राप्त की गई शैक्षिक दक्षताओं का वास्तविक आकलन करना रहा, ताकि बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान के स्तर को परखा जा सके।
सेंसस-2.0 आकलन के दौरान आकलनकर्ता की भूमिका निभाते हुए टीजीटी एवं पीजीटी अध्यापकों ने कक्षा दो और तीन के विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया।
यह आकलन निपुण टीचर ऐप के माध्यम से पूरी तरह ऑनलाइन किया गया, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी, समयबद्ध एवं त्रुटिरहित बनी रही। डिजिटल माध्यम से किए गए इस आकलन से आंकड़ों का त्वरित संकलन संभव हुआ, जो आगामी शैक्षिक योजना निर्माण में सहायक सिद्ध होगा।
आकलन के तहत भाषा एवं गणित विषयों में विद्यार्थियों की बुनियादी दक्षताओं को परखा गया। भाषा हिंदी में वर्ण पहचान, शब्द पठन, वाक्य एवं अनुच्छेद पठन की दक्षताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया, जबकि गणित में संख्या पहचान, जोड़, घटाव एवं अन्य आवश्यक गणनात्मक दक्षताओं का मूल्यांकन किया गया।
इसका प्रमुख लक्ष्य यह जानना रहा कि विद्यार्थी अपनी कक्षा के अनुरूप निपुण लक्ष्य कितनी सीमा तक प्राप्त कर पाए हैं। आकलन प्रक्रिया की प्रभावी निगरानी के लिए जिलास्तर और खंडस्तर से सतत निगरानी की गई।
निरीक्षण के दौरान डीईओ धर्मेंद्र चौधरी, डीईईओ सुशील भारती, एफएलएन के जिला संयोजक, बीईओ, डाइट टीम, बीआरपी एवं एबीआरसी ने विद्यालयों का दौरा किया। अधिकारियों ने आकलन प्रक्रिया का अवलोकन कर आवश्यक मार्गदर्शन भी प्रदान किया, जिससे आकलन की गुणवत्ता सुनिश्चित रही।
जिला एफएलएन संयोजक संदीप कुमार ने बताया कि इससे पूर्व 15 और 16 सितंबर को जिले में सेंसस-1.0 आकलन आयोजित किया गया था।
सेंसस-1.0 और सेंसस-2.0 के आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन कर विद्यार्थियों की प्रगति का विश्लेषण किया जाएगा। जिन दक्षताओं में विद्यार्थी अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाए हैं, उनके लिए विशेष रिमेडियल योजना तैयार कर शिक्षण कार्य को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
संयोजक संदीप ने बताया कि निपुण हरियाणा कार्यक्रम का लक्ष्य प्रत्येक बच्चे को बुनियादी शिक्षा में दक्ष बनाना है और सेंसस आकलन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सेंसस-2.0 आकलन से हमें बच्चों की वास्तविक शैक्षिक स्थिति का पता चला है। अब विभाग का फोकस कमजोर दक्षताओं पर विशेष कार्य करते हुए प्रत्येक बच्चे को निपुण बनाना है। - सुशील भारती, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, दादरी।
Trending Videos
आकलन का मुख्य उद्देश्य कक्षा दूसरी और तीसरी के विद्यार्थियों की कक्षानुसार प्राप्त की गई शैक्षिक दक्षताओं का वास्तविक आकलन करना रहा, ताकि बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान के स्तर को परखा जा सके।
विज्ञापन
विज्ञापन
सेंसस-2.0 आकलन के दौरान आकलनकर्ता की भूमिका निभाते हुए टीजीटी एवं पीजीटी अध्यापकों ने कक्षा दो और तीन के विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया।
यह आकलन निपुण टीचर ऐप के माध्यम से पूरी तरह ऑनलाइन किया गया, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी, समयबद्ध एवं त्रुटिरहित बनी रही। डिजिटल माध्यम से किए गए इस आकलन से आंकड़ों का त्वरित संकलन संभव हुआ, जो आगामी शैक्षिक योजना निर्माण में सहायक सिद्ध होगा।
आकलन के तहत भाषा एवं गणित विषयों में विद्यार्थियों की बुनियादी दक्षताओं को परखा गया। भाषा हिंदी में वर्ण पहचान, शब्द पठन, वाक्य एवं अनुच्छेद पठन की दक्षताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया, जबकि गणित में संख्या पहचान, जोड़, घटाव एवं अन्य आवश्यक गणनात्मक दक्षताओं का मूल्यांकन किया गया।
इसका प्रमुख लक्ष्य यह जानना रहा कि विद्यार्थी अपनी कक्षा के अनुरूप निपुण लक्ष्य कितनी सीमा तक प्राप्त कर पाए हैं। आकलन प्रक्रिया की प्रभावी निगरानी के लिए जिलास्तर और खंडस्तर से सतत निगरानी की गई।
निरीक्षण के दौरान डीईओ धर्मेंद्र चौधरी, डीईईओ सुशील भारती, एफएलएन के जिला संयोजक, बीईओ, डाइट टीम, बीआरपी एवं एबीआरसी ने विद्यालयों का दौरा किया। अधिकारियों ने आकलन प्रक्रिया का अवलोकन कर आवश्यक मार्गदर्शन भी प्रदान किया, जिससे आकलन की गुणवत्ता सुनिश्चित रही।
जिला एफएलएन संयोजक संदीप कुमार ने बताया कि इससे पूर्व 15 और 16 सितंबर को जिले में सेंसस-1.0 आकलन आयोजित किया गया था।
सेंसस-1.0 और सेंसस-2.0 के आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन कर विद्यार्थियों की प्रगति का विश्लेषण किया जाएगा। जिन दक्षताओं में विद्यार्थी अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंच पाए हैं, उनके लिए विशेष रिमेडियल योजना तैयार कर शिक्षण कार्य को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।
संयोजक संदीप ने बताया कि निपुण हरियाणा कार्यक्रम का लक्ष्य प्रत्येक बच्चे को बुनियादी शिक्षा में दक्ष बनाना है और सेंसस आकलन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सेंसस-2.0 आकलन से हमें बच्चों की वास्तविक शैक्षिक स्थिति का पता चला है। अब विभाग का फोकस कमजोर दक्षताओं पर विशेष कार्य करते हुए प्रत्येक बच्चे को निपुण बनाना है। - सुशील भारती, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, दादरी।