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खेल कोटे के नाम पर फर्जीवाड़ा:हरियाणा के 143 खिलाड़ियों के ग्रेडेशन प्रमाणपत्र होंगे रद्द, कार्रवाई के निर्देश

संवाद न्यूज एजेंसी, फतेहाबाद (हरियाणा) Updated Fri, 21 Nov 2025 08:33 AM IST
सार

रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में खेल कोटे के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर नौकरियों में फायदा उठाने की कोशिश हुई। इससे न केवल वास्तविक खिलाड़ियों का हक मारा गया, बल्कि भर्तियों की पारदर्शिता पर भी सवाल उठे।

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Sports gradation certificates issued to 143 players of the state will be cancelled
सर्टिफिकेट (सांकेतिक) - फोटो : संवाद
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विस्तार
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सरकारी भर्तियों में खेल कोटे के नाम पर फर्जीवाड़ा अब बड़े स्तर पर सामने आया है। राज्य सरकार को भेजी गई जांच रिपोर्ट में खेल विभाग ने कई खिलाड़ियों के प्रमाणपत्रों को संदिग्ध, अमान्य और यहां तक कि फर्जी घोषित किया है।

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रिपोर्ट में कई ऐसे सर्टिफिकेट भी पाए गए हैं, जो न तो किसी मान्यता प्राप्त राज्य संघ की ओर से जारी किए गए हैं और न ही राष्ट्रीय महासंघ या इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन से संबद्ध हैं। एसोसिएशन ने बिना मान्यता के ही खेल के प्रमाणपत्र खिलाड़ियों को जारी कर दिए। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, खिलाड़ियों के सर्टिफिकेट की सूची बनाकर संबंधित फेडरेशनों से सत्यापन कराया गया। जांच में बड़ी संख्या ऐसे प्रमाणपत्र निकले, जो संबंधित एसोसिएशन से संबद्ध नहीं है। उन पर सर्टिफिकेट फर्जी और मान्य नहीं है जैसी टिप्पणियां दर्ज की गईं हैं।
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जांच रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि ताइक्वांडो, एथलेटिक्स, वॉलीबाल, थ्रोबाल और सर्कल कबड्डी के प्रमाणपत्रों में बड़े स्तर पर अनियमितताएं मिलीं। ताइक्वांडो में कई खिलाड़ियों के सर्टिफिकेट मान्य नहीं पाए गए। कोई भी दस्तावेज मान्यता प्राप्त राज्य संघ से जारी नहीं हुआ था, जबकि कुछ में राष्ट्रीय फेडरेशन की मान्यता ही नहीं थी। एथलेटिक्स में कई प्रमाणपत्र सीधे फर्जी घोषित हुए।

संबंधित संघ ने स्पष्ट लिखा कि ऐसे किसी खिलाड़ी का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। वॉलीबाल व थ्रोबाल में भी कई सर्टिफिकेट ऐसे निकले जिन पर दर्ज उपलब्धियां असत्य साबित हुईं। कबड्डी में कई खिलाड़ियों के प्रमाणपत्र न मान्यता प्राप्त संघ से जारी पाए गए और न ही इवेंट के वर्ष में फेडरेशन की कोई अधिकृत प्रतियोगिता हुई थी। 

भर्तियों पर भी पड़ा असर
रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में खेल कोटे के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर नौकरियों में फायदा उठाने की कोशिश हुई। इससे न केवल वास्तविक खिलाड़ियों का हक मारा गया, बल्कि भर्तियों की पारदर्शिता पर भी सवाल उठे। कई सर्टिफिकेट तो 2012, 2014, 2016 और 2018 की प्रतियोगिताओं के बताए जा रहे थे, लेकिन संबंधित संघों ने ऐसे आयोजनों के होने से ही इन्कार कर दिया। वहीं कुछ खिलाड़ियों को असली और नकली दोनों तरह के दस्तावेज लेकर आते पाया गया। जांच रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि कई प्रमाणपत्र जूनियर कैटेगरी के थे, जबकि उम्मीदवार ने उन्हें सीनियर कैटेगरी के रूप में नौकरी में लगाया जो नियमों के खिलाफ है।

प्रदेश सरकार ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
खेल विभाग की इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने सभी जिलों को निर्देश भेजे हैं कि भविष्य में किसी भी भर्ती में खेल प्रमाणपत्रों का 100 प्रतिशत सत्यापन अनिवार्य किया जाए। साथ ही फर्जी प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल करने वाले खिलाड़ियों पर केस दर्ज करने की भी सिफारिश की गई है।

सबसे ज्यादा हिसार, जींद व फतेहाबाद के खिलाड़ी शामिल
जारी सूची में हिसार के 36 खिलाड़ी, जींद के 31, फतेहाबाद के 20, चरखी दादरी के 8, सोनीपत के 6, कैथल के 6, महेंद्रगढ़ के 9, रोहतक के 3, करनाल के 4, पानीपत के 13, कुरुक्षेत्र व भिवानी के 2, रेवाड़ी, सिरसा व झज्जर के एक-एक खिलाड़ी शामिल हैं।

अधिकारी के अनुसार
मुख्यालय की ओर से जिले के करीब 20 खिलाड़ियों के प्रमाणपत्र रद्द करने के बारे में पत्र जारी हुआ है। जिन खिलाड़ियों को जिस एसोसिएशन ने प्रमाणपत्र दिए है, उस समय उस एसोसिएशन को मान्यता नहीं थी। जिस कारण पूरे प्रदेश में मुख्यालय की ओर से करीब 143 प्रमाण पत्रों को रद्द करने के लिए बोला गया है। -विष्णुदास, जिला खेल अधिकारी, फतेहाबाद।

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