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Charkhi Dadri News: अमृत सरोवर योजना ठप, 25 तालाब तीन साल से सुंदरीकरण के इंतजार में
संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Sat, 20 Dec 2025 01:38 AM IST
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गांव ढाणी फोगाट स्थित तालाब।
- फोटो : 1
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चरखी दादरी। जिले में अमृत सरोवर योजना के तहत चयनित तालाबों का सुंदरीकरण कार्य अपेक्षित गति से नहीं हो पा रहा है। योजना के अंतर्गत शामिल 42 तालाबों में से अब तक केवल 17 का ही कार्य पूरा हो सका है, जबकि 25 तालाब करीब तीन वर्षों से सुंदरीकरण के इंतजार में हैं। वर्तमान में अधिकांश गांवों के तालाब दूषित पानी की झील का रूप ले चुके हैं, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
कई गांवों में तालाब आबादी के बीच स्थित होने से दुर्गंध बनी रहती है और आसपास रहने वाले लोगों का जीवन दूभर हो गया है। दूषित पानी के चलते बीमारियों का खतरा भी बना हुआ है। सरपंचों का कहना है कि तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए विभाग को प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। जिले में कुल लगभग 170 तालाब हैं जिनमें से केवल 42 को ही अमृत सरोवर योजना में शामिल किया गया है।
जिले के कई तालाब नहरों से जुड़े होने से उनमें समय-समय पर पानी की अदला-बदली होती रहती है, लेकिन इसके बावजूद इस समय करीब 75 तालाब दूषित पानी से भरे हुए हैं। तालाब जल संरक्षण और भूजल रिचार्ज के लिए अहम भूमिका निभाते हैं, साथ ही पशुओं के पीने के पानी का प्रमुख स्रोत भी हैं। पानी खराब होने से पशुपालकों को नल या अन्य साधनों से पशुओं को पानी पिलाना पड़ रहा है।
अधिकतर तालाबों में गाद और कीचड़ जमा हो चुकी है, जिससे पानी उपयोग लायक नहीं रह गया है। गांव मंदोला सहित बाढड़ा क्षेत्र के कई गांवों में तालाबों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। गांव ढाणी फोगाट स्थित रामेसर तालाब के किनारे बने कुएं, जिनका पानी कभी पीने के काम आता था, अब पूरी तरह अनुपयोगी हो चुके हैं। ग्रामीणों ने तालाबों के शीघ्र जीर्णोद्धार की मांग की है।
पंचायत ने प्रस्ताव पारित कर विभाग में जमा करवा रखा है। उनके गांव के दो तालाब इस योजना में शामिल हैं। अभी तक तालाब सुंदरीकरण के नाम पर बजट नहीं आया है। अधिकारियों से समय-समय पर संपर्क किया जाता है। इस बारे में जल्द ही सांसद से मिलकर उनके समक्ष बात रखी जाएगी। गांव के दो तालाब इस योजना में शामिल हैं।- सरपंच डिंपल देवी, ग्राम पंचायत इमलोटा
पंचायत ने एक तालाब के सुंदरीकरण के लिए प्रस्ताव भेज रखा है। इसका काम शुरू नहीं हो सका है। जैसे ही बजट मिल जाता है जोहड़ का सुंदरीकरण करवा दिया जाएगा। गांव में मंदिर के समीप तालाब इस योजना में शामिल है। - सरपंच सचिन कुमार, ग्राम पंचायत मकड़ानी
वर्जन
तालाबों मेेंं दूषित पानी से जल प्रदूषण बढ़ता है। आसपास का वातावरण भी प्रदूषित होता है। मच्छरों की वजह से बीमारियां बढ़ती हैं। तालाब प्रकृति की धरोहर हैं। तालाबों को समय-समय पर साफ इनमें साफ पानी डालते रहना चाहिए। -डॉ.चंद्रमोहन, नोडल अधिकारी पर्यावरण क्लब।
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कई गांवों में तालाब आबादी के बीच स्थित होने से दुर्गंध बनी रहती है और आसपास रहने वाले लोगों का जीवन दूभर हो गया है। दूषित पानी के चलते बीमारियों का खतरा भी बना हुआ है। सरपंचों का कहना है कि तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए विभाग को प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। जिले में कुल लगभग 170 तालाब हैं जिनमें से केवल 42 को ही अमृत सरोवर योजना में शामिल किया गया है।
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जिले के कई तालाब नहरों से जुड़े होने से उनमें समय-समय पर पानी की अदला-बदली होती रहती है, लेकिन इसके बावजूद इस समय करीब 75 तालाब दूषित पानी से भरे हुए हैं। तालाब जल संरक्षण और भूजल रिचार्ज के लिए अहम भूमिका निभाते हैं, साथ ही पशुओं के पीने के पानी का प्रमुख स्रोत भी हैं। पानी खराब होने से पशुपालकों को नल या अन्य साधनों से पशुओं को पानी पिलाना पड़ रहा है।
अधिकतर तालाबों में गाद और कीचड़ जमा हो चुकी है, जिससे पानी उपयोग लायक नहीं रह गया है। गांव मंदोला सहित बाढड़ा क्षेत्र के कई गांवों में तालाबों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। गांव ढाणी फोगाट स्थित रामेसर तालाब के किनारे बने कुएं, जिनका पानी कभी पीने के काम आता था, अब पूरी तरह अनुपयोगी हो चुके हैं। ग्रामीणों ने तालाबों के शीघ्र जीर्णोद्धार की मांग की है।
पंचायत ने प्रस्ताव पारित कर विभाग में जमा करवा रखा है। उनके गांव के दो तालाब इस योजना में शामिल हैं। अभी तक तालाब सुंदरीकरण के नाम पर बजट नहीं आया है। अधिकारियों से समय-समय पर संपर्क किया जाता है। इस बारे में जल्द ही सांसद से मिलकर उनके समक्ष बात रखी जाएगी। गांव के दो तालाब इस योजना में शामिल हैं।- सरपंच डिंपल देवी, ग्राम पंचायत इमलोटा
पंचायत ने एक तालाब के सुंदरीकरण के लिए प्रस्ताव भेज रखा है। इसका काम शुरू नहीं हो सका है। जैसे ही बजट मिल जाता है जोहड़ का सुंदरीकरण करवा दिया जाएगा। गांव में मंदिर के समीप तालाब इस योजना में शामिल है। - सरपंच सचिन कुमार, ग्राम पंचायत मकड़ानी
वर्जन
तालाबों मेेंं दूषित पानी से जल प्रदूषण बढ़ता है। आसपास का वातावरण भी प्रदूषित होता है। मच्छरों की वजह से बीमारियां बढ़ती हैं। तालाब प्रकृति की धरोहर हैं। तालाबों को समय-समय पर साफ इनमें साफ पानी डालते रहना चाहिए। -डॉ.चंद्रमोहन, नोडल अधिकारी पर्यावरण क्लब।