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Rewari News: बुढ़ापे में बगिया बनी सहारा, पति की यादों को संजो रहीं 72 वर्षीय कमला देवी

Rohtak Bureau रोहतक ब्यूरो
Updated Sun, 21 Dec 2025 11:29 PM IST
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72-year-old Kamala Devi cherishes her husband's memories as her garden becomes a refuge in her old age.
कमला देवी
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रेवाड़ी। भाड़ावास मार्ग स्थित न्यू आदर्श नगर निवासी 72 वर्षीय कमला देवी ने अपने बगीचे को जीवन जीने का सहारा बना लिया है। घर में अकेली रहने के कारण वे अपना अधिकतम समय बगीचे की देखभाल में लगाती हैं। इससे उनका समय भी व्यतीत होता है और साथ ही मानसिक शांति भी मिलती है।
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कमला देवी के बगीचे में विभिन्न प्रकार के फूल उगाए जा रहे हैं। उनके बगीचे में गेंदा, गुलाब, मरवा, एलोवेरा, तुलसी और बेलपत्र के पौधे लगे हैं। कमला देवी का बगीचा लगभग 200 गज में फैला हुआ है। उनका यह बगीचा 13 साल पहले उनके पति करण सिंह ने शुरू किया था। बगीचे ने उनके पति की यादों को भी संजो कर रखा है।
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उनके पति पंचायत विभाग में सचिव पद से सेवानिवृत्त थे और खेती-किसानी से जुड़े हुए थे। आरंभ में सब्जियां और फल उगाए गए थे। करीब ढाई साल पहले पति की मौत के बाद कमला देवी ने उनके दिखाए हुए गुणों का पालन करते हुए बगीचे की देखभाल खुद करनी शुरू की आज उन्हें बगीचे से काफी खुशी मिलती है।
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प्रतिदिन सुबह और शाम लगभग तीन घंटे बगीचे में देती हैं समय
कमला देवी ने बताया कि वे रोजाना सुबह और शाम लगभग तीन घंटे अपने बगीचे को समय देती हैं। पानी देने, खाद डालने और पौधों की उचित देखभाल के लिए उन्हें बुढ़ापे में श्रमिकों की मदद लेनी पड़ती है। बगीचे में उगाई गई सब्जियां वह खुद इस्तेमाल करती हैं और जरूरत पड़ने पर पड़ोसियों को भी दे देती हैं। इससे वह प्राकृतिक सब्जियों व फलों का सेवन कर पाती हैं।
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बगीचे से मानसिक और धार्मिक संतोष भी मिलता है
कमला देवी का कहना है कि बगीचे की देखभाल उनके लिए टाइम पास का सहारा तो है ही, साथ ही इससे उन्हें मानसिक शांति और धार्मिक संतोष भी मिलता है। अपने बगीचे में समय बिताने से उन्हें अकेलेपन का अनुभव कम होता है और वह अपने पति की स्मृति और उनकी मेहनत को आगे बढ़ाती हैं। कमला देवा ने कहा कि पेड़ पौधे प्रकृति से जुड़ने का अवसर देते हैं, मेरे लिए यह एक अवसर से कम नहीं है।
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ठंड में ऐसे करें पौधों की देखरेख
अनाज मंडी मार्ग पर पौधों की नर्सरी संचालक विजय कुमार ने बताया कि बहुत ठंडे मौसम में फूल, पत्तेदार पौधे और नन्हे फलदार पौधों को जाली, बुना कपड़ा या प्लास्टिक शीट से ढकें। छोटे और संवेदनशील पौधों को घर के अंदर या छायादार और गर्म स्थान पर रखें। पौधों को दीवार या अन्य संरचना के पास लगाएं। बहुत पानी डालने से जड़ सड़ सकती है। सुबह पौधों को पानी दें। मिट्टी की ऊपरी सतह पर सूखे पत्ते, घास या स्ट्रॉ बिछाएं। देसी खाद या कंपोस्ट सर्दियों में पौधों को पोषण देता है और मिट्टी को हवादार बनाए रखता है।

कमला देवी

कमला देवी

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