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Fatehabad News: म्यांमार में बंधक बनाए गए युवाओं से करवाई जाती थी साइबर ठगी
संवाद न्यूज एजेंसी, फतेहाबाद
Updated Thu, 20 Nov 2025 11:38 PM IST
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फतेहाबाद/भूना। म्यांमार में साइबर क्राइम कंपनियों के चंगुल से छूटकर लौटे फतेहाबाद के एक और भूना ब्लॉक के दो युवकों की शिकायत पर भूना पुलिस ने सिरसा के कैरांवाली निवासाी दीपक और उत्तराखंड के कलागढ़ निवासी अमन और प्रीत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। आरोप है कि आरोपी पीड़ितों को पहले थाइलैंड बुलाते और फिर बार्डर पार करवाकर म्यांमार भेज देते थे।
वहां चीन की बनाई गई कंपनियों में डेंटिंग साइटों पर काम करने का दबाव डाला जाता था और उनसे साइबर ठगी से जुड़े काम करवाए जाते थे। दोनों युवक एक ही गांव के हैं, जिन्हें म्यांमार में चीन के हैंडलरों ने बंधक बनाकर साइबर फ्रॉड से जुड़े काम करवाए। पीड़ितों ने बताया कि वे अलग-अलग एजेंटों के माध्यम से नौकरी की तलाश में थाईलैंड पहुंचे थे।
युवकों के अनुसार वहां से उन्हें बेहतर वेतन और फ्री रहने-खाने का झांसा देकर म्यांमार स्थित एक चीन की कंपनी में भेजा गया। वहां पहुंचते ही उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए और धमकी देते हुए गैरकानूनी कार्यों के लिए दबाव बनाया गया। वहां से बाहर निकलने की कोशिश में एक युवक ने भरोसेमंद व्यक्ति की मदद से भारतीय एंबेसी को ईमेल भेजी।
इसके बाद 28 अक्तूबर को म्यांमार सेना ने उस इलाके में छापा मारा और युवकों को रेस्क्यू कर सेना ने सुरक्षित थाईलैंड पहुंचाकर भारतीय दूतावास को सौंप दिया। युवकों के अनुसार 6 और 10 नवंबर को भारतीय वायुसेना ने उन्हें थाईलैंड से एयरलिफ्ट कर गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पहुंचाया। वहां विभिन्न एजेंसियों ने पूछताछ के बाद सभी को उनके जिलों से नियुक्त नोडल अधिकारियों के हवाले कर दिया।
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ऐसे डाला जाता था दबाव
शिकायत में युवकों ने बताया है कि म्यांमार में जिन कंपनियों में काम करवाया जाता है, उन्हें चीन के लोग संभाल रहे है। इन्होंने साइबर ठगी का जाल बिछा रखा है। ये लोग डेंटिंग साइट हमें देते और इन अकाउंट से यूएसए के 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों से बात करके नंबर हासिल करना होता था। इसके बाद नंबर लेकर इन्हें दिया जाता था और ये लड़की बनकर उन्हें प्यार के जाल में फंसाते थे और डॉलर लेते थे।
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विदेश जाने से पहले करें जांच-पड़ताल
थानाध्यक्ष ओमप्रकाश ने बताया कि तीनों की शिकायत पर सिरसा और उत्तराखंड के तीन आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। युवाओं को सलाह है कि विदेश में नौकरी के नाम पर मिलने वाले आकर्षक ऑफर से सतर्क रहें। नियोक्ता की पूरी तरह से जांच-पड़ताल करें और किसी भी संदिग्ध एजेंट के भरोसे विदेश न जाएं।
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वहां चीन की बनाई गई कंपनियों में डेंटिंग साइटों पर काम करने का दबाव डाला जाता था और उनसे साइबर ठगी से जुड़े काम करवाए जाते थे। दोनों युवक एक ही गांव के हैं, जिन्हें म्यांमार में चीन के हैंडलरों ने बंधक बनाकर साइबर फ्रॉड से जुड़े काम करवाए। पीड़ितों ने बताया कि वे अलग-अलग एजेंटों के माध्यम से नौकरी की तलाश में थाईलैंड पहुंचे थे।
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युवकों के अनुसार वहां से उन्हें बेहतर वेतन और फ्री रहने-खाने का झांसा देकर म्यांमार स्थित एक चीन की कंपनी में भेजा गया। वहां पहुंचते ही उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए और धमकी देते हुए गैरकानूनी कार्यों के लिए दबाव बनाया गया। वहां से बाहर निकलने की कोशिश में एक युवक ने भरोसेमंद व्यक्ति की मदद से भारतीय एंबेसी को ईमेल भेजी।
इसके बाद 28 अक्तूबर को म्यांमार सेना ने उस इलाके में छापा मारा और युवकों को रेस्क्यू कर सेना ने सुरक्षित थाईलैंड पहुंचाकर भारतीय दूतावास को सौंप दिया। युवकों के अनुसार 6 और 10 नवंबर को भारतीय वायुसेना ने उन्हें थाईलैंड से एयरलिफ्ट कर गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पहुंचाया। वहां विभिन्न एजेंसियों ने पूछताछ के बाद सभी को उनके जिलों से नियुक्त नोडल अधिकारियों के हवाले कर दिया।
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ऐसे डाला जाता था दबाव
शिकायत में युवकों ने बताया है कि म्यांमार में जिन कंपनियों में काम करवाया जाता है, उन्हें चीन के लोग संभाल रहे है। इन्होंने साइबर ठगी का जाल बिछा रखा है। ये लोग डेंटिंग साइट हमें देते और इन अकाउंट से यूएसए के 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों से बात करके नंबर हासिल करना होता था। इसके बाद नंबर लेकर इन्हें दिया जाता था और ये लड़की बनकर उन्हें प्यार के जाल में फंसाते थे और डॉलर लेते थे।
विदेश जाने से पहले करें जांच-पड़ताल
थानाध्यक्ष ओमप्रकाश ने बताया कि तीनों की शिकायत पर सिरसा और उत्तराखंड के तीन आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। युवाओं को सलाह है कि विदेश में नौकरी के नाम पर मिलने वाले आकर्षक ऑफर से सतर्क रहें। नियोक्ता की पूरी तरह से जांच-पड़ताल करें और किसी भी संदिग्ध एजेंट के भरोसे विदेश न जाएं।