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Kaithal News: नागरिक अस्पताल में 12 नए बेड, 9 वेंटिलेटर के साथ आईसीयू शुरू
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Sat, 20 Dec 2025 02:00 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
कैथल। जिला नागरिक अस्पताल कैथल में गंभीर मरीजों के लिए अब अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस आईसीयू की शुरुआत हो चुकी है। इस नए आईसीयू में 12 बेड, 9 आधुनिक वेंटिलेटर और 10 सीपीएपी मशीनों की उपलब्धता ने मरीजों के इलाज की क्षमता को कई गुना बढ़ा दिया है।
अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और तकनीकी कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण देकर आईसीयू संचालन के लिए तैयार कर लिया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रभावी और सुरक्षित उपचार दिया जा सके। अब तक गंभीर रोगियों को प्राइवेट अस्पतालों या हायर सेंटर भेजना पड़ता था, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए बड़ी समस्या साबित होता था। नई सुविधा शुरू होने से जिले के मरीज अब स्थानीय स्तर पर ही बेहतर उपचार प्राप्त कर सकेंगे।
जताया आभार ः आईसीयू में भर्ती एक मरीज के परिजन ने भावुक होकर कहा कि यदि पहले यह सुविधा होती, तो उन्हें महंगे प्राइवेट अस्पताल नहीं जाना पड़ता। नई सुविधा से गरीब परिवारों को राहत मिलेगी।
भतेरी देवी, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत के कारण आईसीयू में भर्ती किया गया था, ने कहा कि डॉक्टरों ने तुरंत सीपीएपी मशीन लगाई और उनकी स्थिति में काफी सुधार हुआ है। स्टाफ की सतर्कता और देखभाल की उन्होंने सराहना की।
347 जीवन रक्षक उपकरण सक्रिय नियमित मॉनिटरिंग से बेहतर इलाज
जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में गंभीर मरीजों के उपचार के लिए कुल 347 जीवन रक्षक उपकरण सक्रिय हैं। इनमें वेंटिलेटर, मॉनिटरिंग सिस्टम, ऑक्सीजन सपोर्ट मशीनें, डायलिसिस यूनिट सहित कई अत्याधुनिक मेडिकल उपकरण शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग इन सभी उपकरणों की साप्ताहिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मॉनिटरिंग करता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी उपकरण सुचारू रूप से कार्यरत रहें और किसी भी तकनीकी समस्या को समय रहते सुधारा जा सके। इस निरीक्षण प्रणाली से मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में लगातार सुधार हो रहा है।
इमरजेंसी और आपात स्थिति के लिए अतिरिक्त बेड तैयार
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अस्पताल प्रशासन ने आईसीयू के साथ-साथ इमरजेंसी देखभाल को भी मजबूत किया है।
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5 बेड इमरजेंसी वार्ड में रखे गए हैं, ताकि दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल मरीजों का तुरंत उपचार किया जा सके और उन्हें रेफर न करना पड़े।
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4 अतिरिक्त बेड किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखे गए हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर तुरंत उपयोग में लाया जा सकता है।
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अस्पताल में रोजाना गंभीर बीमारियों और दुर्घटनाओं से ग्रसित 3–4 मरीज पहुंचते हैं। पहले बेड कम होने के कारण मरीजों को रेफर या निजी अस्पताल भेजना पड़ता था, लेकिन अब आईसीयू की क्षमता बढ़ने से मरीजों का इलाज यहीं संभव होगा।
आईसीयू शुरू होने से अब गंभीर मरीजों को समय पर वेंटिलेटर और लाइफ सपोर्ट मिल सकेगा। पहले रेफर करने में कीमती समय नष्ट होता था, जो जानलेवा साबित होता था। अब हम यहां पर ही बेहतर इलाज देने में सक्षम हैं। -डाॅ. विकास धवन, डिप्टी सिविल सर्जन, कैथल
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कैथल। जिला नागरिक अस्पताल कैथल में गंभीर मरीजों के लिए अब अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस आईसीयू की शुरुआत हो चुकी है। इस नए आईसीयू में 12 बेड, 9 आधुनिक वेंटिलेटर और 10 सीपीएपी मशीनों की उपलब्धता ने मरीजों के इलाज की क्षमता को कई गुना बढ़ा दिया है।
अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और तकनीकी कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण देकर आईसीयू संचालन के लिए तैयार कर लिया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रभावी और सुरक्षित उपचार दिया जा सके। अब तक गंभीर रोगियों को प्राइवेट अस्पतालों या हायर सेंटर भेजना पड़ता था, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए बड़ी समस्या साबित होता था। नई सुविधा शुरू होने से जिले के मरीज अब स्थानीय स्तर पर ही बेहतर उपचार प्राप्त कर सकेंगे।
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जताया आभार ः आईसीयू में भर्ती एक मरीज के परिजन ने भावुक होकर कहा कि यदि पहले यह सुविधा होती, तो उन्हें महंगे प्राइवेट अस्पताल नहीं जाना पड़ता। नई सुविधा से गरीब परिवारों को राहत मिलेगी।
भतेरी देवी, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत के कारण आईसीयू में भर्ती किया गया था, ने कहा कि डॉक्टरों ने तुरंत सीपीएपी मशीन लगाई और उनकी स्थिति में काफी सुधार हुआ है। स्टाफ की सतर्कता और देखभाल की उन्होंने सराहना की।
347 जीवन रक्षक उपकरण सक्रिय नियमित मॉनिटरिंग से बेहतर इलाज
जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में गंभीर मरीजों के उपचार के लिए कुल 347 जीवन रक्षक उपकरण सक्रिय हैं। इनमें वेंटिलेटर, मॉनिटरिंग सिस्टम, ऑक्सीजन सपोर्ट मशीनें, डायलिसिस यूनिट सहित कई अत्याधुनिक मेडिकल उपकरण शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग इन सभी उपकरणों की साप्ताहिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मॉनिटरिंग करता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी उपकरण सुचारू रूप से कार्यरत रहें और किसी भी तकनीकी समस्या को समय रहते सुधारा जा सके। इस निरीक्षण प्रणाली से मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में लगातार सुधार हो रहा है।
इमरजेंसी और आपात स्थिति के लिए अतिरिक्त बेड तैयार
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अस्पताल प्रशासन ने आईसीयू के साथ-साथ इमरजेंसी देखभाल को भी मजबूत किया है।
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5 बेड इमरजेंसी वार्ड में रखे गए हैं, ताकि दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल मरीजों का तुरंत उपचार किया जा सके और उन्हें रेफर न करना पड़े।
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4 अतिरिक्त बेड किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखे गए हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर तुरंत उपयोग में लाया जा सकता है।
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अस्पताल में रोजाना गंभीर बीमारियों और दुर्घटनाओं से ग्रसित 3–4 मरीज पहुंचते हैं। पहले बेड कम होने के कारण मरीजों को रेफर या निजी अस्पताल भेजना पड़ता था, लेकिन अब आईसीयू की क्षमता बढ़ने से मरीजों का इलाज यहीं संभव होगा।
आईसीयू शुरू होने से अब गंभीर मरीजों को समय पर वेंटिलेटर और लाइफ सपोर्ट मिल सकेगा। पहले रेफर करने में कीमती समय नष्ट होता था, जो जानलेवा साबित होता था। अब हम यहां पर ही बेहतर इलाज देने में सक्षम हैं। -डाॅ. विकास धवन, डिप्टी सिविल सर्जन, कैथल