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Kaithal News: घने कोहरे ने थामी वाहनों की रफ्तार, सूरज नदारद
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Fri, 19 Dec 2025 01:27 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
कैथल/राजौंद/कलायत/पूंडरी। जिले में सर्दी ने तीखे तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। वीरवार को लोग सुबह जागे तो उनका स्वागत घने कोहरे की चादर ने किया। दिन का अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 9.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सूर्यदेव के दर्शन न होने से लोग ठंड से ठिठुरते रहे। हल्की धूप दिखाई दी, लेकिन कुछ ही पल में कोहरे में समां गई।
दिन निकलने के बावजूद भी वाहन चालक लाइटें जलाकर चल रहे थे। आलम यह है कि कोहरे से सुबह यातायात रेंगता दिखाई देता है। उधर किसान कुलदीप कुमार, विशाल, सुरेंद्र, मोहन, हुकम सिंह, गुलशन, नरेंद्र ने बताया कि कोहरा और ठंड गेहूं की फसल के लिए लाभदायक है। इस मौसम में नमी बढ़ने से फसल को फायदा मिलता है क्योंकि इससे मिट्टी में नमी बनी रहती है ठंड और कोहरा गेहूं के विकास में सहायक होते हैं। उन्होंने बताया कि कोहरे के कारण सिंचाई की जरूरत कम हो जाती है जिसे पानी की बचत होती है।
उधर, ग्रामीण क्षेत्र से शहर में दूध आदि की आपूर्ति भी देरी से हुई। लोगों का समय आग तापते गुजरा। मौसम विभाग के विशेषज्ञ डॉ रमेश चंद्र ने बताया कि पहाड़ी राज्यों में कड़ाके की ठंड और बर्फबारी के आसार हैं, जबकि मैदानी इलाकों में घना कोहरा और तापमान में गिरावट से जनजीवन प्रभावित है। उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में जहां सर्दी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, वहीं मैदानी इलाकों में घना कोहरा और तापमान में गिरावट जनजीवन को प्रभावित कर रही है।
कुछ क्षेत्रों में दिन के तापमान में असामान्य बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है, जिससे मौसम का मिजाज विरोधाभासी नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि मौसम फसलों के लिए फायदेमंद हो सकता हैं। ठंड अनुकूल होने से गेहूं की पैदावार अच्छी होगी। विभाग ने आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की संभावना जताई है।
खेतों में पाला जमना शुरू
सीवन। पिछले कुछ दिनों से मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। सुबह और रात के समय कोहरे के साथ ठंड में इजाफा हो गया है। धुंध ने दृश्यता को प्रभावित कर दिया है। वाहन चालक परेशान हो गए हैं। ठंडी हवाओं और गिरते तापमान के कारण लोग कंपकंपाते नजर आ रहे हैं। संवाद
कड़ाके की ठंड से स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति घटी
कड़ाके की ठंड का असर अब स्कूलों की उपस्थिति पर साफ़ दिखाई देने लगा है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्कूलों में छात्रों की संख्या में 10 फीसदी गिरावट दर्ज की जा रही है। शिक्षकों के अनुसार सर्द हवाओं, घने कोहरे और तापमान में लगातार हो रही गिरावट के कारण अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से परहेज़ कर रहे हैं। विशेषकर प्राथमिक और पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं में उपस्थिति सबसे अधिक प्रभावित हुई है। छोटे बच्चों के बीमार पड़ने का डर अभिभावकों की प्रमुख चिंता बना हुआ है। कई स्कूलों में जहाँ सामान्य दिनों में 90 प्रतिशत तक उपस्थिति रहती थी, वहीं इन दिनों यह घटकर 75 से 80 प्रतिशत तक पहुँच गई है। अभिभावक विक्रम, राकेश, राजेंद्र, विनोद का कहना है कि सुबह के समय अत्यधिक ठंड और कोहरा होने से बच्चों को स्कूल भेजना जोखिम भरा लगता है। बच्चों को सुबह उठने में दिक्कत हो रही है और ठंडे मौसम में लंबे समय तक बाहर रहना उनके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।
खानपान और एहतियात बरतने की दी सलाह
नागरिक अस्पताल के डॉ. विनय गुप्ता ने लोगों को खानपान में एहतियात बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मौसम में बदलाव के साथ-साथ बिगड़ती हवा लोगों को बीमार कर रही है। तापमान में गिरावट के कारण गले में खराश और खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। उन्होंने सभी से अपील की है कि बदलते मौसम में सेहत का ध्यान रखें और खानपान में सावधानी बरतें। उन्होंने लोगों से सुबह और शाम बाहर निकलने से बचने, मास्क का इस्तेमाल करने, और जरूरत पड़ने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेने की अपील की है। बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा गया है। मरीजों को सलाह दी जा रही है कि खानपान में एहतियात बरतें, ठंडे पेय पदार्थों से बचें, ताकि मौसमी बीमारियों से सुरक्षित रहें।
