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Charkhi Dadri News: पर्यावरण संतुलन के लिए जिले में बढ़ाया जाए हरित क्षेत्र
संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Wed, 31 Dec 2025 02:35 AM IST
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वन विभाग की समीक्षा बैठक में मौजूद उपायुक्त व अन्य।
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चरखी दादरी। जिला उपायुक्त डॉ. मुनीश नागपाल ने पर्यावरण संतुलन के मद्देनजर विभागीय अधिकारियों को जिले में हरित क्षेत्र बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्थानों पर अधिकतम पौधरोपण सुनिश्चित किया जाए। उपायुक्त मंगलवार को अपने कार्यालय में वन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
डीसी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में होने की वजह से पर्यावरण के दृष्टिकोण से हमारा महत्व और भी बढ़ जाता है। उन्होंने सभी पार्कों, सड़कों और रेल लाइन के किनारे पौधरोपण करने के निर्देश दिए। नहरोंं के किनारों पर योजनाबद्ध तरीके से पौधरोपण करने के लिए भी कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पौधरोपण के दौरान भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखा जाए ताकि कभी पेड़ों को वहां से हटाने की जरूरत न पड़े।
उपायुक्त ने जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, जिला राजस्व अधिकारी, जिला नगर योजनाकार, नगर परिषद, उप निदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि वे अपने विभागों के अधीन उपलब्ध उपयुक्त खाली भूमि को चिह्नित कर वन विभाग को उपलब्ध करवाएं ताकि समन्वय के साथ अधिकतम पौधरोपण किया जा सके और व्यापक स्तर पर पौधरोपण हो।
बैठक में वन क्षेत्रों की निगरानी, अवैध कटाई, अतिक्रमण एवं वन अपराध मामलों की भी समीक्षा की गई। उपायुक्त ने इन मामलों में सतर्कता बनाए रखने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही विभिन्न सरकारी विभागों से संबंधित वन संरक्षण अधिनियम संबंधी प्रस्तावों की स्थिति की भी समीक्षा कर आवश्यक अनुपालन शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए।
बैठक के दौरान वनाधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जिले के कुल वन क्षेत्र, वन क्षेत्रों का श्रेणी अनुसार वर्गीकरण, संचालित वन नर्सरियों की स्थिति, वर्ष 2025-26 के दौरान किए गए पौधरोपण कार्य और वन क्षेत्र में निगरानी एवं गश्त की जानकारी दी। बैठक में जिले के वन क्षेत्र, पौधरोपण कार्य, नर्सरियों की स्थिति, वन सुरक्षा, निगरानी एवं पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई।
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डीसी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में होने की वजह से पर्यावरण के दृष्टिकोण से हमारा महत्व और भी बढ़ जाता है। उन्होंने सभी पार्कों, सड़कों और रेल लाइन के किनारे पौधरोपण करने के निर्देश दिए। नहरोंं के किनारों पर योजनाबद्ध तरीके से पौधरोपण करने के लिए भी कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पौधरोपण के दौरान भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखा जाए ताकि कभी पेड़ों को वहां से हटाने की जरूरत न पड़े।
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उपायुक्त ने जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, जिला राजस्व अधिकारी, जिला नगर योजनाकार, नगर परिषद, उप निदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि वे अपने विभागों के अधीन उपलब्ध उपयुक्त खाली भूमि को चिह्नित कर वन विभाग को उपलब्ध करवाएं ताकि समन्वय के साथ अधिकतम पौधरोपण किया जा सके और व्यापक स्तर पर पौधरोपण हो।
बैठक में वन क्षेत्रों की निगरानी, अवैध कटाई, अतिक्रमण एवं वन अपराध मामलों की भी समीक्षा की गई। उपायुक्त ने इन मामलों में सतर्कता बनाए रखने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही विभिन्न सरकारी विभागों से संबंधित वन संरक्षण अधिनियम संबंधी प्रस्तावों की स्थिति की भी समीक्षा कर आवश्यक अनुपालन शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए गए।
बैठक के दौरान वनाधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जिले के कुल वन क्षेत्र, वन क्षेत्रों का श्रेणी अनुसार वर्गीकरण, संचालित वन नर्सरियों की स्थिति, वर्ष 2025-26 के दौरान किए गए पौधरोपण कार्य और वन क्षेत्र में निगरानी एवं गश्त की जानकारी दी। बैठक में जिले के वन क्षेत्र, पौधरोपण कार्य, नर्सरियों की स्थिति, वन सुरक्षा, निगरानी एवं पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई।