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Hisar News: परिवार को नन्हे मेहमान का था इंतजार...सारी उम्मीदें टूट गईं, निजी अस्पताल में नवजात की मौत
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हिसार। शहर के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान 17 दिन के नवजात बच्चे की मौत मामले में रविवार को अस्पताल प्रबंधन पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस ने अग्रोहा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।
पोस्टमार्टम हाउस के बाहर बैठे बच्चे के दादा अजमेर सिंह ने रोते हुए कहा कि परिवार के लोग नौ महीने से इंतजार कर रहे थे कि घर में नन्हा मेहमान आएगा। जब उसका जन्म हुआ तो उम्मीद थी कि जल्द ठीक हो जाएगा। उन्होंने बताया कि जैसे ही अस्पताल बदलने की बात की तो अस्पताल प्रबंधन ने कह दिया कि 10 मिनट पहले ही बच्चे की मौत हो गई है।
परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही बरतने के कारण बच्चे की मौत हुई है। अस्पताल प्रबंधन ने आयुष्मान कार्ड से 1 लाख 75 हजार रुपये का बिल बना दिया। इस कार्ड की लिमिट पूरी हो गई तो कह दिया कि आपके बच्चे की मौत हो गई है। भिवानी जिले के गांव रोहनात निवासी अमरीक सिंह ने बताया कि पत्नी रीना को चार दिसंबर को हांसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया। तबीयत खराब होने पर बच्चे को हिसार के एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया। चिकित्सकों ने उन्हें आश्वासन दिया कि आपका बच्चा ठीक हो जाएगा।
आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने बच्चे को 20 दिसंबर तक अपने पास रखा और बिल बनाता रहा। शनिवार को चिकित्सक ने कहा दिया कि 10 मिनट पहले ही बच्चे की मौत हो गई है। परिजन नवजात को हिसार के नागरिक अस्पताल में लेकर पहुंचे। डॉक्टरों की टीम न होने की वजह से उन्हें अग्रोहा भेज दिया गया, जहां पोस्टमार्टम किया।
जांच अधिकारी संदीप कुमार का कहना है कि बच्चे का पोस्टमार्टम कराया गया है। फिलहाल किसी पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उस हिसाब से कार्रवाई करेंगे।
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पोस्टमार्टम हाउस के बाहर बैठे बच्चे के दादा अजमेर सिंह ने रोते हुए कहा कि परिवार के लोग नौ महीने से इंतजार कर रहे थे कि घर में नन्हा मेहमान आएगा। जब उसका जन्म हुआ तो उम्मीद थी कि जल्द ठीक हो जाएगा। उन्होंने बताया कि जैसे ही अस्पताल बदलने की बात की तो अस्पताल प्रबंधन ने कह दिया कि 10 मिनट पहले ही बच्चे की मौत हो गई है।
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परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही बरतने के कारण बच्चे की मौत हुई है। अस्पताल प्रबंधन ने आयुष्मान कार्ड से 1 लाख 75 हजार रुपये का बिल बना दिया। इस कार्ड की लिमिट पूरी हो गई तो कह दिया कि आपके बच्चे की मौत हो गई है। भिवानी जिले के गांव रोहनात निवासी अमरीक सिंह ने बताया कि पत्नी रीना को चार दिसंबर को हांसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया। तबीयत खराब होने पर बच्चे को हिसार के एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया। चिकित्सकों ने उन्हें आश्वासन दिया कि आपका बच्चा ठीक हो जाएगा।
आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने बच्चे को 20 दिसंबर तक अपने पास रखा और बिल बनाता रहा। शनिवार को चिकित्सक ने कहा दिया कि 10 मिनट पहले ही बच्चे की मौत हो गई है। परिजन नवजात को हिसार के नागरिक अस्पताल में लेकर पहुंचे। डॉक्टरों की टीम न होने की वजह से उन्हें अग्रोहा भेज दिया गया, जहां पोस्टमार्टम किया।
जांच अधिकारी संदीप कुमार का कहना है कि बच्चे का पोस्टमार्टम कराया गया है। फिलहाल किसी पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उस हिसाब से कार्रवाई करेंगे।