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Kurukshetra News: घोड़ों की गर्जना व तीरों की गूंज के साथ रणभूमि का रोमांच करवा रहा महाभारत अनुभव केंद्र
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कुरुक्षेत्र। अनुभव केंद्र में दर्शाए गए महाभारत से जुड़े प्रसंग। संवाद
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सेवा सिंह
कुरुक्षेत्र। धर्मनगरी का बेहद खास प्रोजेक्ट महाभारत अनुभव केंद्र पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने लगा है। हर रोज 150 से अधिक पर्यटक इसे देखने के लिए पहुंच रहे हैं। अब तक 3500 से अधिक पर्यटक पहुंच चुके हैं। इनमें अनेक वीआईपी भी शामिल रहे हैं। हालांकि पिछले तीन दिनों से ठंड व कोहरा बढ़ने पर पर्यटकाें की संख्या कम हुई लेकिन जनवरी माह के बाद रौनक बढ़ने की उम्मीद है।
5160 वर्ष पूर्व जिस पवित्र धरा पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का अद्वितीय उपदेश दिया था, वहीं पर दूर-दराज से पर्यटक महाभारत अनुभव केंद्र का अवलोकन करने पहुंच रहे हैं। केंद्र में प्रवेश करते ही पर्यटकों के लिए रोमांच होने लगता है। द्रौपदी का चीरहरण, कर्ण का धंसता रथ-पहिया, अभिमन्यु की वीरगाथा, अर्जुन-कृष्ण संवाद और पांडवों के स्वर्गारोहण से लेकर श्रीमद्भगवद गीता संदेश तक सब कुछ अपनी आंखों के सामने घटता हुआ प्रतीत होता है।
25 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने किया था अवलोकन
ज्योतिसर तीर्थ परिसर में ही करीब दो एकड़ से अधिक क्षेत्र में पांच प्रमुख ब्लॉकों में थीमैटिक रूप से करीब 206 करोड़ की लागत से बने इस केंद्र का पिछले माह ही 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अवलोकन किया था। इसके बाद इसे आमजन के लिए खोल दिया गया था। यह आधुनिक तकनीकों थ्रीडी मॉडलिंग, डिजिटल इंटरफेस, लेजर शो, एनीमेशन, ऑडियो-विजुअल प्रोजेक्शन, एआई और रोबोटिक्स के माध्यम से महाभारत की महागाथा को जीवंत कर प्रस्तुत करता है। केंद्र में पर्यटकों को महसूस होता है कि वे स्वयं कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत की रणभूमि में खड़े हों, जहां तीरों की गूंज, रथों की गर्जना और घोड़ों की टापें रोमांच पैदा करती हैं।
रणभूमि की प्रांरभिक झलक से लेकर स्वर्गारोहण यात्रा तक का अनुभव
केंद्र के पहले ब्लॉक में कुरु साम्राज्य, महाभारत की पृष्ठभूमि, शंखनाद की ध्वनि और प्रकाश-छाया के प्रभाव से रणभूमि की प्रारंभिक झलक दिखाई गई। वहीं दूसरे ब्लॉक में व्यास-गणेश संवाद दिखाया गया है। इसमें युद्ध के कारण और प्रारंभिक स्थिति को प्रस्तुत किया जबकि तीसरे ब्लॉक में 18 दिन का युद्ध दिखाया गया है। इसमें जयद्रथ वध, भीष्म पितामह का शरसैया पर लेटना, अभिमन्यु का चक्रव्यूह सहित प्रमुख युद्ध घटनाएं ध्वनि-प्रकाश के साथ संजीव होती हैं। चौथे ब्लॉक में द्रौपदी स्वयंवर, अर्जुन का मछली की आंख भेदना, कर्ण की सूर्यपुत्र पहचान, द्यूत क्रीड़ा और द्रौपदी चीरहरण प्रसंग आधुनिक तकनीक से प्रदर्शित किए गए हैं। पांचवें ब्लॉक में अर्जुन के रथ पर प्रोजेक्शन से श्रीकृष्ण का प्रकट होना, विराट स्वरूप का प्रदर्शन, गीता श्लोकों का श्रवण और द्वारका का डूबना विशेष अनुभव कराता है। पांडवों की स्वर्गारोहण यात्रा का अनुभव भी यहीं होता है।
मोदी ने लिखा था...
