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आयुष्मान भारत योजना के तहत 2. 80 लाख में से मात्र 75 हजार ने बनवाए गोल्डन कार्ड
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नागरिक अस्पताल में गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए पहुंचे लाभार्थी
- फोटो : Fatehabad
फतेहाबाद। शुरुआत के करीब डेढ़ साल बाद भी आयुष्मान भारत योजना की जिले की स्थिति अच्छी नहीं है। योजना में अभी तक मात्र 25 फीसदी लोग ही शामिल हो पाए हैं। 63 हजार 554 परिवारों के करीब 2 लाख 80 हजार लोगों में से मात्र 75 हजार सदस्यों के ही गोल्डन कार्ड बने हैं।
स्वास्थ्य विभाग के कैंप और लक्ष्य भी गोल्डन कार्ड की संख्या को आगे नहीं बढ़ा पाया है। इसके पीछे मुख्य कारण है कि सूची में शामिल अधिकतर परिवार यहां से जा चुके हैं और वह ट्रेस नहीं हो रहे हैं। केंद्र सरकार की तरफ से 2011 में जनगणना के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर पाए गए परिवारों को इस सूची में शामिल किया गया है। लेकिन अभी तक 75 हजार सदस्यों ने ही गोल्डन कार्ड बनवाए हैं। इनमें से 673 लोग उपचार ले चुके हैं। गोल्डन कार्ड बनवाने वालों की संख्या बढ़ाने के लिए पीएचसी, सीएचसी, नागरिक अस्पताल और पैनल में शामिल प्राइवेट अस्पतालों में भी शुरूआत की गई है। अहम बात यह भी है कि अब अगर आईडी कार्ड में नाम गलत है और सूची में नाम है तो भी परिवार के सदस्य गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं। कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद जिला नोडल अधिकारी अपने स्तर पर मुख्यालय से नाम ठीक करवा सकेंगे।
यह है जिले में योजना की स्थिति
अब तक योजना के तहत ले चुके उपचार : 673
जारी हुए गोल्डन कार्ड : 75 हजार
लाभार्थी : 2 लाख 80 हजार
ये हैं योजना के पैनल में अस्पताल
फतेहाबाद : वधवा अस्पताल, बत्रा अस्पताल, आई क्यू, बांसल हार्ट अस्पताल, जयपुर बच्चों का अस्पताल, नागरिक अस्पताल
टोहाना : राजस्थान मेडिकल सेंटर, पारूल ईएनटी, रंजन आई अस्पताल, नागरिक अस्पताल टोहाना
योजना में अन्य परिवारों को जोड़ने पर चल रहा मंथन
आयुष्मान भारत योजना को लेकर सिविल सर्जन से फीडबैक मांगा गया था। सिविल सर्जनों ने राय दी कि आउटडोर ओपीडी को इसमें शामिल किया जाए। लेकिन विभाग के उच्च अधिकारियों ने आउटडोर ओपीडी शुरू करने से इनकार कर दिया और इसमें फर्जीवाड़ा की आशंका बताई है। अभी फिलहाल इनडोर ओपीडी चल रही है। सिविल सर्जन की तरफ से दूसरी मुख्य राय पैकेज बढ़ाने की मांग रखी। उच्च अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही पैकेज भी बढ़ाए जाएंगे। इसके अलावा इस योजना में अभी तक 2011 में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों को शामिल किया जा रहा है। अब इस योजना में 1 लाख 80 हजार से कम आय और 5 एकड़ से कम जमीन वालों को भी जोड़ने की तैयारी चल रही है।
वर्जन
आयुष्मान भारत योजना में शामिल परिवारों को गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। कैंप भी लगाए जा रहे हैं। मुख्य वजह यह है कि सूची बहुत पुरानी है और उसमें शामिल कई परिवार ट्रेस नहीं हो रहे हैं।
- डॉ. मनीष टुटेजा, जिला नोडल अधिकारी, फतेहाबाद।
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स्वास्थ्य विभाग के कैंप और लक्ष्य भी गोल्डन कार्ड की संख्या को आगे नहीं बढ़ा पाया है। इसके पीछे मुख्य कारण है कि सूची में शामिल अधिकतर परिवार यहां से जा चुके हैं और वह ट्रेस नहीं हो रहे हैं। केंद्र सरकार की तरफ से 2011 में जनगणना के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर पाए गए परिवारों को इस सूची में शामिल किया गया है। लेकिन अभी तक 75 हजार सदस्यों ने ही गोल्डन कार्ड बनवाए हैं। इनमें से 673 लोग उपचार ले चुके हैं। गोल्डन कार्ड बनवाने वालों की संख्या बढ़ाने के लिए पीएचसी, सीएचसी, नागरिक अस्पताल और पैनल में शामिल प्राइवेट अस्पतालों में भी शुरूआत की गई है। अहम बात यह भी है कि अब अगर आईडी कार्ड में नाम गलत है और सूची में नाम है तो भी परिवार के सदस्य गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं। कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद जिला नोडल अधिकारी अपने स्तर पर मुख्यालय से नाम ठीक करवा सकेंगे।
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अब तक योजना के तहत ले चुके उपचार : 673
जारी हुए गोल्डन कार्ड : 75 हजार
लाभार्थी : 2 लाख 80 हजार
ये हैं योजना के पैनल में अस्पताल
फतेहाबाद : वधवा अस्पताल, बत्रा अस्पताल, आई क्यू, बांसल हार्ट अस्पताल, जयपुर बच्चों का अस्पताल, नागरिक अस्पताल
टोहाना : राजस्थान मेडिकल सेंटर, पारूल ईएनटी, रंजन आई अस्पताल, नागरिक अस्पताल टोहाना
योजना में अन्य परिवारों को जोड़ने पर चल रहा मंथन
आयुष्मान भारत योजना को लेकर सिविल सर्जन से फीडबैक मांगा गया था। सिविल सर्जनों ने राय दी कि आउटडोर ओपीडी को इसमें शामिल किया जाए। लेकिन विभाग के उच्च अधिकारियों ने आउटडोर ओपीडी शुरू करने से इनकार कर दिया और इसमें फर्जीवाड़ा की आशंका बताई है। अभी फिलहाल इनडोर ओपीडी चल रही है। सिविल सर्जन की तरफ से दूसरी मुख्य राय पैकेज बढ़ाने की मांग रखी। उच्च अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही पैकेज भी बढ़ाए जाएंगे। इसके अलावा इस योजना में अभी तक 2011 में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों को शामिल किया जा रहा है। अब इस योजना में 1 लाख 80 हजार से कम आय और 5 एकड़ से कम जमीन वालों को भी जोड़ने की तैयारी चल रही है।
वर्जन
आयुष्मान भारत योजना में शामिल परिवारों को गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। कैंप भी लगाए जा रहे हैं। मुख्य वजह यह है कि सूची बहुत पुरानी है और उसमें शामिल कई परिवार ट्रेस नहीं हो रहे हैं।
- डॉ. मनीष टुटेजा, जिला नोडल अधिकारी, फतेहाबाद।