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Yamuna Nagar News: हथिनियों को आज से मिलेगी बाजरे की खिचड़ी
संवाद न्यूज एजेंसी, यमुना नगर
Updated Mon, 01 Dec 2025 12:37 AM IST
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हाथी पुनर्वास केंद्र बणसंतौर में हथिनियों के साथ कर्मचारी। आर्काइव
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संवाद न्यूज एजेंसी
छछरौली। चौधरी सुरेंद्र सिंह हाथी पुनर्वास केंद्र बणसंतौर में एक दिसंबर से चंचल, लिली, लक्ष्मी वन व लक्ष्मी टू हथिनियों की डाइट में बदलाव किया गया है। हथिनियों को बाजरे की खिचड़ी, तिलों का तेल, मूंगफली, गुड़-चना और च्वयनप्राश खाने के लिए दिया जाएगा। केंद्र में साल में दो बार डाइट में बदलाव किया जाता है।
सर्दी की डाइट में गर्म चीजें शामिल की जाती हैं। हर साल एक दिसंबर से सर्दी की डाइट शुरू कर दी जाती है जोकि चार माह तक लगातार दी जाएगी। उसके बाद दोबारा फिर डाइट में बदलाव कर दिया जाएगा। पुनर्वास केंद्र में हथिनियों के दी जाने वाली डाइट में गन्ना, सीजनल फल हरा चारा भी डाइट में शामिल किया गया है। तिल का तेल डाइट के साथ हथिनियों की मालिश में भी इस्तेमाल किया जाता है।
सर्दियों में त्वचा ड्राई हो जाती है। इसके लिए हथिनियों के शरीर पर तिल व सरसों के तेल की मालिश की जाती है। इसके साथ महावत द्वारा हाथी के पैरों का विशेष ध्यान रखा जाता है। हाथी के पैरों में नाखून बढ़ने के बाद नाखूनों में मिट्टी भर जाती है। इसलिए हफ्ते में दो बार नील ट्रीमिंग भी की जाती है। हाथी के भारी भरकम वजन का असर उसके पैरों पर पड़ता है। इसलिए पैरों का ध्यान सबसे ज्यादा रखा जाता है।
2008 में हुई थी पुनर्वास केंद्र की स्थापना
सन 2008 में लगभग एक करोड़ की लागत से 50 एकड़ जमीन पर चौ. सुरेंद्र सिंह हाथी पुनर्वास केंद्र की स्थापना की गई। सन 2008 घरौंडा से बिना परमिट मिले दो मादा हथिनियों लक्ष्मी व चंचल को काबू कर केंद्र में छोड़ा गया था। एक हथिनी लिली को सिरसा चुनाव के दौरान बीएसपी के एक प्रत्याशी के जुलूस से काबू कर केंद्र में लाया गया था। हथिनी लक्ष्मी टू को दिल्ली सरकार के माध्यम से भेजा गया था। अब इस केंद्र में चार हथिनियां हैं।
हाथी पुनर्वास केंद्र में चार मादा चंचल, लिली, लक्ष्मी व और टू हथिनियां हैं। सभी पर एक-एक महावत नियुक्त किया गया है। वहीं सर्दी को देखते हुए उनकी डाइट में बदलाव किया गया है। हाथी पुनर्वास केंद्र में हाथियों की देखभाल रखरखाव के लिए विभाग ने वाइल्डलाइफ एसओएस संस्था को नियुक्त किया है। यह संस्था देश में कई जगह पर हाथी पुनर्वास केंद्र के कार्य कर रही है। -लीलू राम, निरीक्षक, वन्य प्राणी विभाग।
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छछरौली। चौधरी सुरेंद्र सिंह हाथी पुनर्वास केंद्र बणसंतौर में एक दिसंबर से चंचल, लिली, लक्ष्मी वन व लक्ष्मी टू हथिनियों की डाइट में बदलाव किया गया है। हथिनियों को बाजरे की खिचड़ी, तिलों का तेल, मूंगफली, गुड़-चना और च्वयनप्राश खाने के लिए दिया जाएगा। केंद्र में साल में दो बार डाइट में बदलाव किया जाता है।
सर्दी की डाइट में गर्म चीजें शामिल की जाती हैं। हर साल एक दिसंबर से सर्दी की डाइट शुरू कर दी जाती है जोकि चार माह तक लगातार दी जाएगी। उसके बाद दोबारा फिर डाइट में बदलाव कर दिया जाएगा। पुनर्वास केंद्र में हथिनियों के दी जाने वाली डाइट में गन्ना, सीजनल फल हरा चारा भी डाइट में शामिल किया गया है। तिल का तेल डाइट के साथ हथिनियों की मालिश में भी इस्तेमाल किया जाता है।
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सर्दियों में त्वचा ड्राई हो जाती है। इसके लिए हथिनियों के शरीर पर तिल व सरसों के तेल की मालिश की जाती है। इसके साथ महावत द्वारा हाथी के पैरों का विशेष ध्यान रखा जाता है। हाथी के पैरों में नाखून बढ़ने के बाद नाखूनों में मिट्टी भर जाती है। इसलिए हफ्ते में दो बार नील ट्रीमिंग भी की जाती है। हाथी के भारी भरकम वजन का असर उसके पैरों पर पड़ता है। इसलिए पैरों का ध्यान सबसे ज्यादा रखा जाता है।
2008 में हुई थी पुनर्वास केंद्र की स्थापना
सन 2008 में लगभग एक करोड़ की लागत से 50 एकड़ जमीन पर चौ. सुरेंद्र सिंह हाथी पुनर्वास केंद्र की स्थापना की गई। सन 2008 घरौंडा से बिना परमिट मिले दो मादा हथिनियों लक्ष्मी व चंचल को काबू कर केंद्र में छोड़ा गया था। एक हथिनी लिली को सिरसा चुनाव के दौरान बीएसपी के एक प्रत्याशी के जुलूस से काबू कर केंद्र में लाया गया था। हथिनी लक्ष्मी टू को दिल्ली सरकार के माध्यम से भेजा गया था। अब इस केंद्र में चार हथिनियां हैं।
हाथी पुनर्वास केंद्र में चार मादा चंचल, लिली, लक्ष्मी व और टू हथिनियां हैं। सभी पर एक-एक महावत नियुक्त किया गया है। वहीं सर्दी को देखते हुए उनकी डाइट में बदलाव किया गया है। हाथी पुनर्वास केंद्र में हाथियों की देखभाल रखरखाव के लिए विभाग ने वाइल्डलाइफ एसओएस संस्था को नियुक्त किया है। यह संस्था देश में कई जगह पर हाथी पुनर्वास केंद्र के कार्य कर रही है। -लीलू राम, निरीक्षक, वन्य प्राणी विभाग।