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Kaithal News: तालाबों में पहुंच रहा गंदा पानी, बदबू फैलने से बढ़ी परेशानी
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Sun, 23 Nov 2025 11:46 PM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
कसान। चौशाला गांव में अमृत सरोवर योजना के तहत डेढ़ साल पहले तालाबों का सुंदरीकरण का काम किया गया था लेकिन कुछ समय बाद ही यह योजना बदहाली की भेंट चढ़ गई।
योजना के तहत गांव का गंदा पानी टैंकों में फिल्टर होने के पश्चात तालाब के अंदर जाना था लेकिन यह बगैर फिल्टर हुए तालाबों में जा रहा है। इससे तालाब का पानी तो गंदा हो ही रहा है, पशुओं के लिए भी नहाने और पीने के पानी की समस्या खड़ी हो गई है।
तालाब के अंदर गंदा पानी आने से अब बदबू आने लगी है, जिससे अब वह पानी पशुओं के लिए पीने लायक नहीं बचा है। अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब के चारों ओर जिस फुटपाथ को चलने के लिए बनाया गया था, वह कई जगह से टूटा है और उस पर कंटीली झाड़ियां और घास उगा है। जो स्ट्रीट लाइट तालाब के चारों ओर लगाई गई थी, उनकी जगह सिर्फ पोल खड़े हैं, उन पर कोई लाइट नहीं है। जिन नालियों से टैंकों के अंदर पानी जाता है, वो टूटी पड़ी हैं, जिससे गांव का गंदा पानी फिल्टर टैंको के अंदर न जाकर सीधे तालाब के अंदर जाकर गिरता है। इसके अलावा फिल्टर टैंकों का भी बुरा हाल है। उनके ऊपर भी झाड़ियां और घास खड़ी है।
फिल्टर टैंकों से होकर जाने वाली पानी निकासी की नालियां टूट चुकी हैं। तालाब की चहारदीवारी के रूप में जालियां लगाई गई थीं, वह भी कई जगह से टूट चुकी हैं। ग्रामीण सुरेंद्र ने बताया कि अमृत सरोवर योजना के माध्यम से यह दावा किया गया था कि गांवों के तालाबों का सुंदरीकरण किया जाएगा। इनके चारों ओर फुटपाथ, पेड़-पौधे और सोलर स्ट्रीट लाइट लगाकर तालाब को सुंदर रूप दिया जाएगा। गांव का गंदा पानी साफ होकर तालाब के अंदर जाएगा। मगर गांव के तालाबों में ऐसा कुछ नहीं हुआ।
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कसान। चौशाला गांव में अमृत सरोवर योजना के तहत डेढ़ साल पहले तालाबों का सुंदरीकरण का काम किया गया था लेकिन कुछ समय बाद ही यह योजना बदहाली की भेंट चढ़ गई।
योजना के तहत गांव का गंदा पानी टैंकों में फिल्टर होने के पश्चात तालाब के अंदर जाना था लेकिन यह बगैर फिल्टर हुए तालाबों में जा रहा है। इससे तालाब का पानी तो गंदा हो ही रहा है, पशुओं के लिए भी नहाने और पीने के पानी की समस्या खड़ी हो गई है।
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तालाब के अंदर गंदा पानी आने से अब बदबू आने लगी है, जिससे अब वह पानी पशुओं के लिए पीने लायक नहीं बचा है। अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब के चारों ओर जिस फुटपाथ को चलने के लिए बनाया गया था, वह कई जगह से टूटा है और उस पर कंटीली झाड़ियां और घास उगा है। जो स्ट्रीट लाइट तालाब के चारों ओर लगाई गई थी, उनकी जगह सिर्फ पोल खड़े हैं, उन पर कोई लाइट नहीं है। जिन नालियों से टैंकों के अंदर पानी जाता है, वो टूटी पड़ी हैं, जिससे गांव का गंदा पानी फिल्टर टैंको के अंदर न जाकर सीधे तालाब के अंदर जाकर गिरता है। इसके अलावा फिल्टर टैंकों का भी बुरा हाल है। उनके ऊपर भी झाड़ियां और घास खड़ी है।
फिल्टर टैंकों से होकर जाने वाली पानी निकासी की नालियां टूट चुकी हैं। तालाब की चहारदीवारी के रूप में जालियां लगाई गई थीं, वह भी कई जगह से टूट चुकी हैं। ग्रामीण सुरेंद्र ने बताया कि अमृत सरोवर योजना के माध्यम से यह दावा किया गया था कि गांवों के तालाबों का सुंदरीकरण किया जाएगा। इनके चारों ओर फुटपाथ, पेड़-पौधे और सोलर स्ट्रीट लाइट लगाकर तालाब को सुंदर रूप दिया जाएगा। गांव का गंदा पानी साफ होकर तालाब के अंदर जाएगा। मगर गांव के तालाबों में ऐसा कुछ नहीं हुआ।