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कैथल/राजौंद/कलायत/पूंडरी। जिले में सर्दी ने तीखे तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। वीरवार को लोग सुबह जागे तो उनका स्वागत घने कोहरे की चादर ने किया। दिन का अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 9.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सूर्यदेव के दर्शन न होने से लोग ठंड से ठिठुरते रहे। हल्की धूप दिखाई दी, लेकिन कुछ ही पल में कोहरे में समां गई।
दिन निकलने के बावजूद भी वाहन चालक लाइटें जलाकर चल रहे थे। आलम यह है कि कोहरे से सुबह यातायात रेंगता दिखाई देता है। उधर किसान कुलदीप कुमार, विशाल, सुरेंद्र, मोहन, हुकम सिंह, गुलशन, नरेंद्र ने बताया कि कोहरा और ठंड गेहूं की फसल के लिए लाभदायक है। इस मौसम में नमी बढ़ने से फसल को फायदा मिलता है क्योंकि इससे मिट्टी में नमी बनी रहती है ठंड और कोहरा गेहूं के विकास में सहायक होते हैं। उन्होंने बताया कि कोहरे के कारण सिंचाई की जरूरत कम हो जाती है जिसे पानी की बचत होती है।
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उधर, ग्रामीण क्षेत्र से शहर में दूध आदि की आपूर्ति भी देरी से हुई। लोगों का समय आग तापते गुजरा। मौसम विभाग के विशेषज्ञ डॉ रमेश चंद्र ने बताया कि पहाड़ी राज्यों में कड़ाके की ठंड और बर्फबारी के आसार हैं, जबकि मैदानी इलाकों में घना कोहरा और तापमान में गिरावट से जनजीवन प्रभावित है। उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में जहां सर्दी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है, वहीं मैदानी इलाकों में घना कोहरा और तापमान में गिरावट जनजीवन को प्रभावित कर रही है।
कुछ क्षेत्रों में दिन के तापमान में असामान्य बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है, जिससे मौसम का मिजाज विरोधाभासी नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि मौसम फसलों के लिए फायदेमंद हो सकता हैं। ठंड अनुकूल होने से गेहूं की पैदावार अच्छी होगी। विभाग ने आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की संभावना जताई है।
खेतों में पाला जमना शुरू
सीवन। पिछले कुछ दिनों से मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। सुबह और रात के समय कोहरे के साथ ठंड में इजाफा हो गया है। धुंध ने दृश्यता को प्रभावित कर दिया है। वाहन चालक परेशान हो गए हैं। ठंडी हवाओं और गिरते तापमान के कारण लोग कंपकंपाते नजर आ रहे हैं। संवाद
कड़ाके की ठंड से स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति घटी
कड़ाके की ठंड का असर अब स्कूलों की उपस्थिति पर साफ़ दिखाई देने लगा है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्कूलों में छात्रों की संख्या में 10 फीसदी गिरावट दर्ज की जा रही है। शिक्षकों के अनुसार सर्द हवाओं, घने कोहरे और तापमान में लगातार हो रही गिरावट के कारण अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से परहेज़ कर रहे हैं। विशेषकर प्राथमिक और पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं में उपस्थिति सबसे अधिक प्रभावित हुई है। छोटे बच्चों के बीमार पड़ने का डर अभिभावकों की प्रमुख चिंता बना हुआ है। कई स्कूलों में जहाँ सामान्य दिनों में 90 प्रतिशत तक उपस्थिति रहती थी, वहीं इन दिनों यह घटकर 75 से 80 प्रतिशत तक पहुँच गई है। अभिभावक विक्रम, राकेश, राजेंद्र, विनोद का कहना है कि सुबह के समय अत्यधिक ठंड और कोहरा होने से बच्चों को स्कूल भेजना जोखिम भरा लगता है। बच्चों को सुबह उठने में दिक्कत हो रही है और ठंडे मौसम में लंबे समय तक बाहर रहना उनके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।
खानपान और एहतियात बरतने की दी सलाह
नागरिक अस्पताल के डॉ. विनय गुप्ता ने लोगों को खानपान में एहतियात बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मौसम में बदलाव के साथ-साथ बिगड़ती हवा लोगों को बीमार कर रही है। तापमान में गिरावट के कारण गले में खराश और खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। उन्होंने सभी से अपील की है कि बदलते मौसम में सेहत का ध्यान रखें और खानपान में सावधानी बरतें। उन्होंने लोगों से सुबह और शाम बाहर निकलने से बचने, मास्क का इस्तेमाल करने, और जरूरत पड़ने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेने की अपील की है। बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा गया है। मरीजों को सलाह दी जा रही है कि खानपान में एहतियात बरतें, ठंडे पेय पदार्थों से बचें, ताकि मौसमी बीमारियों से सुरक्षित रहें।