प्रधानमंत्री मोदी अपने मन की बात सहित कई बार अन्य कार्यक्रमों में केंद्र का जिक्र करते हुए देश के लोगों को इसे देखने का आह्वान भी कर चुके हैं। 25 नवंबर को खुद अवलोकन किया और उन्होंने केंद्र की विजिटर बुक में लिखा था...यह आधुनिक तकनीक और विरासत का प्रभावशाली संयोजन है। यह केंद्र भारत की प्राचीन संस्कृति, अध्यात्मिक मूल्यों और सांस्कृतिक मूल्यों से नई पीढ़ी को जोड़ने में कारगर होगा। यह अतीत और वर्तमान का सेतु है।
अनेक वीआईपी कर चुके अवलोकन : भंडारी
केंद्र की व्यवस्था संभाल रहे राकेश भंडारी बताते हैं कि सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर काे केंद्र का अवलोकन किया था। वहीं अब तक राज्यपाल प्रो असीम घोष, मुख्यमंत्री नायब सैनी, उनकी पत्नी सुमन सैनी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश सौरभ बनर्जी सहित अनेक वीआईपी लोग भी अवलोकन कर चुके हैं।
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कुरुक्षेत्र। धर्मनगरी का बेहद खास प्रोजेक्ट महाभारत अनुभव केंद्र पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने लगा है। हर रोज 150 से अधिक पर्यटक इसे देखने के लिए पहुंच रहे हैं। अब तक 3500 से अधिक पर्यटक पहुंच चुके हैं। इनमें अनेक वीआईपी भी शामिल रहे हैं। हालांकि पिछले तीन दिनों से ठंड व कोहरा बढ़ने पर पर्यटकाें की संख्या कम हुई लेकिन जनवरी माह के बाद रौनक बढ़ने की उम्मीद है।
5160 वर्ष पूर्व जिस पवित्र धरा पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का अद्वितीय उपदेश दिया था, वहीं पर दूर-दराज से पर्यटक महाभारत अनुभव केंद्र का अवलोकन करने पहुंच रहे हैं। केंद्र में प्रवेश करते ही पर्यटकों के लिए रोमांच होने लगता है। द्रौपदी का चीरहरण, कर्ण का धंसता रथ-पहिया, अभिमन्यु की वीरगाथा, अर्जुन-कृष्ण संवाद और पांडवों के स्वर्गारोहण से लेकर श्रीमद्भगवद गीता संदेश तक सब कुछ अपनी आंखों के सामने घटता हुआ प्रतीत होता है।
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25 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने किया था अवलोकन
ज्योतिसर तीर्थ परिसर में ही करीब दो एकड़ से अधिक क्षेत्र में पांच प्रमुख ब्लॉकों में थीमैटिक रूप से करीब 206 करोड़ की लागत से बने इस केंद्र का पिछले माह ही 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अवलोकन किया था। इसके बाद इसे आमजन के लिए खोल दिया गया था। यह आधुनिक तकनीकों थ्रीडी मॉडलिंग, डिजिटल इंटरफेस, लेजर शो, एनीमेशन, ऑडियो-विजुअल प्रोजेक्शन, एआई और रोबोटिक्स के माध्यम से महाभारत की महागाथा को जीवंत कर प्रस्तुत करता है। केंद्र में पर्यटकों को महसूस होता है कि वे स्वयं कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत की रणभूमि में खड़े हों, जहां तीरों की गूंज, रथों की गर्जना और घोड़ों की टापें रोमांच पैदा करती हैं।
रणभूमि की प्रांरभिक झलक से लेकर स्वर्गारोहण यात्रा तक का अनुभव
केंद्र के पहले ब्लॉक में कुरु साम्राज्य, महाभारत की पृष्ठभूमि, शंखनाद की ध्वनि और प्रकाश-छाया के प्रभाव से रणभूमि की प्रारंभिक झलक दिखाई गई। वहीं दूसरे ब्लॉक में व्यास-गणेश संवाद दिखाया गया है। इसमें युद्ध के कारण और प्रारंभिक स्थिति को प्रस्तुत किया जबकि तीसरे ब्लॉक में 18 दिन का युद्ध दिखाया गया है। इसमें जयद्रथ वध, भीष्म पितामह का शरसैया पर लेटना, अभिमन्यु का चक्रव्यूह सहित प्रमुख युद्ध घटनाएं ध्वनि-प्रकाश के साथ संजीव होती हैं। चौथे ब्लॉक में द्रौपदी स्वयंवर, अर्जुन का मछली की आंख भेदना, कर्ण की सूर्यपुत्र पहचान, द्यूत क्रीड़ा और द्रौपदी चीरहरण प्रसंग आधुनिक तकनीक से प्रदर्शित किए गए हैं। पांचवें ब्लॉक में अर्जुन के रथ पर प्रोजेक्शन से श्रीकृष्ण का प्रकट होना, विराट स्वरूप का प्रदर्शन, गीता श्लोकों का श्रवण और द्वारका का डूबना विशेष अनुभव कराता है। पांडवों की स्वर्गारोहण यात्रा का अनुभव भी यहीं होता है।
मोदी ने लिखा था...
प्रधानमंत्री मोदी अपने मन की बात सहित कई बार अन्य कार्यक्रमों में केंद्र का जिक्र करते हुए देश के लोगों को इसे देखने का आह्वान भी कर चुके हैं। 25 नवंबर को खुद अवलोकन किया और उन्होंने केंद्र की विजिटर बुक में लिखा था...यह आधुनिक तकनीक और विरासत का प्रभावशाली संयोजन है। यह केंद्र भारत की प्राचीन संस्कृति, अध्यात्मिक मूल्यों और सांस्कृतिक मूल्यों से नई पीढ़ी को जोड़ने में कारगर होगा। यह अतीत और वर्तमान का सेतु है।
अनेक वीआईपी कर चुके अवलोकन : भंडारी
केंद्र की व्यवस्था संभाल रहे राकेश भंडारी बताते हैं कि सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर काे केंद्र का अवलोकन किया था। वहीं अब तक राज्यपाल प्रो असीम घोष, मुख्यमंत्री नायब सैनी, उनकी पत्नी सुमन सैनी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश सौरभ बनर्जी सहित अनेक वीआईपी लोग भी अवलोकन कर चुके हैं।