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Rohtak News: कोर्ट में सात साल चला केस, आरोपी ने खुद को माना दोषी, 5 हजार जुर्माना लगाकर छोड़ा
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माई सिटी रिपोर्टर
रोहतक। अदालत में नशा तस्करी के आरोप में सात साल पहले गिरफ्तार अभियुक्त यूपी के प्रयागराज निवासी 80 वर्षीय चंदूलाल ने खुद को निर्दोष साबित करने की जगह दोषी मानते हुए अपराध स्वीकार कर लिया। जज के सामने लिखित में कहा कि उसने अपने पास 218 ग्राम गांजा रखा हुआ था। अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया। जुर्माना भरने पर उसे रिहा कर दिया गया।
पुलिस रिकाॅर्ड के मुताबिक, अगस्त 2018 में चंदूलाल रेलवे स्टेशन सांपला की तरफ से पैदल ही देव कॉलोनी की तरफ आता दिखाई दिया। पुलिस को देखकर झाड़ियों की तरफ जाने लगा। साथ ही, थैली में बंधा पदार्थ झाड़ियों में फेंक दिया। शक के आधार पर काबू कर पूछताछ की। झाड़ियों में फेंकी पॉलिथीन की जांच की तो उसमें 248 गांजा मिला।
पुलिस ने आरोपी को एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया। तभी से जिला अदालत में मामला चल रहा था। साल 2019 में जज के सामने आरोपी ने खुद को दोषी मानने से इन्कार कर दिया था। कहा था कि वह खुद को निर्दोष मानता है और कानूनी कार्रवाई का सामना करेगा।
पुलिस की तरफ से आरोपी के खिलाफ सबूत पेश किए। अब बचाव पक्ष को अपनी तरफ से गवाह व तथ्य पेश करने थे। उससे पहले ही आरोपी चंदूलाल ने सीआरपीसी की धारा 313 के तहत जमा करवाए बयानों में खुद को दोषी मान लिया।
कहा, वह बिना किसी दबाव में आरोप स्वीकार करता है। उसे आरोप स्वीकार करने के लिए किसी ने बाध्य नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी को एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषी ठहराया जाता है। दोषी ने कहा कि उसके साथ नरमी बरती जाए।
अदालत ने कहा कि आरोपी को एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषी ठहराया जाता है। पांच साल पुराना मामला होने, नशीले पदार्थ की कम मात्रा, अपराध की प्रकृति व मामले की परिस्थितियों को देखते हुए दोषी पर 5 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाता है।
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रोहतक। अदालत में नशा तस्करी के आरोप में सात साल पहले गिरफ्तार अभियुक्त यूपी के प्रयागराज निवासी 80 वर्षीय चंदूलाल ने खुद को निर्दोष साबित करने की जगह दोषी मानते हुए अपराध स्वीकार कर लिया। जज के सामने लिखित में कहा कि उसने अपने पास 218 ग्राम गांजा रखा हुआ था। अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया। जुर्माना भरने पर उसे रिहा कर दिया गया।
पुलिस रिकाॅर्ड के मुताबिक, अगस्त 2018 में चंदूलाल रेलवे स्टेशन सांपला की तरफ से पैदल ही देव कॉलोनी की तरफ आता दिखाई दिया। पुलिस को देखकर झाड़ियों की तरफ जाने लगा। साथ ही, थैली में बंधा पदार्थ झाड़ियों में फेंक दिया। शक के आधार पर काबू कर पूछताछ की। झाड़ियों में फेंकी पॉलिथीन की जांच की तो उसमें 248 गांजा मिला।
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पुलिस ने आरोपी को एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया। तभी से जिला अदालत में मामला चल रहा था। साल 2019 में जज के सामने आरोपी ने खुद को दोषी मानने से इन्कार कर दिया था। कहा था कि वह खुद को निर्दोष मानता है और कानूनी कार्रवाई का सामना करेगा।
पुलिस की तरफ से आरोपी के खिलाफ सबूत पेश किए। अब बचाव पक्ष को अपनी तरफ से गवाह व तथ्य पेश करने थे। उससे पहले ही आरोपी चंदूलाल ने सीआरपीसी की धारा 313 के तहत जमा करवाए बयानों में खुद को दोषी मान लिया।
कहा, वह बिना किसी दबाव में आरोप स्वीकार करता है। उसे आरोप स्वीकार करने के लिए किसी ने बाध्य नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी को एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषी ठहराया जाता है। दोषी ने कहा कि उसके साथ नरमी बरती जाए।
अदालत ने कहा कि आरोपी को एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषी ठहराया जाता है। पांच साल पुराना मामला होने, नशीले पदार्थ की कम मात्रा, अपराध की प्रकृति व मामले की परिस्थितियों को देखते हुए दोषी पर 5 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाता है।